RBI news Update: बढ़ती वैश्विक चुनौतियों के बीच भारत को नए अवसरों का लाभ उठाने की जरूरतः आरबीआई गवर्नर

खबर सार :-
आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा के बयान ने भारत की अर्थव्यवस्था के प्रति विश्वास को पुनः स्थापित किया है। वैश्विक संकटों के बीच, उन्होंने भारत को विकास के नए अवसरों का लाभ उठाने की आवश्यकता पर बल दिया। उनके मुताबिक, मुद्रास्फीति को नियंत्रित करते हुए विकास बनाए रखना और वित्तीय स्थिरता को मजबूत करना देश की मौद्रिक नीति की प्राथमिकता होगी।

RBI news Update: बढ़ती वैश्विक चुनौतियों के बीच भारत को नए अवसरों का लाभ उठाने की जरूरतः आरबीआई गवर्नर
खबर विस्तार : -

मुंबई: ग्लोबल आर्थिक मंदी और भू-राजनीतिक तनावों के बावजूद, भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था में अपनी महत्वपूर्ण स्थिति को मजबूत करने की दिशा में अग्रसर है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने सोमवार को एफआईबीएसी 2025 वार्षिक सम्मेलन में भारतीय अर्थव्यवस्था के सामने मौजूद चुनौतियों और अवसरों पर विस्तार से बात की। उन्होंने कहा कि मौजूदा वैश्विक संकट के बीच भारत को अपने विकास की गति बनाए रखते हुए, नए अवसरों का लाभ उठाने की आवश्यकता है।

आर्थिक विकास के अनेकों अवसर मौजूद

आरबीआई गवर्नर ने इस बात पर जोर दिया कि वर्तमान वैश्विक माहौल में जहां व्यापारिक अनिश्चितताएं और भू-राजनीतिक तनाव बढ़ रहे हैं, वहीं भारत के पास आर्थिक विकास के लिए कई अवसर मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि देश को व्यापारिक अनिश्चितताओं और भू-राजनीतिक तनावों से निपटते हुए स्थिरता बनाए रखनी होगी। “हम अब एक महत्वपूर्ण मोड़ पर हैं। यह समय है जब हमें अपनी विकास क्षमता का अधिकतम लाभ उठाने के लिए रणनीतियों पर ध्यान केंद्रित करना होगा,” मल्होत्रा ने कहा।

बढ़ते टैरिफ शुल्क से अर्थव्यवस्था पर दबाव बढ़ने की संभावना

संजय मल्होत्रा ने यह भी उल्लेख किया कि उन्नत अर्थव्यवस्थाओं में आर्थिक विकास धीमा हो रहा है और आपूर्ति श्रृंखलाओं में व्यवधान उत्पन्न हो रहे हैं, जिससे भारत को इन परिस्थितियों का लाभ उठाने का अवसर मिल रहा है। हालांकि, उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि वैश्विक व्यापार विवादों और बढ़ते टैरिफ शुल्क से भारतीय अर्थव्यवस्था पर दबाव पड़ सकता है, लेकिन इस पर चर्चा और समाधान की उम्मीद जताई।

केंद्रीय बैंकों के सामने दोहरी चुनौती

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि केंद्रीय बैंकों के सामने मौजूदा समय में एक दोहरी चुनौती है: एक ओर, मुद्रास्फीति को काबू में करना और दूसरी ओर, आर्थिक सुधारों को बाधित किए बिना विकास को प्रोत्साहित करना। उन्होंने कहा कि इस संतुलन को बनाए रखना और मजबूत वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है। भारत की मौजूदा आर्थिक स्थिति को लेकर उन्होंने कहा कि देश अब भी एक मजबूत स्थिति में है। हमारे पास पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार है, जो हमें आने वाले 11 महीनों के आयात को कवर करने में सक्षम बनाएगा।

मौद्रिक नीति का मुख्य उद्देश्य

आरबीआई गवर्नर ने स्पष्ट किया कि मौद्रिक नीति का मुख्य उद्देश्य मूल्य स्थिरता और आर्थिक विकास को संतुलित करना है, ताकि देश वैश्विक आर्थिक परिवर्तनों के बीच भी अपने विकास की दिशा बनाए रख सके। संजय मल्होत्रा के इस बयान ने भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिरता और भविष्य के विकास की संभावनाओं को लेकर विश्वास जगाया है, खासकर वैश्विक आर्थिक दबावों के बीच विश्वास को मजबूती मिली है।

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