PMUY: प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना ने बदली महिलाओं की जिंदगी

खबर सार :-
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, उज्ज्वला योजना के दौरान देश में घरेलू एलपीजी उपभोक्ताओं की संख्या में भारी वृद्धि हुई है। देश भर में मार्च 2005 में 8.3 करोड़ उपभोक्ता थे, जो मार्च 2025 तक बढ़कर 32.9 करोड़ हो गए हैं।

PMUY: प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना ने बदली महिलाओं की जिंदगी
खबर विस्तार : -

नई दिल्लीः केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में लगातार काम कर रही है। सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी और नरेंद्र मोदी की सरकार 11 वर्षों का कार्यकाल पूरा होने पर अपनी उपलब्धियां बताने में जुटी है। ऐसे में उज्ज्वला योजना से होने वाले लाभ का जिक्र सामने आया है, जिसमें ग्रामीण महिलाओं की जिंदगी में होने वाले बदलावों की सराहना की गई है। इस योजना की वजह से न केवल महिलाओं को धुएं से छुटकारा मिला है, बल्कि उनका जीवन भी रोशन हुआ है।

लाभार्थी महिलाओं ने पीएम मोदी का जताया आभार 

आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में ग्रामीण महिलाओं को प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना ने सशक्त बना दिया है। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना से लाभान्वित महिलाओं ने पीएम मोदी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस योजना ने घर और बाहर दोनों जगह उनके दैनिक जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डाला है। लाभार्थी महिला दशरी कुमारी ने कहा कि मुझे साल 2018 में पीएम उज्ज्वला योजना के तहत घरेलू एलपीजी कनेक्शन मिला था। इसके लिए मैने घर के पास ही एक गैस एजेंसी से संपर्क किया था। इसके बाद मुझे योजना के अनुसार तुरंत गैस कनेक्शन मिल गया। इसी प्रकार अन्य लाभार्थी महिला दुर्गा ने भी अपने जीवन में आये बदलावों का जिक्र किया है। उन्होंने कहा कि इस योजना का लाभ मिलने के बाद मुझे लकड़ियां जुटाने में दो से तीन घंटे का समय बर्बाद नहीं करना पड़ता है। अब मेरे पास बहुत समय बच जाता है। मैं अब अपने कामकाजी जीवन के साथ-साथ घर पर भी काम कर पा रही हूं। मैं अपने बच्चों को भी समय दे पाती हूं।

आंकड़ों में उज्ज्वला योजना का हाल

पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों का आंकड़ा जारी किया है। मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, उज्ज्वला योजना के दौरान देश में घरेलू एलपीजी उपभोक्ताओं की संख्या में भारी वृद्धि हुई है। देश भर में मार्च 2005 में 8.3 करोड़ उपभोक्ता थे, जो मार्च 2025 तक बढ़कर 32.9 करोड़ हो गए हैं। एलपीजी कवरेज 2016 में 62 प्रतिशत से बढ़कर 99.8 प्रतिशत हो गया। इससे महिलाओं को परिवार के साथ समय बिताने और आय में योगदान देने का मौका मिला। साथ ही, खाना पकाने के लिए पारंपरिक बायोमास पर निर्भरता कम हुई है। वनों की कटाई और पर्यावरण क्षरण को कम करने में मदद मिली है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के अनुसार, 2015-16 की तुलना में 2019-21 के बीच ग्रामीण क्षेत्रों में टीबी के मामलों में प्रति 1 लाख लोगों पर 46 प्रतिशत की कमी आई, जबकि शहरी क्षेत्रों में 4 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई।

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