DGCA Clean Chit: एयर इंडिया के बोइंग 787 बेड़े को डीजीसीए से मिली क्लीन चिट

खबर सार :-
गुजरात के अहमदाबाद में 12 जून को विमान हादसे के बाद से एयर इंडिया समेत विमानन कंपनियों में सुरक्षा संबंधी जांच की जा रही है। इसी कड़ी में डीजीसीए ने एयर इंडिया के विमानों की एमआरओ जांच करने के बाद क्लीन चिट दे दी है।

DGCA Clean Chit: एयर इंडिया के बोइंग 787 बेड़े को डीजीसीए से मिली क्लीन चिट
खबर विस्तार : -

नई दिल्लीः नागरिक उड्डयन महानिदेशालय यानी डीजीसीए ने एयर इंडिया के बोइंग 787 बेड़े को क्लीन चिट दे दी है। विमानन नियामक ने कहा कि एयर इंडिया के विमान और संबंधित रखरखाव सिस्टम मौजूदा सुरक्षा मानकों के अनुरूप पाए गए हैं। हमारी निगरानी में किसी भी तरह की बड़ी सुरक्षा चिंता सामने नहीं आई है। 

गुजरात के अहमदाबाद में 12 जून को एयर इंडिया के विमान हादसे के बाद से अब तक करीब 20 से अधिक उड़ानें कैंसिल हो चुकी हैं। इनके पीछे की वजहें भले ही अलग-अलग रही हों, लेकिन यात्रियों की चिंताएं लगातार बढ़ रही हैं, जिसे गंभीरता से लेकर नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने डीजीसीए को विमानों की सुरक्षा को पुख्ता करने को लेकर कड़े निर्देश दिए हैं। इसीलिए एयरलाइन के बोइंग 787-8/9 बेड़े के 33 विमानों की जांच की गई है, जिसमें से चार विमानों की अलग-अलग मेंटीनेंस, रिपेयर और ऑपरेशन  यानी एमआरओ सुविधाओं को लेकर बड़ी जांच की जा रही है।

इस संबंध में डीजीसीए ने कहा कि 17 जून 2025 को दोपहर 3 बजे तक, कुल 24 विमानों की आवश्यक जांच सफलतापूर्वक पूरी कर ली गई है। इसके अलावा बुधवार को दो अतिरिक्त विमानों की जांच का काम प्रगति पर है। इनमें वर्तमान में दिल्ली में दो एओजी हैं। विमानन नियामक ने कहा कि इन दोनों विमानों की जांच सेवाक्षमता की घोषणा के बाद और सेवा में वापस आने से पहले की जाएगी।

डीजीसीए ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ की उच्च स्तरीय बैठक

 डीजीसीए ने एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की है। इस बैठक में बताय गया कि वर्तमान में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय क्षेत्रों में प्रतिदिन 1,000 से अधिक उड़ानें संचालित की जा रही हैं। यह बैठक एयरलाइनों की परिचालन मजबूती की समीक्षा और सुरक्षा करने तथा यात्री सेवा विनियमों का निरंतर अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए बुलाई गई थी।  डीजीसीए ने एयरलाइन को इंजीनियरिंग, ऑपरेशन, ग्राउंड हैंडलिंग यूनिट्स में कोऑर्डिनेशन को मजबूत करने की सलाह दी है। इस बैठक में हवाई क्षेत्र बंद होने को लेकर विशेष रूप से ईरानी हवाई क्षेत्र पर पड़ने वाले प्रभाव की भी समीक्षा की गई है।

हवाई क्षेत्र बंद होने से फ्लाइट डायवर्जन, डिले और कैंसलेशन के कई केस सामने आए हैं, जो चिंता का विषय बन गये हैं। ऑपरेटरों को यात्रियों और क्रू मेंबर्स के साथ समय पर संचार सुनिश्चित करने और व्यवधानों को कम करने के लिए वैकल्पिक रूटिंग रणनीति अपनाने के निर्देश दिए गए हैं। नियामक ने ऑपरेशनल और सेफ्टी-क्रिटिकल डिपार्टमेंट को समय पर अपडेट प्राप्त करने के लिए अधिक व्यवस्थित और रियल-टाइम डिफेक्ट रिपोर्टिंग मैकेनिज्म पर काम करने की सिफारिश की है।

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