लखनऊ : सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और बिग-डेटा एनालिटिक्स आधारित सड़क सुरक्षा पायलट परियोजना को NOC प्रदान कर दी है। मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि यह पहल मोटर वाहन अधिनियम 1988 और केंद्रीय मोटर वाहन नियम 1989 का पालन करेगी और केंद्र सरकार पर कोई वित्तीय बोझ नहीं डालेगी। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की इस पहल को देश का पहला AI-संचालित सड़क सुरक्षा परीक्षण माना जा रहा है, जिसका संचालन सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ITI लिमिटेड और वैश्विक तकनीकी साझेदार mLogica द्वारा शून्य लागत के आधार पर किया जाएगा। राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में 10 करोड़ रुपये की व्यवस्था करके 'डेटा संचालित प्रशासन मॉडल' की नींव पहले ही रख दी है। इस परियोजना का प्रारंभिक अवधारणा प्रमाण चरण छह सप्ताह का होगा, जिसमें दुर्घटना रिपोर्ट, मौसम, वाहन टेलीमैटिक्स, चालक प्रोफाइल और सड़क बुनियादी ढांचे से संबंधित डेटा को एकीकृत करके एआई मॉडल तैयार किए जाएंगे।
इस परियोजना का उद्देश्य दुर्घटनाओं के मूल कारणों की पहचान करना, ब्लैक स्पॉट की भविष्यवाणी करना और एक वास्तविक समय नीति डैशबोर्ड तैयार करना है। परियोजना के सफल परीक्षण के बाद, इस एआई इंजन को चरणबद्ध तरीके से सभी प्रमुख सेवाओं फेसलेस लाइसेंस, परमिट प्रणाली, प्रवर्तन आधुनिकीकरण, राजस्व संग्रह, ई-चालान और वाहन सारथी मंच में विस्तारित किया जाएगा, ताकि उत्तर प्रदेश को तकनीकी नवाचार का अग्रणी राज्य बनाया जा सके। इससे नागरिकों को पारदर्शी, तेज और वैज्ञानिक परिवहन सेवाएं मिलेंगी।
इसके बाद, प्रवर्तन प्रणाली में वास्तविक समय में धोखाधड़ी का पता लगाने, वाहन स्थिति मानचित्रण और उल्लंघन प्रवृत्ति की भविष्यवाणी जैसे मॉड्यूल जोड़कर, चालान जारी करने और मौके पर कार्रवाई को और अधिक वैज्ञानिक बनाया जाएगा। एआई इंजन राजस्व प्रशासन, ई-चालान संग्रह और वाहन सारथी डेटाबेस के बीच परस्पर क्रिया को सशक्त बनाएगा, जिससे कर देयता, शुल्क भुगतान और दस्तावेज़ वैधता पर स्वचालित अलर्ट और जोखिम स्कोर उत्पन्न होंगे। यह अंतर-एकीकरण विभाग को एक ही डैशबोर्ड पर आय, उल्लंघन, दस्तावेज़ स्थिति जैसी समग्र डिजिटल तस्वीर प्रदान करेगा, जो नीतिगत निर्णयों, संसाधन आवंटन और सार्वजनिक पारदर्शिता को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।
परिवहन आयुक्त ब्रजेश नारायण सिंह ने कहा कि आईटीआई-एमलॉजिका टीम को कार्यान्वयन के लिए विभागीय आईटी, प्रवर्तन और सड़क सुरक्षा प्रकोष्ठों के साथ तत्काल कार्य प्रारंभ करने की अनुमति दे दी गई है। परियोजना के पूरा होने पर, एक विस्तृत परिणाम रिपोर्ट MoRTH को प्रस्तुत की जाएगी। साथ ही, डेटा गोपनीयता, कानूनी अनुपालन और साइबर सुरक्षा मानकों का निरंतर ऑडिट किया जाएगा। इस परियोजना से राज्य में दुर्घटनाओं में उल्लेखनीय कमी, प्रवर्तन में वैज्ञानिक दृष्टिकोण और नागरिक सेवाओं में पारदर्शिता आने की उम्मीद है। एआई मॉडल को सड़क सुरक्षा से आगे ले जाकर, हम इसे विभाग के सभी मुख्य कार्यों में शामिल करेंगे और यूपी को राष्ट्रीय स्तर पर अग्रणी बनाएंगे।
अन्य प्रमुख खबरें
BHU New VC: प्रो. अजीत कुमार चतुर्वेदी बीएचयू के 29वें कुलपति नियुक्त
Himachal Cloudburst: हिमाचल में कुदरत का कहर जारी, अब रामपुर में फटा बादल, 300 से ज्यादा सड़कें बंद
बिहार के लखीसराय में दर्दनाक हादसा, खड़े ट्रक से जा टकराया ऑटो, तीन इंजीनियरिंग छात्रों की मौत
1930 Helpline Lucknow : साइबर अपराध पर नकेल, डीजीपी ने किया नया हेल्पलाइन सेंटर का उद्घाटन
Pollution Certificate : परिवहन विभाग करेगा वाहन प्रदूषण केंद्रों की सघन जांच
इंडिया मार्का हैंडपंप तीन साल पहले हुआ था रिबोर, चबूतरा तक नहीं बना, दूषित पानी पी रहे ग्रामीण
जिलाधिकारी ने जिला आयुष समिति, जिला स्वास्थ्य समिति एवं होम्योपैथी की बैठक कर प्रगति की ली जानकारी
मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में जिला स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण समिति की बैठक सम्पन्न
झांसी के BSA पर गरौठा विधायक का सीधा सवाल: कार्यप्रणाली पर उठाए 10 सवाल
Rajasthan Weather: राजस्थान में मूसलाधार बारिश से बाढ़ जैसे हालात, मौसम विभाग ने जारी किया रेड अलर्ट
Delhi NCR Rain: भारी बारिश से दिल्ली-एनसीआर का हाल बेहाल, सड़कों पर भरा पानी...लगा भयंकर जाम
रामपुर में कांवड़ यात्रा का मुस्लिम समुदाय ने किया जोरदार स्वागत
सावन के गीतों और कजरी पर नृत्य से सजा हरियाली तीज उत्सव
संयुक्त संघर्ष संचलन समिति ने सौंपा मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन, समाधान की मांग