युवाओं को आत्महत्या से रोकने के लिए सकारात्मक माहौल जरूरी : अजय सिंगला

खबर सार :-
विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस के अवसर पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से विभिन्न जागरूकता गतिविधियां आयोजित की गई। इस दौरान स्वास्थ्य केंद्रों एवं शिक्षण संस्थाओं आदि में कार्यशाला, रैली व शपथ आदि का आयोजन किया गया।

युवाओं को आत्महत्या से रोकने के लिए सकारात्मक माहौल जरूरी : अजय सिंगला
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श्रीगंगानगर  : विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में सीएमएचओ डॉ. अजय सिंगला ने बताया कि विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस पर राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत जीएनएम प्रशिक्षण केंद्र में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि यद्यपि आत्महत्या एक व्यक्तिगत त्रासदी है, जो किसी की असमय जान ले लेती है, लेकिन इसका प्रभाव आत्महत्या करने वाले व्यक्ति के माता-पिता, भाई-बहन और अन्य परिजनों के जीवन पर भी पड़ता है।

मनोचिकित्सक डॉ. प्रेम अग्रवाल ने बताया कि इस वर्ष विषय 'आत्महत्या पर धारणा बदलें, बात करें' रखा गया है। इसका उद्देश्य आत्महत्या पर खुली चर्चा, चुप्पी की दीवारें तोड़ने और लोगों से आलोचना की चिंता किए बिना अपनी भावनाओं को व्यक्त करने का आग्रह करने के महत्व पर बल देना है। समाज में आत्महत्या के बारे में चर्चा और बातचीत करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, फिर भी यह सब करना बहुत जरूरी है और इनमें जीवन बचाने की क्षमता है। इस अवसर पर मंच संचालन नर्सिंग अधिकारी श्याम गोस्वामी ने किया। कार्यवाहक प्रधानाचार्य अचला देवी और नर्सिंग ट्यूटर राजेंद्र बुडानिया, सुभाष सिहाग और रविंद्र यादव सहित जीएनएम प्रशिक्षण केंद्र के प्रशिक्षु उपस्थित थे।

इस दिवस का उद्देश्य क्या है?

सीओआईईसी विनोद बिश्नोई ने बताया कि इस दिवस का मुख्य उद्देश्य युवाओं में जागरूकता पैदा करना है। आम जनता को यह बताना है कि आत्महत्या को रोका जा सकता है। मानसिक स्वास्थ्य को लेकर सामाजिक झिझक और गलतफहमियों को दूर करना है। लोगों को यह एहसास दिलाना है कि मदद माँगना कमज़ोरी नहीं, बल्कि समझदारी है। परिवार और समाज में ऐसा सकारात्मक माहौल बनाना है जहाँ लोग खुलकर अपनी बात कह सकें और उन्हें सहयोग मिल सके।

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