मीरजापुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विकसित भारत 2047 की संकल्पना को साकार करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2027 तक समर्थ उत्तर प्रदेश, विकासशील उत्तर प्रदेश को विकसित राज्य बनाने के संकल्प को साकार करने के लिए जन जागरूकता एवं नागरिकों के सुझाव एवं मिशन में सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए विकास भवन सभागार में एक संगोष्ठी का आयोजन किया।
संगोष्ठी में बुद्धिजीवियों, किसानों एवं युवा पीढ़ी, छात्रों से सुझाव प्राप्त करने के लिए शासन द्वारा नामित त्रयम्बक प्रसाद पाठक, सेवानिवृत्त आईएएस, कृष्ण त्रिपाठी, सेवानिवृत्त संयुक्त विकास आयुक्त, डॉ. संजीत कुमार, प्रोफेसर आचार्य नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या के अलावा जिलाधिकारी पवन कुमार गंगवार, मुख्य विकास अधिकारी, परियोजना निदेशक डीआरडीए धर्मजीत सिंह ने समर्थ उत्तर प्रदेश विकसित उत्तर प्रदेश को गति प्रदान करने के लिए विजन डॉक्यूमेंट 3 थीम, आर्थिक शक्ति, सृजनात्मक शक्ति एवं कृषि एवं पशुपालन औद्योगिक विकास, पर्यटन विकास, शिक्षा, तकनीकी शिक्षा पर शिक्षकों, किसानों, कृषि वैज्ञानिकों के साथ संवाद स्थापित किया।
बैठक में टी.पी. पाठक ने कहा कि उत्तर प्रदेश को 2047 तक विकसित राज्यों की श्रेणी में लाने के लिए शिक्षकों, विद्यार्थियों एवं बुद्धिजीवियों द्वारा दिए गए सुझाव महत्वपूर्ण हैं। सशक्त उत्तर प्रदेश, विकसित उत्तर प्रदेश की दिशा में हो रहे बदलाव में प्रदेश का प्रत्येक नागरिक भागीदार बने, इसी उद्देश्य से मुख्यमंत्री ने समाज के हर वर्ग के लोगों के सुझावों को सम्मिलित करने हेतु बुद्धिजीवियों की एक टीम प्रदेश के सभी जिलों में भेजी है। उन्होंने कहा कि यहाँ उपस्थित सभी लोगों द्वारा दिए गए सुझावों और जिले के विकास हेतु बताई गई आवश्यकताओं को सरकार तक पहुँचाया जाएगा तथा सुझावों सहित उल्लिखित आवश्यकताओं को पूरा करने का प्रयास किया जाएगा।
इस अवसर पर टीम में शामिल बुद्धिजीवी कृष्ण त्रिपाठी एवं डॉ. संजीत कुमार ने भी लोगों द्वारा दिए गए सुझावों को स्वीकार किया और शिक्षा में विभिन्न आवश्यकताओं को जोड़ते हुए तकनीकी शिक्षा पर बल दिया। उन्होंने कहा कि प्रगतिशील किसान एवं प्रबुद्ध लोग जो स्वयं में सक्षम हैं, उन्हें निचले स्तर पर बैठे लोगों को कृषि, लघु उद्यमों से जोड़ना चाहिए तथा उनके बच्चों का स्कूलों में दाखिला कराकर उन्हें शत-प्रतिशत शिक्षित बनाने पर बल देना चाहिए। उन्होंने व्यावसायिक शिक्षा पर भी बल दिया।
संवाद एवं संगोष्ठी कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी पवन कुमार गंगवार ने कहा कि देश को विकसित बनाने की दिशा में क्या किया जा सकता है, इस पर उपस्थित लोगों ने अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि शिक्षा ही सार्थक है और सार्थकता से ही व्यक्ति का विकास संभव है। जिलाधिकारी ने कहा कि हमारे जिले उत्तर प्रदेश की जीडीपी 13.99 है और यहाँ 13.55 है। उत्तर प्रदेश की जीडीपी में 1 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यहाँ 85 प्रतिशत लोग कृषि से जुड़े हैं जबकि जिले का ऋण जमा अनुपात मात्र 39 प्रतिशत है।
उन्होंने कहा कि 2047 के बाद जिले की परिकल्पना चुनौतीपूर्ण तो है लेकिन आसान भी है। हर क्षेत्र में हर व्यक्ति को अपना मनोबल बढ़ाने की जरूरत है। जिले में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है। अगर हिम्मत हो तो कोई भी अनंत ऊंचाइयों को छू सकता है। उन्होंने कहा कि सभी शिक्षक अपने विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करें ताकि उनमें उड़ान भरने का साहस और दृढ़ संकल्प हो सके। उन्होंने कहा कि शिक्षा न केवल समाज को आगे बढ़ाने का एक पायदान है बल्कि विभिन्न माध्यमों से अनेक नवाचारों को विकसित करने का माध्यम भी है। जिले की औद्योगिक समृद्धि पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि नए उद्यमों को बढ़ाने के लिए बैंकों का सहयोग आवश्यक है।
पर्यटन की अनंत संभावनाओं का वर्णन करते हुए लोगों को आकर्षित करने के लिए पर्यटन को बढ़ावा देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि विकसित भारत बनाने की दशा में प्रत्येक नागरिक का सुझाव महत्वपूर्ण है। कार्यक्रम में उच्च प्राथमिक विद्यालय विजयपुर के कक्षा 8 के छात्र मयंक मौर्य ने जीवन को शिक्षा का आधार बताते हुए सुझाव दिया कि विद्यालयों में स्मार्ट क्लास वैज्ञानिक पद्धति से शिक्षा प्रदान करना हम सभी के जीवन को अच्छी शिक्षा की ओर ले जा सकता है। कम्पोजिट विद्यालय मुँहकुचवा की कक्षा 8 की छात्रा खुशी पाण्डेय ने भी कहा कि विकसित भारत के लिए शिक्षा एक महत्वपूर्ण योगदान है। बिनानी डिग्री कॉलेज के प्रो. राजमोहन शर्मा ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति में देश के प्रति नैतिकता और देशभक्ति का भाव होना आवश्यक है।
तकनीकी शिक्षा को सुदृढ़ करने और पर्यटन क्षेत्रों को बढ़ावा देने पर बल दिया गया। के.बी. कॉलेज के प्रो. हरीश तिवारी ने कहा कि बच्चों में शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इस कॉलेज में स्मार्ट क्लास की स्थापना की गई है। इसी प्रकार, प्रत्येक विद्यालय में स्मार्ट क्लास और तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देकर शिक्षा व्यवस्था में अपेक्षित सुधार लाने की आवश्यकता है। राज्य स्तरीय पुरस्कार विजेता प्रो. रविकांत द्विवेदी ने कहा कि संपूर्ण उत्तर प्रदेश को विकसित राज्य बनाने में उनका महत्वपूर्ण योगदान है।
दूसरे सत्र में कृषि से जुड़े प्रगतिशील किसानों और कृषि वैज्ञानिकों के कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने पर सुझाव लिए गए। इस अवसर पर उप निदेशक कृषि विकास पटेल ने जिले के क्षेत्रों में उत्पादित फसलों की जानकारी देते हुए मक्का, मिर्च, धान, गेहूं, सब्जियों की खेती को बढ़ावा देने के साथ-साथ उन्हें बाजार उपलब्ध कराने और प्राकृतिक एवं जैविक खेती पर जोर दिया।
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