मुसलमानों को आतंकवादी कहना तेजस्वी को पड़ेगा भारी : मुस्लिम महासंघ

खबर सार :-
मुस्लिम महासंघ ने यह भी चेतावनी दी कि यदि तेजस्वी यादव अपने विवादित बयान पर माफी नहीं मांगते हैं, तो संगठन राज्यभर में उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शनों की शुरुआत करेगा। फरहत अली खान ने कहा कि अब मुसलमान खुद अपनी राह तय करेगा, किसी राजनीतिक दल के बहकावे में नहीं आएगा।

मुसलमानों को आतंकवादी कहना तेजस्वी को पड़ेगा भारी : मुस्लिम महासंघ
खबर विस्तार : -

रामपुरः अखिल भारतीय मुस्लिम महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष फरहत अली खान ने बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के हालिया बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि मुसलमानों को आतंकवादी कहना तेजस्वी को भारी पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि मुसलमान किसी की “बपौती” नहीं है और न ही किसी राजनीतिक दल का “ज़रखरीद गुलाम” है।

मुस्लिमों के केवल वोट बैंक मानते हैं नेताः मुस्लिम महासंघ

फरहत अली खान ने कहा कि आज़ादी के बाद से ही तथाकथित सेकुलर राजनीतिक दलों ने मुसलमानों को केवल वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया है। उन्होंने कांग्रेस और जनता दल को निशाने पर लेते हुए कहा कि “इन पार्टियों ने बिहार के मुसलमानों को कलम की जगह कट्टा थमाया है।” खान ने आरोप लगाया कि इन दलों की नीतियों ने मुसलमानों को मुख्यधारा से अलग कर विद्रोही और गुंडा बना दिया।

उन्होंने बिहार के मुसलमानों से जागरूक होने की अपील करते हुए कहा —

“बिहारी मुसलमानों, होश में आओ! तेजस्वी ने ओवैसी को नहीं, बल्कि तुम्हें आतंकवादी कहा है। अब समय है कि वोट की ताकत से जवाब दो।”

फरहत अली खान ने आगे कहा कि अब बिहार के मुसलमानों को यह तय करना होगा कि वे “कट्टा देने वाली सरकार” चुनते हैं या “कलम देने वाली।” उन्होंने कहा कि यह इम्तेहान का वक्त है और मुसलमानों को समझदारी से फैसला लेना होगा ताकि आने वाली पीढ़ियां शिक्षा, सम्मान और रोजगार की राह पर आगे बढ़ सकें।

इस बयान के बाद बिहार की सियासत में एक बार फिर गर्मी बढ़ गई है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि मुस्लिम महासंघ का यह रुख आने वाले चुनावों में तेजस्वी यादव और विपक्षी दलों की रणनीति पर असर डाल सकता है।
 

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