झांसी में मेडिकल कॉलेज की समस्याओं को लेकर विधायक रवि शर्मा ने विधानसभा में उठाया सवाल, उपमुख्यमंत्री ने दी जानकारी

खबर सार :-
झांसी के भाजपा विधायक रवि शर्मा ने मेडिकल कॉलेज की व्यवस्थाओं को लेकर विधानसभा में सवाल उठाए। उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कर्मचारियों की कमी और चिकित्सा उपकरणों की स्थिति पर जानकारी दी।

झांसी में मेडिकल कॉलेज की समस्याओं को लेकर विधायक रवि शर्मा ने विधानसभा में उठाया सवाल, उपमुख्यमंत्री ने दी जानकारी
खबर विस्तार : -

झांसी: भाजपा के सदर विधायक रवि शर्मा ने राज्य विधानसभा में झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज की व्यवस्थाओं को लेकर गंभीर सवाल उठाए। विधायक ने चिकित्सकों, नर्सिंग स्टाफ और अन्य कर्मचारियों की कमी के साथ-साथ उपकरणों के अभाव के कारण मरीजों को हो रही समस्याओं का मुद्दा उठाया। इस सवाल का जवाब देते हुए उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि झांसी मेडिकल कॉलेज में चिकित्सकों के 175 पद स्वीकृत हैं, जिनमें से 133 पद भरे जा चुके हैं, जबकि 42 पद अभी रिक्त हैं। उन्होंने यह भी बताया कि इन रिक्त पदों को भरने के लिए उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) को प्रस्ताव भेजा गया है।

विधायक ने नर्सिंग स्टाफ की कमी की ओर भी इशारा किया, जिस पर उपमुख्यमंत्री ने बताया कि मेडिकल कॉलेज में नर्सिंग संवर्ग के 743 नियमित पद और 280 आउटसोर्स पद स्वीकृत हैं, जिनमें से 419 पद भरे गए हैं। इसके अलावा, हाल ही में 44 नर्सिंग अधिकारियों को मेडिकल कॉलेज में नियुक्त किया गया है। वार्ड बाय के बारे में पूछे गए सवाल पर उपमुख्यमंत्री ने बताया कि इस पद के लिए 77 नियमित और 239 आउटसोर्स पद स्वीकृत हैं, जिनमें से 232 पद भरे गए हैं।

विधायक के द्वारा उठाए गए सवालों में एक और सवाल डिप्थीरिया के कारण बच्चों की मृत्यु पर था। इस पर बृजेश पाठक ने जानकारी दी कि वर्ष 2025 में डिप्थीरिया से दो बच्चों की मृत्यु हुई है, लेकिन इस बीमारी के नियंत्रण और बच्चों को बचाने के लिए नियमित टीकाकरण अभियान चलाया जाता है। एक और सवाल में, विधायक ने पूछा था कि क्या प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों की मृत्यु के बाद उनके बकाए बिल माफ करने के लिए कोई नीति बनाई गई है? इसके जवाब में उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी अस्पतालों में इलाज पूरी तरह से मुफ्त होता है। इसके अलावा, आयुष्मान भारत योजना के तहत प्राइवेट अस्पतालों में कार्ड धारकों को 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज भी दिया जाता है।

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