Chhattisgarh State Festival: महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में मदद कर रहा NABARD

खबर सार :-
नवा रायपुर में आयोजित पाँच दिवसीय राज्योत्सव कार्यक्रम में कई जानी-मानी हस्तियों ने शिरकत की। इस दौरान नाबार्ड समर्थित स्वयं सहायता समूहों ने पारंपरिक कलाओं, हस्तशिल्प और नवाचारों के माध्यम से सभी का ध्यान आकर्षित किया। साथ ही, नाबार्ड से महिलाओं को मिलने वाली सहायता के बारे में भी जागरूकता फैलाई।

Chhattisgarh State Festival: महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में मदद कर रहा NABARD
खबर विस्तार : -

रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी नवा रायपुर में आयोजित पाँच दिवसीय राज्योत्सव इस वर्ष परंपरा, संस्कृति और आत्मनिर्भरता का अद्भुत संगम देखने को मिल रहा है। राज्य के विभिन्न जिलों से आए नाबार्ड समर्थित स्वयं सहायता समूहों ने अपने-अपने क्षेत्रों की पारंपरिक कला, हस्तशिल्प और नवाचारों का प्रदर्शन कर सभी का मन मोह लिया।
 

सबने देखी छत्तीसगढ़ की कला 

राजनांदगांव जिले के जय सेवा हस्तशिल्प कला गायत्री स्वयं सहायता समूह ने राज्योत्सव में अपनी कलात्मकता और उद्यमशीलता की भावना से दर्शकों का मन मोह लिया। समूह की महिलाएँ मिट्टी और बाँस के शिल्प से लेकर वस्त्र शिल्प तक, विभिन्न क्षेत्रों में अपनी पहचान बना रही हैं। समूह द्वारा निर्मित मिट्टी के उत्पाद, जिनमें झूमर, दीया स्टैंड, फूलदान, हैंगर, कुर्ती, लैंप और आभूषण शामिल हैं, ने आगंतुकों को छत्तीसगढ़ी कला की जीवंत भावना की झलक दिखाई।

इसके अतिरिक्त, नाबार्ड-सहायता प्राप्त समूहों के स्टॉलों ने परंपरा और आधुनिकता का एक सुंदर मिश्रण प्रस्तुत किया, जिसमें बांस की कला, जैसे चाय की ट्रे, हैंगर, सजावटी वस्तुएँ, कपड़ों पर हस्त-मुद्रण, टैटू कला, वस्त्र डिज़ाइन, और कोसा सिल्क, खादी सिल्क और सूती कपड़ों पर लोक कला डिज़ाइनिंग प्रदर्शित की गईं।

महिलाओं के उत्थान और राज्य की अर्थव्यवस्था में नाबार्ड का महत्वपूर्ण योगदान

नाबार्ड ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। नाबार्ड-सहायता प्राप्त स्वयं सहायता समूहों को न केवल कौशल सिखाया जाता है, बल्कि उनके उत्पादों के विपणन, पैकेजिंग और वित्तीय प्रबंधन का भी प्रशिक्षण दिया जाता है। इस प्रशिक्षण से लाभान्वित महिलाएँ अब आत्मनिर्भर हैं और स्थानीय रोजगार सृजन में योगदान दे रही हैं। जय सेवा हस्तशिल्प कला, शबरी मार्ट, बांस हस्तशिल्प, कोसा सिल्क और खादी कला जैसी प्रदर्शनियों ने आगंतुकों को आकर्षित किया। इन स्टॉलों ने परंपरा, पर्यावरण और उद्यमिता का एक सुंदर मिश्रण प्रदर्शित किया। महिलाएँ अपने हस्तनिर्मित उत्पादों की बिक्री से अच्छी आय अर्जित कर रही हैं। कई समूहों ने बताया कि राज्योत्सव जैसे मंच न केवल उन्हें वित्तीय सहायता प्रदान करते हैं, बल्कि उन्हें आत्मविश्वास और एक नई पहचान भी प्रदान करते हैं।

नाबार्ड राज्य में कृषि, ग्रामीण उद्यम, हस्तशिल्प, बांस मिशन, महिला आजीविका कार्यक्रम, किसान क्लब और कौशल विकास प्रशिक्षण सहित अनेक कार्यक्रम चला रहा है। ये कार्यक्रम न केवल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मज़बूत कर रहे हैं, बल्कि हज़ारों महिलाओं और युवाओं को आत्मनिर्भर बनने के लिए सशक्त भी बना रहे हैं।

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