संघ शताब्दी वर्ष: भव्य हिंदू सम्मेलन में राष्ट्र निर्माण में समाज की भूमिका पर हुई चर्चा

खबर सार :-
सोनभद्र के चतरा विकासखंड में आरएसएस के शताब्दी वर्ष पर सकल हिंदू समाज द्वारा भव्य हिंदू सम्मेलन आयोजित हुआ। मुख्य वक्ता राहुल ने हिंदू एकता और कर्म आधारित राष्ट्र सेवा पर जोर दिया। अध्यक्ष बलराम मौर्य ने संघ के 100 वर्षों के सामाजिक योगदान की सराहना की।

संघ शताब्दी वर्ष: भव्य हिंदू सम्मेलन में राष्ट्र निर्माण में समाज की भूमिका पर हुई चर्चा
खबर विस्तार : -

सोनभद्रः सकल हिंदू समाज के तत्वावधान में चतरा विकासखंड के बभनगावा मंडल अंतर्गत उमाशंकर सिंह इंटर कॉलेज के प्रांगण में सोमवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष के अवसर पर भव्य हिंदू सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन में बड़ी संख्या में समाज के गणमान्य लोग एवं संत-महात्मा उपस्थित रहे। 

हिंदू समाज के संगठित होने पर चर्चा

सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता राहुल ने कहा कि “हिंदुत्व राष्ट्र की संचेतना है, और इस पर किसी भी प्रकार का प्रहार महाप्रलय को आमंत्रण देने जैसा है।” उन्होंने कहा कि हिंदू समाज का संगठित होना इसलिए आवश्यक है क्योंकि भारतीय संस्कृति की श्रेष्ठता और राष्ट्र निर्माण में हिंदुओं की भूमिका सनातन धर्म के मूल सिद्धांतों पर आधारित रही है।

 इसी के परिणामस्वरूप भारत प्राचीन काल से लेकर आज तक विश्वगुरु के रूप में प्रतिष्ठित रहा है, उन्होंने कहा कि आज आवश्यकता है हिंदू की व्यापक परिभाषा पर विचार करने की “जो भारत में रहता है, वह हिंदू है” ताकि एकता, मजबूत सुरक्षा और देश के सर्वांगीण विकास जैसे शिक्षा, ईमानदारी और प्रगति के लक्ष्य को साकार किया जा सके। संघ द्वारा दिए गए “कृति से सिद्धि” के संदेश का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि केवल भाषण नहीं, बल्कि कर्म के माध्यम से राष्ट्र सेवा ही सच्चा धर्म है।

कई गणमान्य लोग रहे मौजूद

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए बलराम मौर्य ने कहा कि संघ के 100 वर्षों के सतत सामाजिक कार्यों का ही परिणाम है कि आज समाज स्वयं को एक सुरक्षित और सशक्त भारत में खड़ा महसूस कर रहा है। उन्होंने संघ के योगदान को राष्ट्र निर्माण की मजबूत नींव बताया। 

इस अवसर पर सकल हिंदू समाज आयोजन समिति के जिला संयोजक/अध्यक्ष आलोक कुमार चतुर्वेदी, खंड सह-संयोजक रमेश चौबे व निर्भयशंकर पाण्डेय, खंड सामाजिक पालक योगेंद्र बिंद, अरुणेश, लवकुश पाठक, श्यामू मिश्रा, जय शंकर यादव, परमेश गिरी, आलोक पटेल, अजीत सिंह, संजय दुबे, स्वामी यज्ञ नारायण, रामानुज महाराज, कृष्ण प्रताप सिंह, लालू प्रसाद यादव सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन नंदलाल विश्वकर्मा ने किया।

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