1 एकड़ से बड़े जलाशयों को अमृत सरोवर के रूप में किया जाएगा विकसित

खबर सार :-
मनरेगा के डिप्टी कमिश्नर शिखर श्रीवास्तव ने बताया कि अब मनरेगा के तहत एक एकड़ से ज़्यादा एरिया वाले तालाबों को अमृत सरोवर के तौर पर डेवलप करने का प्लान है। ऐसे तालाबों की पहचान की जा रही है। लिस्ट मिलते ही टेक्निकल टेस्टिंग के बाद उन तालाबों पर काम शुरू हो जाएगा।

1 एकड़ से बड़े जलाशयों को अमृत सरोवर के रूप में किया जाएगा विकसित
खबर विस्तार : -

झांसीः मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) के तहत अब एक महत्वपूर्ण योजना की शुरुआत की गई है, जिसका उद्देश्य एक एकड़ से अधिक क्षेत्रफल वाले तालाबों को "अमृत सरोवर" के रूप में विकसित करना है। उपायुक्त शिखर श्रीवास्तव ने इस योजना की जानकारी देते हुए बताया कि इस पहल के तहत ऐसे जलाशयों को चिन्हित किया जा रहा है, जहां तकनीकी परीक्षण के बाद विकास कार्यों को प्रारंभ किया जाएगा। यह योजना न केवल सूखे खेतों में सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करेगी, बल्कि ये जलाशय पिकनिक स्पॉट के रूप में भी जाने जाएंगे।

तालाबों का होगा कायाकल्प

अमृत सरोवर योजना के तहत, एक एकड़ से बड़े तालाबों का कायाकल्प किया जाएगा। इसके लिए तालाबों को 3 मीटर गहरा खोदकर इनलेट और आउटलेट बनाया जाएगा, जिससे जल संचयन को प्रभावी बनाया जा सके। इसके साथ ही घाटों, फ्लैग पोस्ट और पौधारोपण के माध्यम से इन जलाशयों को और अधिक आकर्षक बनाया जाएगा। यह न केवल पर्यावरण संरक्षण में सहायक होगा, बल्कि स्थानीय निवासियों के लिए मनोरंजन और पर्यटन के अवसर भी प्रदान करेगा।

गांवों में खत्म होगा जल संकट

इस योजना के माध्यम से बारिश के पानी को गांव से बहकर नदी-नालों में जाने से रोका जाएगा, जिससे जल की अधिकतम मात्रा को संचयित किया जा सके। अब तक मनरेगा के तहत जिले में 186 अमृत सरोवर बनाए जा चुके हैं, जिनमें से 43 तालाब एक एकड़ से अधिक क्षेत्रफल के हैं। इन जलाशयों ने बारिश के पानी को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और इसके परिणामस्वरूप खेती में पानी की कमी को भी दूर किया गया है।

इस योजना का उद्देश्य गांवों में जल संकट को खत्म करना और जल सुरक्षा को बढ़ावा देना है। स्थानीय स्तर पर पानी की प्रबंधन तकनीकों को अपनाकर, जलाशयों का कायाकल्प किया जाएगा, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में न सिर्फ कृषि का विकास होगा, बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम उठाया जाएगा। इस प्रकार, अमृत सरोवर योजना एक सकारात्मक पहल है, जो न सिर्फ जल संरक्षण में मदद करेगी, बल्कि ग्रामीण जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाएगी।
 

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