प्रसव के दौरान प्रसूता की मौत से हंगामा, डॉक्टर पर लगे गंभीर आरोप

खबर सार :-
राजस्थान हॉस्पिटल में गुरुवार देर रात प्रसव के लिए भर्ती की गई 30 वर्षीय प्रसूता नंदूबाई गिरी निवासी गणेशपूरा की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। परिजनों ने चिकित्सालय प्रशासन और डॉक्टर कामिल हुसैन पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाते हुए न्याय की मांग की है। पुलिस मामले की जांच में जुटी है।

प्रसव के दौरान प्रसूता की मौत से हंगामा, डॉक्टर पर लगे गंभीर आरोप
खबर विस्तार : -

चित्तौड़गढ़ः शहर के राजस्थान हॉस्पिटल में गुरुवार रात एक गंभीर लापरवाही का मामला उजागर हुआ है, जब 30 वर्षीय प्रसूता नंदूबाई गिरी, जो गणेशपूरा की निवासी थीं, संदिग्ध परिस्थितियों में मौत का शिकार हो गईं। नंदूबाई को प्रसव के लिए भर्ती किया गया था। परिजनों ने इस पूरे मामले की जांच की मांग करते हुए अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। 

नर्सिंग स्टाफ ने किया प्रसव का प्रयास

परिजनों के आरोपों के अनुसार, प्रसव के दौरान अस्पताल में प्रशिक्षित नर्सिंग स्टाफ ने ही प्रसव कराने का प्रयास किया, जो कि गंभीर लापरवाही की श्रेणी में आता है। जैसे ही प्रसूता की तबियत बिगड़ी, डॉक्टर मौके पर होने में देरी कर गए, जिससे उनकी स्थिति गंभीर हो गई। परिजनों ने इस घटना को लेकर अस्पताल प्रशासन, विशेष रूप से डॉक्टर कामिल हुसैन, पर गंभीर आरोप लगाए हैं और न्याय की मांग की है।

इस घटना की जानकारी मिलने पर बड़ी संख्या में समाजजन और हिंदू संगठन के प्रतिनिधि अस्पताल पहुंचे। स्थिति गंभीर होने पर सदर थाना पुलिस ने हस्तक्षेप करते हुए मामला शांत करवाया। इसके बाद, परिजनों ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाई।

जांच में जुटी पुलिस और चिकित्सा टीम

पुलिस उपअधीक्षक विनय चौधरी ने बताया कि घटना के बाद पुलिस और प्रशासनिक टीम मौके पर पहुंच गई है। उन्होंने कहा कि परिजनों द्वारा दी गई शिकायत के आधार पर आगे की जांच की जाएगी और आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। तहसीलदार विपिन चौधरी, सदर थाना अधिकारी एवं चिकित्सा टीम भी मौके पर पहुँच गई है और जांच आरम्भ कर दी है।

समाज के प्रमुख सदस्य गेहरू गिरी गोस्वामी ने इसे अस्पताल प्रशासन की गंभीर लापरवाही का परिणाम बताया है। उन्होंने इस बात पर चिंता व्यक्त की है कि बार-बार ऐसी घटनाएँ सामने आने के बावजूद अस्पताल के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही।

पहले भी हो चुके हैं ऐसे मामले

यह कोई पहला मामला नहीं है, क्योंकि इससे पहले भी इसी अस्पताल में कई प्रसूताओं की मौत के मामले सामने आ चुके हैं। डॉक्टर कामिल हुसैन पर पूर्व में भी लापरवाही के मामले दर्ज हो चुके हैं, और वे जेल भी जा चुके हैं। इसके बावजूद, अस्पताल की कार्यप्रणाली में सुधार देखने को नहीं मिला है, जो प्रशासनिक उदासीनता का संकेत है। इस प्रकार, यह घटना सिटी के स्वास्थ्य सिस्टम और चिकित्सा सेवा की गुणवत्ता पर गंभीर प्रश्न उठाती है, जिससे जनता में असंतोष और चिंता का माहौल बना हुआ है।

अन्य प्रमुख खबरें