झांसी में बंद व एकल विद्यालयों में शिक्षकों की तैनाती में देरी, शासन से मार्गदर्शन की उम्मीद

खबर सार :-
झांसी में बंद और एकल विद्यालयों में शिक्षकों की तैनाती में देरी हो रही है, जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दो-दो शिक्षकों की तैनाती का आदेश दिया था। जून में हुए स्थानांतरण की वजह से स्थिति और जटिल हो गई है। शासन से मार्गदर्शन मांगा गया है।

झांसी में बंद व एकल विद्यालयों में शिक्षकों की तैनाती में देरी, शासन से मार्गदर्शन की उम्मीद
खबर विस्तार : -

झांसी : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाल ही के दौरे के दौरान जिले के बंद और एकल विद्यालयों में शिक्षकों की तैनाती को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए गए थे। मुख्यमंत्री ने आदेश दिया था कि इन विद्यालयों में दो-दो शिक्षकों की तैनाती आवश्यक होगी, ताकि बच्चों की पढ़ाई में कोई कमी न आए। हालांकि, लगभग एक महीने का समय बीत चुका है, लेकिन इस मामले में कोई प्रगति नहीं हो पाई है और फाइलें इधर-उधर घूम रही हैं। अब तक शिक्षा विभाग ने इस पर शासन से मार्गदर्शन मांगा है, क्योंकि तैनाती संबंधी कोई स्पष्ट आदेश जारी नहीं हो सका है। इससे पहले मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया था कि एकल और बंद विद्यालयों में दो-दो शिक्षक तैनात किए जाएं, ताकि छात्रों को बेहतर शिक्षा मिल सके। लेकिन इस दिशा में कोई ठोस कदम अब तक नहीं उठाए जा सके हैं।

शिक्षकों की कमी और स्थानांतरण प्रक्रिया का असर

झांसी शहर में पिछले कई वर्षों से शिक्षक पदों की तैनाती ठप पड़ी है। विशेष रूप से नगर क्षेत्र में, जहां 2011 के बाद से कोई नई तैनाती नहीं हुई है। इसके परिणामस्वरूप शिक्षक धीरे-धीरे सेवानिवृत्त होते जा रहे हैं और उनकी जगह कोई नया शिक्षक नियुक्त नहीं हो पा रहा है। वर्तमान में, झांसी नगर क्षेत्र में 62 बेसिक विद्यालय संचालित हैं, जिनमें से पांच विद्यालयों में शिक्षक ही नहीं हैं और सात विद्यालयों में सिर्फ एक ही शिक्षक काम कर रहा है। इसके बावजूद, इन विद्यालयों में 5000 से अधिक छात्र-छात्राएं पढ़ाई के लिए आते हैं। इन विद्यालयों में इस समय कुल 99 शिक्षक तैनात हैं, जिनके ऊपर एक बड़ी जिम्मेदारी है। यह स्थिति तब और गंभीर हो जाती है जब बंद और एकल विद्यालयों में शिक्षामित्रों के द्वारा किसी तरह से पढ़ाई चलाने की कोशिश की जा रही है।

शासनादेश की स्थिति और शिक्षक अभाव

मुख्यमंत्री के निर्देश पर शिक्षकों की तैनाती के लिए शासन से पत्राचार किया गया था, लेकिन अब तक कोई ठोस शासनादेश जारी नहीं हो पाया है। इसके चलते ग्रामीण क्षेत्रों के शिक्षकों की सम्बद्धता भी नहीं की जा सकी। हालांकि, शासन ने 60 से अधिक एकल विद्यालयों में दो-दो शिक्षकों की तैनाती के आदेश जारी कर दिए थे, लेकिन इन विद्यालयों के शिक्षक अपने मूल विद्यालयों में जॉइन नहीं कर रहे हैं। इसका मुख्य कारण जून में हुए स्थानांतरण की प्रक्रिया है, जिसमें 60 से अधिक विद्यालय एक शिक्षक के हवाले हो गए थे। दरअसल, जून माह में किए गए शिक्षक स्थानांतरण में अधिकारियों की अनदेखी के कारण ये विद्यालय भी शामिल हो गए थे, जबकि शासन ने एकल विद्यालयों से शिक्षक स्थानांतरित न करने का आदेश दिया था। यह स्थानांतरण शिक्षकों के पसंदीदा विद्यालयों में हुआ था, जिससे शिक्षक अब अपने मूल विद्यालय में वापस जाने को तैयार नहीं हैं।

स्थिति सुधारने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं

झांसी के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, विपुल शिवसागर ने इस स्थिति को सुधारने के लिए खंड शिक्षा अधिकारियों से एकल विद्यालयों की सूची मांगी है। यह सूची तैयार होने के बाद ही स्थिति को स्पष्ट किया जा सकेगा और सही तैनाती की प्रक्रिया शुरू हो सकेगी। यह स्थिति शिक्षा विभाग के लिए चुनौतीपूर्ण बनी हुई है, क्योंकि शिक्षक अभाव के कारण बच्चों की पढ़ाई पर असर पड़ सकता है। अब देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में शीघ्र समाधान कैसे करता है, ताकि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके और विद्यालयों में शिक्षा की प्रक्रिया सही ढंग से चल सके।

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