नई दिल्लीः भारतीय अर्थव्यवस्था पूरी दुनिया में तेजी के साथ आगे बढ़ रही है। देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती दिलाने में औद्योगिक क्षेत्र और सर्विस सेक्टर का प्रमुख योगदान है। सरकार की लोककल्याणकारी नीतियों के कारण गरीबी के स्तर में सुधार होने के साथ ही मध्यम वर्ग की आय में भी बढ़ोत्तरी हुई है। इस कारण अब मध्यम वर्ग की रुचि अपने लीविंग स्टैंडर्ड को बेहतर बनाने में अधिक है। कोरोना काल के बाद से ही लोगों ने गोल्ड और ज्वेलरी में निवेश करना शुरू कर दिया है। इसका सीधा-सीधा असर भारत की जेम और ज्वेलरी इंडस्ट्री पर भी पड़ रहा है, उसका आकार लगातार बढ़ रहा है। एक अनुसंधान एवं डेटा नेटवर्क कंपनी की रिपोर्ट के अनुसार 2029 तक 128 अरब डॉलर पहुंचने का अनुमान है, जो कि 2024 में 83 अरब डॉलर था।
लैब में उगाए जाने वाले हीरे को लैबोरेटरी-ग्रोन या सिंथेटिक डायमंड भी कहा जाता है। ये प्राकृतिक हीरे की तरह ही होते हैं, लेकिन इन्हें कार्बन की मदद से प्रयोगशाला में बनाया जाता है। इस हीरे की रासायनिक संरचना और भौतिक गुण प्राकृतिक हीरे के समान ही होता है। अनुसंधान एवं डेटा नेटवर्क कंपनी 1लैटिस की रिपोर्ट में कहा गया है कि जेम और ज्वेलरी इंडस्ट्री में सोना 86 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ शीर्ष पर पहुंच गया है। लैब में उगाए जाने वाले डायमंड यानी सिंथेटिक डायमंड की मांग भी तेजी से बढ़ रही है। सिंथेटिक डायमंड के मार्केट की मौजूदा वैल्यू 345 मिलियन डॉलर है, जो कि 2033 तक बढ़कर 1.2 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है।
आंकड़ों पर गौर करें, तो वैश्विक स्तर पर सिंथेटिक डायमंड के कारोबार में भारत का योगदान 15 प्रतिशत का है। डायमंड के निर्यात में भी पिछले चार वर्षों में काफी बढ़ोत्तरी हुई है, निर्यात 8 गुना बढ़कर वित्त वर्ष 24 में 1.3 अरब डॉलर हो गया है। 1 लैटिस के वरिष्ठ निदेशक (उपभोक्ता एवं खुदरा) आशीष धीर के मुताबिक भारत का जेम और ज्वेलरी इंडस्ट्री विरासत और इनोवेशन के बीच बहुत ही तेजी से विकसित हो रही है। यहां डिजिटल कॉमर्स, किफायती और सस्टेनेबिलिटी के कारण सिंथेटिक डायमंड ज्वेलरी रिटेल मार्केट के भविष्य को नया आकार दे रही है।
रिपोर्ट के अनुसार देश की जेम और ज्वेलरी इंडस्ट्री की बढ़त के प्रमुख कारणों में भारत के मध्यम वर्ग की बढ़ती डिस्पोजेबल आय, लग्जरी और निवेश की प्रवृत्ति प्रमुख है। इसमें ग्रेड ज्वेलरी की मांग में वृद्धि, ब्रांडेड और सर्टिफाइड ज्वेलरी का बढ़ता चलन, संगठित रिटेल में उपभोक्ताओं का बढ़ता विश्वास, ई-कॉमर्स के चलते डिजिटल स्पेस की ओर झुकाव और वर्चुअल ट्राई-ऑन समेत कई कारक हैं।
रिपोर्ट में बताया गया कि 2029 तक देश में होने वाली कुल ज्वेलरी बिक्री में ऑनलाइन की हिस्सेदारी 10 प्रतिशत तक पहुंचने का अनुमान है। सरकारी नीतियों के कारण लैब में तैयार किए जाने वाले डायमंड के मार्केट को बढ़ावा मिल रहा है। इसमें लैब में बने सिंथेटिक डायमंड के बीज पर 5 प्रतिशत की शुल्क कटौती और मैन्युफैक्चरिंग सुविधा बढ़ाने के लिए 30 मिलियन डॉलर की रिसर्च ग्रांट शामिल है। रिपोर्ट में सेमीकंडक्टर, एयरोस्पेस और ऑप्टिक्स जैसे क्षेत्रों में लैब में बने सिंथेटिक डायमंड की इंडस्ट्रियल क्षमता के बारे में बताया गया है, हालांकि भारत में वर्तमान में घरेलू एचपीएचटी मशीन फैब्रीकेशन की कमी है, जो निवेशकों और तकनीकी खिलाड़ियों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर हो सकता है।
अन्य प्रमुख खबरें
Gold Silver news update: सर्राफा बाजार में चांदी ने पकड़ी रफ्तार, सोना का भाव स्थिर
Morgan Stanley Report: भारत में जीएसटी सुधार और ब्याज दरों में कटौती से घरेलू खपत को मिलेगा बढ़ावा
Bullion Market: सोना-चांदी की कीमतों में उतार-चढ़ाव, सोमवार को दिख सकता है बड़ा एक्शन
Tariff War Update: भारत पर अमेरिकी टैरिफ संकट टलने की उम्मीद, ट्रंप के संकेत से बदले समीकरण
Bullion Market: सर्राफा बाजार में सोने की कीमतों में गिरावट, चांदी के दाम में हल्की तेजी
Forex India 2025: भारत का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर हुआ 693.6 अरब डॉलर, अर्थव्यवस्था को मिली मजबूती
Black Box New Update: वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में ब्लैक बॉक्स का मुनाफा 28 प्रतिशत बढ़ा
RBI Big Decision: आरबीआई की को-लेंडिंग गाइडलाइंस में संशोधन, पारदर्शिता और निगरानी बढ़ेगी
RBI News Update: अब चेक क्लियरिंग कुछ घंटों में, RBI का नया सिस्टम लागू
Global Market News: ग्लोबल मार्केट से मिले-जुले संकेत, एशियाई बाजारों पर बिकवाली का दबाव