मुंबई: रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन और एमडी अनिल अंबानी की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। हाल ही में बैंक लोन फ्रॉड केस में एक्शन के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 68 करोड़ रुपये की फर्जी बैंक गारंटी मामले में जांच तेज कर दी है। ईडी ने इस सिलसिले में ओडिशा और कोलकाता में छापेमारी की है, जहां कुछ प्रमुख संदिग्ध फर्मों से जुड़ी जानकारी का खुलासा हुआ है। ईडी ने मेसर्स बिस्वाल ट्रेडलिंक प्राइवेट लिमिटेड और अन्य संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की है, जो कथित तौर पर अनिल अंबानी के समूह की कंपनियों को फर्जी बैंक गारंटी जारी करने में शामिल थे। यह छापेमारी दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा द्वारा पहले दर्ज किए गए मामले पर आधारित थी।
ईडी का आरोप है कि अनिल अंबानी की कंपनियों को ठेका देने के लिए फर्जी बैंक गारंटी का इस्तेमाल किया गया था। यह बैंक गारंटी 68.2 करोड़ रुपये की थी और इसे भारतीय सौर ऊर्जा निगम (SECI) के एक ठेके के लिए जारी किया गया था। यह गारंटी अनिल अंबानी की कंपनियों, जैसे रिलायंस एनयू बेस लिमिटेड और महाराष्ट्र एनर्जी जनरेशन लिमिटेड के नाम पर जारी की गई थी, जबकि यह पूरी तरह से फर्जी थी। ईडी ने जांच के दौरान पाया कि गारंटी को असली साबित करने के लिए एक धोखाधड़ी का रास्ता अपनाया गया था, जिसमें एक नकली ईमेल डोमेन का इस्तेमाल किया गया था। रिलायंस समूह ने कथित तौर पर एसबीआई के असली डोमेन sbi.co.in के बजाय s-bi.co.in का उपयोग किया, जिससे SECI को गुमराह किया जा सके। इसके अलावा, कई अघोषित बैंक खातों और करोड़ों रुपये के संदिग्ध लेन-देन का भी पता चला है।
ईडी ने यह भी दावा किया कि फर्जी बैंक गारंटी के बदले में कमीशन देने के लिए फर्जी बिल तैयार किए गए थे। इसके अलावा, अधिकारियों ने कहा कि कई कंपनियों के बीच संदिग्ध वित्तीय लेन-देन का पता चला है, जिसमें इन कंपनियों ने आपस में फर्जी लेन-देन किया और इसे कागजों पर सही ठहराने की कोशिश की। ईडी के अनुसार, इस मामले में एक और चौंकाने वाली बात यह है कि कंपनी का पंजीकृत कार्यालय एक रिश्तेदार की आवासीय संपत्ति पर था, जिसका कोई वैधानिक रिकॉर्ड नहीं मिला। इसके अलावा, कंपनी से जुड़े प्रमुख लोग टेलीग्राम ऐप का उपयोग करके ‘डिसअपीयरिंग मैसेज’ फीचर का इस्तेमाल कर रहे थे, जिससे यह संकेत मिलता है कि वे अपने लेन-देन को छिपाने का प्रयास कर रहे थे।
यह मामला तब और भी गंभीर हो जाता है जब हम अनिल अंबानी के रिलायंस ग्रुप से जुड़े अन्य लोन फ्रॉड मामलों को देखें। ईडी ने पहले भी रिलायंस समूह के खिलाफ 17,000 करोड़ रुपये के लोन धोखाधड़ी केस की जांच शुरू की थी, जिसमें यस बैंक और अन्य बैंकों द्वारा प्रदान किए गए लोन का गलत तरीके से डायवर्जन किया गया। यह रकम सार्वजनिक संस्थाओं, बैंकों और निवेशकों के साथ धोखाधड़ी के जरिए इधर-उधर की गई। ईडी ने पाया कि यस बैंक के प्रमोटर, जो मामले के प्रमुख आरोपी हैं, ने लोन के बदले में रिश्वत ली थी। 2017 से 2019 के बीच, लगभग 3,000 करोड़ रुपये के लोन का अवैध डायवर्जन हुआ था। इन लोन की स्वीकृति से पहले रिश्वत दिए जाने का मामला भी जांच के दायरे में है। इस पर भी ईडी ने कार्रवाई की है, और यह खुलासा किया कि किस प्रकार से यस बैंक के अधिकारियों और अन्य संबंधित पक्षों ने यह अपराध किया।
