हम हरित ऊर्जा से यूपी की अर्थव्यवस्था को बनाएंगे हरित अर्थव्यवस्था- एके शर्मा

खबर सार :-
सौर ऊर्जा के क्षेत्र में यूपी का देश में पहला स्थान हैं। वर्ष 2025 तक यूपी की सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता में 5000 मेगावाट तक की वृद्धि होगी। इससे सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता 10 हजार मेगावाट हो जाएगी। सौर ऊर्जा व जैव ऊर्जा नीति को लागू करके यूपी राज्य हरित ऊर्जा के क्षेत्र में देश में अग्रणी बन गया है। घर की छतों, कम उपयोगी जमीनों, हाईवे के किनारे सौर ऊर्जा संयंत्र लगाकर सब्सिडी हासिल की जा सकती है।

हम हरित ऊर्जा से यूपी की अर्थव्यवस्था को बनाएंगे हरित अर्थव्यवस्था- एके शर्मा
खबर विस्तार : -

लखनऊ : सौर ऊर्जा के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहा है। जुलाई 2025 में 27,771 रूफटॉप प्रतिष्ठानों के साथ उत्तर प्रदेश ने देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। 2025 में उत्तर प्रदेश की सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता में 5157 मेगावाट की उल्लेखनीय वृद्धि होगी और यह क्षमता शीघ्र ही 10,000 मेगावाट हो जाएगी। 2017 तक यह क्षमता केवल 389 मेगावाट थी। यह उपलब्धि प्रधानमंत्री के कुशल मार्गदर्शन और राज्य सरकार की सौर ऊर्जा नीति 2022 का परिणाम है। समय पर अपनी सौर ऊर्जा नीति और जैव ऊर्जा नीति का प्रख्यापन करके राज्य हरित ऊर्जा के क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बन गया है। यह बातें राज्य के ऊर्जा एवं नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने पर्यावरण आधारित "नेट ज़ीरो समिट" को संबोधित करते हुए कही।

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि राज्य में सौर ऊर्जा की अपार संभावनाएं हैं। हम अपने घरों की छतों, कम उपयोगी ज़मीनों और राजमार्गों के किनारे सौर ऊर्जा संयंत्र लगा सकते हैं। इसके लिए राज्य सरकार और केंद्र सरकार द्वारा सब्सिडी भी दी जा रही है और बैंकों द्वारा ऋण भी उपलब्ध कराया जा रहा है। सौर ऊर्जा को अपनाकर हम न केवल अपनी ऊर्जा ज़रूरतों को पूरा कर सकते हैं, बल्कि आर्थिक लाभ भी कमा सकते हैं। अयोध्या को प्रदेश की पहली सौर नगरी के रूप में विकसित किया गया है। यहां के स्ट्रीट लाइट सर्किट और घर सौर ऊर्जा से संचालित हो रहे हैं। इसके अलावा मोटर बोट भी सौर ऊर्जा से संचालित हो रही हैं।

 समय की मांग है हरित ऊर्जा का विकास 

उन्होंने कहा कि हरित ऊर्जा का विकास समय की मांग है और राज्य इस दिशा में योजनाबद्ध तरीके से आगे बढ़ रहा है। हरित ऊर्जा के तीव्र विकास के साथ-साथ हम प्रति व्यक्ति ऊर्जा खपत की दर भी बढ़ा रहे हैं और इसके लिए आवश्यकतानुसार ताप विद्युत की उत्पादन क्षमता बढ़ाने का भी कार्य किया गया है। उन्होंने बताया कि पिछले तीन वर्षों में हमने पनकी, ओबरा, जवाहरपुर, घाटमपुर और खुर्जा में लगभग 4700 मेगावाट की पांच ताप विद्युत परियोजनाएँ स्थापित की हैं। इनमें उत्पादन शुरू हो चुका है और 6000 मेगावाट की परियोजनाएं प्रस्तावित हैं। वर्तमान में, राज्य की कुल विद्युत उत्पादन क्षमता लगभग 21000 मेगावाट है जो वर्ष 2017 की तुलना में लगभग दोगुनी है। इसमें तापीय, सौर और जल विद्युत भी शामिल हैं।

एमएसएमई क्षेत्र की जरूरत बन सकती है हरित ऊर्जा 

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि आने वाले कुछ वर्षों में हरित ऊर्जा हमारे एमएसएमई क्षेत्र की आवश्यकता बन सकती है, इसलिए हमें भविष्य की चुनौतियों के प्रति सचेत रहते हुए कार्य करना होगा। हमारी सरकार पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना ऊर्जा उत्पादन के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन उससे पहले हमारा उद्देश्य सभी नागरिकों तक ऊर्जा की पहुंच और खपत के स्तर को बढ़ाना है। इसीलिए हम सौर और जल विद्युत के साथ-साथ तापीय और जैव विद्युत का उत्पादन बढ़ाने के लिए कार्य कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि विद्युत उत्पादन के साथ-साथ विद्युत वितरण में भी उत्कृष्ट कार्य हुआ है। राज्य की विद्युत इकाइयों की पीएलएफ दर 60 से बढ़कर 80 हो गई है और लाइन हानि भी 50 प्रतिशत कम हुई है। इसके परिणामस्वरूप, उत्तर प्रदेश उत्पादन, पारेषण और वितरण प्रणाली तथा देश में चल रही योजनाओं में अग्रणी राज्य बन गया है।

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