नई दिल्ली: केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने मंगलवार को घोषणा की कि जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) दरों में की गई कटौती कृषि और डेयरी क्षेत्रों के लिए फायदेमंद साबित होगी। मंत्रालय के अनुसार, इस बदलाव से छोटे और मध्यम किसानों को महत्वपूर्ण लाभ मिलेगा। ये बदलाव न केवल कृषि उत्पादन की लागत को कम करेंगे, बल्कि कृषि व्यवसायों को भी प्रोत्साहित करेंगे।
देश भर में कृषि मशीनरी और सोलर पावर्ड इक्विपमेंट पर जीएसटी की दर में कमी आने से खेती की लागत में कमी आएगी। इससे किसानों के मुनाफे में भी वृद्धि हो सकती है। इस बदलाव से विशेष रूप से छोटे और सीमांत किसानों को सबसे अधिक फायदा होने की उम्मीद है, क्योंकि इससे कृषि उपकरण और सोलर पावर सिस्टम सस्ते होंगे।
कृषि के क्षेत्र में जैविक पद्धतियों को बढ़ावा देने के लिए जैव-कीटनाशकों और सूक्ष्म पोषक तत्वों पर जीएसटी की दर में कमी की गई है। इससे किसानों को रासायनिक कीटनाशकों की तुलना में जैविक विकल्प अपनाने का प्रोत्साहन मिलेगा। इन उपायों से न केवल कृषि उत्पाद की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि पर्यावरण पर भी सकारात्मक असर पड़ेगा।
दूध, पनीर और घी पर जीएसटी की दरों में बदलाव से डेयरी उत्पादों की कीमतें घटने की उम्मीद है। दूध और पनीर पर जीएसटी नहीं लगाए जाने और घी व मक्खन पर दर 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने से इन उत्पादों की मांग में वृद्धि होगी, जिससे डेयरी क्षेत्र में तेजी आएगी। यह विशेष रूप से छोटे डेयरी उत्पादकों के लिए फायदेमंद रहेगा, जो कम लागत पर अधिक मुनाफा कमाने में सक्षम होंगे।
तेंदू पत्तों पर जीएसटी की दर को 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत किया गया है, जो आदिवासी समुदायों की आजीविका को मजबूत करेगा। यह कदम उन क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा करेगा, जहां तेंदू पत्ते की कटाई और बिक्री प्रमुख आय का स्रोत है।
वाणिज्यिक मालवाहक वाहनों पर जीएसटी की दरों में कमी से कृषि उपज का परिवहन सस्ता हो जाएगा, जिससे किसानों को अपनी उपज बाजार में भेजने में कम खर्च आएगा। यह कदम विशेष रूप से उन किसानों के लिए फायदेमंद है, जो दूर-दराज क्षेत्रों में कृषि उत्पादन करते हैं।
1800 सीसी से कम ट्रैक्टर और ट्रैक्टर के पुर्जों पर जीएसटी को घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है। इससे ट्रैक्टर की कीमतों में कमी आएगी और छोटे किसान मशीनरी का उपयोग करने के लिए प्रेरित होंगे। इसके परिणामस्वरूप समय की बचत होगी, श्रम लागत कम होगी और उत्पादकता में वृद्धि होगी।
अमोनिया, सल्फ्यूरिक एसिड और नाइट्रिक एसिड पर जीएसटी की दर को घटाकर 5 प्रतिशत किया गया है। इससे उर्वरक उत्पादन के लिए इनपुट की लागत में कमी आएगी, जिससे किसानों की लागत कम होगी और उर्वरकों की उपलब्धता बढ़ेगी।
मछली पालन और फूड प्रोसेसिंग उद्योगों को भी जीएसटी में कमी से फायदा होगा। संरक्षित मछली पर जीएसटी 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत किया गया है, जिससे मछली पालन में वृद्धि हो सकती है। इसके अलावा, संरक्षित फलों, सब्जियों और मेवों पर जीएसटी घटाकर 5 प्रतिशत किया गया है, जिससे कोल्ड स्टोरेज और फूड प्रोसेसिंग में वृद्धि होगी।
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