Heart Disease In Youth : बुजुर्गों के साथ-साथ अब युवाओं को भी बना रहा अपना शिकार हृदय रोग

खबर सार :-
Heart Disease In Youth : अनियमित जीवनशैली, तनाव, और फास्ट फूड के कारण युवाओं में हृदय रोग तेजी से बढ़ रहे हैं। झांसी मेडिकल कॉलेज में 10% से ज्यादा युवा हृदय रोगियों का इलाज हो रहा है। चिकित्सकों की सलाह है कि पौष्टिक भोजन, व्यायाम और नियमित जांच से इस खतरे को कम किया जा सकता है।

Heart Disease In Youth : बुजुर्गों के साथ-साथ अब युवाओं को भी बना रहा अपना शिकार हृदय रोग
खबर विस्तार : -

Heart Disease In Youth : एक समय था जब दिल की बीमारियां सिर्फ बुढ़ापे की निशानी मानी जाती थीं, लेकिन अब यह धारणा बदल चुकी है। आज के समय में, युवा और यहां तक कि कम उम्र के बच्चे भी तेजी से दिल के दौरे का शिकार हो रहे हैं। इस गंभीर स्थिति के पीछे कई कारण हैं, जिनमें हमारी अनियमित जीवनशैली, फास्ट फूड का बढ़ता चलन, और अत्यधिक तनाव प्रमुख हैं।

Heart Disease In Youth :  युवाओं का रहन-सहन है जिम्मेदार

चिकित्सकों का कहना है कि युवा पीढ़ी में तनाव, फास्ट फूड और पैक्ड फूड का बढ़ता सेवन, और घर के पौष्टिक खाने से दूरी, ये सब मिलकर कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ा रहे हैं। खून में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ने से हृदय घात का खतरा बढ़ जाता है। झांसी के मेडिकल कॉलेज के आंकड़े भी इस बात की पुष्टि करते हैं, जहां हर महीने होने वाली एंजियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी में 10 फीसदी से ज्यादा मरीज युवा होते हैं। ओपीडी में भी युवाओं की संख्या काफी ज्यादा है। 

Heart Disease In Youth : दिखाई दें लक्षण तो तुरन्त कराएं जांच

चिकित्सकों के अनुसार चलने में पसीना आना, सांस फूलना, सीने में जकड़न, उल्टे हाथ तथा कंधे में दर्द होना, कभी-कभी पेट में भी दर्द होना अगर इस तरह के लक्षण दिखाई दें तो तुरंत मरीज को चिकित्सीय सलाह लेकर जरूरी जांच करवानी चाहिए। चिकित्सकों के अनुसार उम्र दराज लोगों के साथ-साथ युवाओं को भी समय-समय पर अपने कोलेस्ट्रॉल, ईसीजी आदि की जांच जरूर करनी चाहिए। लिपिड प्रोफाइल की जांच से रक्त में अच्छे कोलेस्ट्रॉल और बुरे कोलेस्ट्रोल का पता लग जाता है। साथ ही साथ ट्रायगिलिसराइड का भी पता चलता है। ईसीजी से हृदय की गति के बारे में भी पता चल जाता है। अगर इन सब जांचों में कोई भी अनियमितता पाई जाती है, तो इसका इलाज तुरंत शुरू किया जा सकता है। 

Heart Disease In Youth : नशे की लत, पैक्ड फूड से दूर रहना चाहिए

हृदय रोग से काफी हद तक बचा जा सकता है। चिकित्सकों की सलाह के अनुसार सभी लोगों को सुबह सैर करना चाहिए धूप लेना चाहिए ताजा एवं घर का  बना भोजन लेना चाहिए भोजन फाइबर युक्त होना चाहिए एवं मौसमी फलों का भी सेवन करना चाहिए।

हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. आलोक शर्मा के अनुसार, नशे की लत, पैक्ड फूड, और शारीरिक गतिविधियों से दूर रहना इस समस्या के मुख्य कारण हैं। वे सलाह देते हैं कि अगर आपको सांस फूलना, सीने में दर्द, या बाएं हाथ में दर्द जैसे लक्षण महसूस हों तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। बचाव के लिए, चिकित्सकों का सुझाव है कि सभी को सुबह की सैर करनी चाहिए, धूप लेनी चाहिए और घर का बना फाइबर युक्त भोजन करना चाहिए। साथ ही, समय-समय पर कोलेस्ट्रॉल, ईसीजी और लिपिड प्रोफाइल जैसी जांचें करवाकर दिल की सेहत का ध्यान रखना बेहद जरूरी है।

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