मीरजापुर - फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम अंतर्राष्ट्रीय डिस्लेक्सिया एसोसिएशन (आईडीए)/ मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) अभियान के उद्देश्य से मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय स्थित विवेकानंद सभागार में दोपहर 2:00 बजे से एक दिवसीय मीडिया कार्यशाला का आयोजन किया गया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी के निर्देशानुसार इस कार्यशाला की अध्यक्षता अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. लाल जी गौतम ने की। जिला मलेरिया अधिकारी संजय द्विवेदी ने कार्यशाला में आए सभी मीडिया कर्मियों का स्वागत किया और बताया कि यह कार्यक्रम 10 अगस्त से 28 अगस्त तक जनपद की चार नियोजन इकाइयों पड़री, चील्ह, गुरुसंडी और विजयपुर में चलाया जाएगा।
जिला मलेरिया अधिकारी संजय द्विवेदी ने बताया कि भारत सरकार के मानकों के अनुसार वर्ष 2027 तक फाइलेरिया उन्मूलन का लक्ष्य रखा गया है, चूंकि यह देखकर पता नहीं चल पाता है कि किसी स्वस्थ व्यक्ति को माइक्रोफाइलेरिया है या नहीं तथा इसके लक्षण 05 से 15 वर्ष के बाद पैर में सूजन, हाथ में सूजन, महिला के स्तन में सूजन, अंडकोष में सूजन के रूप में पाए जाते हैं, जांच के बाद जब तक यह स्थिति आती है तब तक व्यक्ति फाइलेरिया से गंभीर रूप से प्रभावित हो चुका होता है।
ऐसी स्थिति से बचने के लिए फाइलेरिया उन्मूलन हेतु सभी लोगों को दवा खिलाने के लिए सर्व जन दवा अभियान का कार्यक्रम चलाया जा रहा है। 10 अगस्त 2025 से जनपद की चारों नियोजन इकाईयों पड़री, चील्ह, गुरुसंडी एवं विजयपुर की कुल जनसंख्या 848157 में से गर्भवती महिलाओं, 01 वर्ष से छोटे बच्चों एवं अति गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को छोड़कर शेष सभी लोगों को सर्व जन दवा खिलाई जाएगी। इसके लिए 737 औषधि प्रशासक, जिनमें एक आशा कार्यकर्ता और एक पुरुष कार्यकर्ता शामिल होंगे, घर-घर जाकर फाइलेरिया रोधी तीन दवाइयाँ डीईसी, एल्वेडाज़ोल, आइवरमेक्टिन, अपने सामने खिलाएँगे।
5 वर्ष से अधिक आयु के सभी लाभार्थियों को उनकी ऊँचाई के अनुसार आइवरमेक्टिन दवा दी जाएगी। 147 पर्यवेक्षकों की एक टीम सभी डीए टीमों की गहन निगरानी करेगी। चारों स्थानों के लिए मुख्यालय से एक नोडल और एक सह-नोडल नियुक्त किया गया है। जिला मलेरिया अधिकारी संजय द्विवेदी ने बताया कि यह दवा पूरी तरह सुरक्षित है। दवा के दुष्प्रभावों की जाँच के लिए सभी नियोजन इकाइयों में 4 आरआर टीमें बनाई गई हैं। कार्यक्रम के दौरान सभी आरआरटी टीमें अपने-अपने क्षेत्रों का भ्रमण करेंगी। कार्यक्रम का उद्घाटन 10 अगस्त को सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों/आयुष्मान आरोग्य मंदिर/उपकेंद्रों से किया जाना है।
डब्ल्यूएचओ के जोनल समन्वयक ने बताया कि जिला मलेरिया अधिकारी कार्यालय द्वारा आईडीए से संबंधित सभी दवाइयाँ और सामग्री चारों सामुदायिक/प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर उपलब्ध करा दी गई है। सामाजिक संचलन का कार्य कर रहे पीसीआई के जिला समन्वयक विकास पाण्डेय ने बताया कि जिले में स्वयं सहायता समूहों, धर्मगुरुओं, राशन डीलरों, प्रधानों, शिक्षकों, एनसीसी, एनएसएस की बैठकें आयोजित कर लोगों में जन जागरूकता फैलाई गई है। ताकि अधिक से अधिक लोग दवा का सेवन करें। सीएफआर के सुबोध दीक्षित ने बताया कि आयुष्मान आरोग्य मंदिर के माध्यम से लोगों में जागरूकता पैदा की जा रही है। एनडीडी के नोडल डॉ. मुकेश ने बताया कि जिन 08 ब्लॉकों में आईडीए/एमडीए कार्यक्रम नहीं चल रहा है, वहां 11 अगस्त को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस चलाया जाएगा। जिसमें 19 वर्ष तक के सभी बच्चों को एल्बेंडाजोल की दवा खिलाई जाएगी।
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