ईडी की यह जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर चल रही है, और यह धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत की जा रही है। इसके अलावा, अन्य एजेंसियों जैसे नेशनल हाउसिंग बैंक, सेबी, और एनएफआरए ने भी ईडी के साथ मिलकर जानकारी साझा की है। ईडी की जांच इस बात पर केंद्रित है कि क्या बैंकों से मिली धनराशि को फर्जी कंपनियों के जरिए अन्य स्थानों पर भेजा गया था और फिर इसे दुरुपयोग किया गया था।
अनिल अंबानी और उनके समूह के खिलाफ ईडी की जांच अब नए मोड़ पर पहुंच गई है। अनिल अंबानी को 5 अगस्त को दिल्ली स्थित ईडी मुख्यालय में पूछताछ के लिए तलब किया गया है। हालांकि, अभी तक यह कहना मुश्किल है कि जांच का क्या दिशा में विकास होगा, लेकिन यह साफ है कि ईडी की कार्रवाई से अनिल अंबानी की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। अब तक की जांच में जो सबूत सामने आए हैं, वे यह संकेत देते हैं कि रिलायंस समूह ने कई संदिग्ध वित्तीय लेन-देन किए हैं और इसके जरिए विभिन्न प्रकार की धोखाधड़ी की है। इसमें फर्जी बैंक गारंटी जारी करना, फर्जी बिल तैयार करना और रिश्वतखोरी जैसी गंभीर गतिविधियाँ शामिल हैं। इस मामले में कई प्रमुख लोग टेलीग्राम और अन्य माध्यमों का उपयोग करके अपनी गतिविधियों को छिपाने की कोशिश कर रहे थे। ईडी की कार्रवाई से यह भी स्पष्ट है कि भारतीय वित्तीय प्रणाली में इस तरह के घोटाले को रोकने के लिए केंद्रीय एजेंसियों की सक्रियता बेहद महत्वपूर्ण है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आगे चलकर अनिल अंबानी और उनके सहयोगियों पर किस प्रकार की कानूनी कार्रवाई की जाती है।
अन्य प्रमुख खबरें
GST reforms Impact: मदर डेयरी ने दूध, पनीर और घी की कीमतें घटाई, नई कीमतें 22 सितंबर से होंगी लागू
Sarafa Bazar Updates: वैश्विक अनिश्चितता का असर, सोना की कीमत 1.10 लाख रुपए के पार
Global Market: ग्लोबल मार्केट से मजबूती के संकेत, एशिया में मिला-जुला कारोबार
Share Market: भारतीय शेयर बाजार हरे निशान के साथ खुला, ऑटो शेयरों में तेजी
Morgan Stanley Report 2025: ब्याज दरों में 50 आधार अंकों की कटौती कर सकता है RBI
Indian Stock Market Update: शेयर बाजार पर दबाव बरकरार, सेंसेक्स और निफ्टी में मामूली गिरावट
Inflation rate: चार महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंची थोक महंगाई दर, अगस्त में आंकड़ा 0.52 फीसदी
Bullion Market Updates: सर्राफा बाजार में सस्ता हुआ सोना, चांदी की कीमतें स्थिर
Global Market news updates: ग्लोबल मार्केट से मिले-जुले संकेत, एशिया में भी मिला-जुला कारोबार
GST Reforms: जीएसटी सुधारों से एमएसएमई में ग्रोथ और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे
GST Reforms: जीएसटी रेट्स में कटौती ऐतिहासिक सुधार और ऑटो उद्योग के लिए एक बड़ी राहत : पीयूष गोयल
Stock Market news updates: भारतीय शेयर बाजार में मामूली बढ़त, वैश्विक संकेतों से उत्साहित
Stock Market News Updates: शेयर बाजार में लगातार चौथे दिन मजबूती, निवेशकों को 78 हजार करोड़ का लाभ