Himachal Cloudburst: हिमाचल में कुदरत का कहर जारी, अब रामपुर में फटा बादल,  300 से ज्यादा सड़कें बंद

खबर सार :-
Himachal Cloudburst:हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। शिमला के रामपुर में बादल फटने से भारी तबाही देखने को मिली है। कई घर भूस्खलन से प्रभावित हुए हैं। भारी बारिश के कारण पुलिया बह गईं। वहीं 6 अगस्त तक हिमाचल में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है।

Himachal Cloudburst: हिमाचल में कुदरत का कहर जारी, अब रामपुर में फटा बादल,  300 से ज्यादा सड़कें बंद
खबर विस्तार : -

Himachal Cloudburst: हिमाचल प्रदेश कुदरत का कहर जारी है। अब शिमला जिले के रामपुर में बादल फटने से भारी तबाही मची है। भारी बारिश और मलबे के कारण ग्रामीणों की फसलें बर्बाद हो गईं और कई सेब के पौधे नष्ट हो गए। कुट गांव को जोड़ने वाला एक बड़ा पुल और तीन छोटे पुल तेज़ बहाव में बह गए हैं। भू-कटाव के कारण पंचायत मुख्यालय का वाहन मार्ग भी कट गया है, जिससे यह इलाका पूरी तरह से अलग-थलग पड़ गया है। हालांकि, कुट में वाहन-योग्य मुख्य पुल सुरक्षित है। खिउंचा गांव में भूस्खलन के कारण दो बिजली के खंभे बह गए, जिससे गांव में बिजली आपूर्ति पूरी तरह से ठप हो गई है। फिलहाल राजस्व विभाग की एक टीम नुकसान का आकलन करने के लिए मौके पर पहुंच गई है।

Himachal Weather Update: 6 अगस्त तक भारी बारिश का अलर्ट

हिमाचल प्रदेश में मानसून का कहर जारी है। 6 अगस्त तक कई ज़िलों में भारी बारिश (Himachal rain) का येलो अलर्ट जारी किया गया है। आज कुल्लू, मंडी और शिमला ज़िलों में भी भारी बारिश का येलो अलर्ट है। गुरुवार सुबह तक कांगड़ा ज़िला मुख्यालय धर्मशाला में सबसे ज़्यादा 54 मिमी बारिश दर्ज की गई। कोठी में 49 मिमी, गोहर में 40 मिमी, मुरारी देवी में 52 मिमी,  सुंदरनगर में 30 मिमी और सराहन में 34 मिमी बारिश दर्ज की गई।

300 से ज्यादा सड़कें बंद

उधर भारी बारिश और भूस्खलन के कारण राज्य भर में एक राष्ट्रीय राजमार्ग और 301 सड़कों पर आवाजाही पूरी तरह बाधित है। 436 बिजली ट्रांसफार्मर और 254 पेयजल योजनाएं भी ठप हो गई हैं। अकेले मंडी जिले में सबसे ज़्यादा 193 सड़कें, 81 ट्रांसफार्मर और 58 पेयजल योजनाएं बंद हैं। कुल्लू जिले में 47 सड़कें और 134 ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्त हुए हैं। चंबा में 142 ट्रांसफार्मर और 62 पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई हैं।

मनाली में ब्यास नदी रौद्र रूप, कैलाश यात्रा पर रोक

मनाली और आसपास के इलाकों में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण ब्यास नदी का जलस्तर तेज़ी से बढ़ रहा है। नेहरू कुंड के पास नदी का पानी पुल की नींव की ओर मुड़ गया है, जिससे बड़ा खतरा पैदा हो गया है। वहीं पानी को दूसरी दिशा में मोड़ने के लिए मशीनें लगाई गई हैं। बाहंग के पास नदी का जलस्तर बढ़ने से कुछ घरों को खतरा मंडराने लगा है। हालांकि, फिलहाल किसी भी तरह के नुकसान की कोई खबर नहीं है। प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और नदी-नालों से दूर रहने की अपील की है। किन्नौर ज़िले में नाले का जलस्तर बढ़ने के कारण किन्नर कैलाश यात्रा दूसरे दिन भी रोक दी गई है, जिससे श्रद्धालुओं को परेशानी हो रही है।

Himachal Cloudburst: हिमाचल में अब तक 170 मौतें

हिमाचल प्रदेश में 20 जून से अब तक बारिश, भूस्खलन और बाढ़ के कारण 170 लोगों की जान जा चुकी है। जबकि 278 लोग घायल हुए हैं। इसके अलावा 36 लोग लापता बताए जा रहे है। सबसे ज़्यादा 35 मौतें मंडी में हुई हैं और 27 लोग लापता हैं। कुल्लू और चंबा में 17-17, शिमला में 14, कांगड़ा में 25, हमीरपुर, किन्नौर, सोलन और ऊना में 11-11, लाहौल-स्पीति में 6,सिरमौर में 4 और बिलासपुर में 8 लोगों की मौत हुई है।

उधर भारी बारिश और भूस्खलन से 1394 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं। मंडी ज़िला सबसे ज़्यादा प्रभावित हुआ है। अब तक राज्य को मानसून के कारण 1599 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। इसमें लोक निर्माण विभाग को 804 करोड़ रुपये और जल शक्ति विभाग को 550 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

अन्य प्रमुख खबरें