राजकीय रज़ा कॉलेज में 'समर्थ उत्तर प्रदेश - विकसित उत्तर प्रदेश' पर कार्यशाला आयोजित

खबर सार :-
रामपुर के राजकीय रज़ा स्नातकोत्तर महाविद्यालय में 'समर्थ उत्तर प्रदेश - विकसित उत्तर प्रदेश @ 2047' अभियान के तहत एक कार्यशाला का आयोजन हुआ। इसमें विभिन्न वक्ताओं ने नैतिक, कौशल-आधारित शिक्षा और रचनात्मक दृष्टिकोण पर जोर दिया, ताकि छात्रों को 2047 तक विकसित उत्तर प्रदेश की नींव बनाया जा सके।

राजकीय रज़ा कॉलेज में 'समर्थ उत्तर प्रदेश - विकसित उत्तर प्रदेश' पर कार्यशाला आयोजित
खबर विस्तार : -

रामपुर: उत्तर प्रदेश: राजकीय रज़ा स्नातकोत्तर महाविद्यालय में 'समर्थ उत्तर प्रदेश - विकसित उत्तर प्रदेश @ 2047' अभियान के तहत एक महत्वपूर्ण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य 2047 तक उत्तर प्रदेश को एक विकसित राज्य बनाने के लक्ष्य पर चर्चा करना और इसमें शिक्षा के महत्व को रेखांकित करना था।

कार्यक्रम का उद्घाटन जिला विकास अधिकारी अमित सिंह, परियोजना निदेशक हरिश्चन्द्र प्रजापति, जिला विद्यालय निरीक्षक अंजलि अग्रवाल, सहायक नोडल अधिकारी एवं प्राचार्य प्रो डॉ जागृति मदान धींगड़ा और अन्य गणमान्य अतिथियों ने दीप प्रज्वलित करके किया। इस मौके पर बी.एड. द्वितीय वर्ष की छात्राओं नाज़िया, आरती और उजाला ने मनमोहक सरस्वती वंदना और स्वागत गीत प्रस्तुत किया।

शिक्षाविदों ने दिया महत्वपूर्ण सुझाव

इस अवसर पर आयोजित छात्र-शिक्षक संवाद में कई विद्वानों ने अपने विचार व्यक्त किए। मुख्य अतिथि प्रो. ए.के. जेटली (सेवानिवृत्त आचार्य, महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय, बरेली) ने कहा कि विद्यार्थी देश के सबसे महत्वपूर्ण मानव संसाधन हैं और उन्हें बचपन से ही नैतिक शिक्षा देनी चाहिए ताकि वे विकसित उत्तर प्रदेश की नींव बन सकें। डॉ. मयंक कुमार राय (प्राध्यापक, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मेरठ) ने शिक्षकों और छात्रों के रचनात्मक दृष्टिकोण को समर्थ और विकसित उत्तर प्रदेश के सपने को साकार करने के लिए महत्वपूर्ण बताया।

राजकीय रज़ा महाविद्यालय के हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो. अरुण कुमार ने राज्य और राष्ट्र के विकास में जनभागीदारी के लिए मातृभाषा हिंदी में शिक्षण-प्रशिक्षण पर जोर दिया। समाजशास्त्र के विभागाध्यक्ष डॉ. आलोक गुप्ता ने छात्रों के बस्ते का बोझ कम करने का सुझाव दिया। राजकीय जुल्फिकार बालिका इंटर कॉलेज की प्राचार्य डॉ. शालू कौशल ने कहा कि विकसित उत्तर प्रदेश के लिए छात्र-शिक्षक अनुपात बेहतर करने और प्राथमिक स्तर से ही कौशल आधारित शिक्षा पर ध्यान देना आवश्यक है।

रचनात्मकता और आत्मरक्षा पर भी दिया गया जोर

राजकीय जिला पुस्तकालय से आए अंकित अग्रवाल ने कहा कि लड़कियों को स्कूलों में आत्मरक्षा का प्रशिक्षण अनिवार्य रूप से मिलना चाहिए। वहीं, राजकीय खुर्शीद कन्या इंटर कॉलेज की 11वीं कक्षा की छात्रा नाबिया ने युवाओं से अपनी ऊर्जा का उपयोग रचनात्मक और सकारात्मक कार्यों में करने का आग्रह किया।

अंत में, सहायक नोडल अधिकारी एवं प्राचार्य प्रो. डॉ. जागृति मदान धींगड़ा ने सभी वक्ताओं का धन्यवाद किया और उनके विचारों को "समर्थ और विकसित उत्तर प्रदेश" के लिए बेहद महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने सभी से इन सुझावों को अपने जीवन में अपनाने का आह्वान किया।

कार्यक्रम का संयोजन राजकीय रज़ा महाविद्यालय की वरिष्ठ प्राध्यापक प्रो. डॉ. मीनाक्षी गुप्ता और डॉ. रेनू ने किया, जबकि संचालन डॉ. हरीश जुडेजा (प्राचार्य, राजकीय जैन इंटर कॉलेज, रामपुर) ने किया।

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