झांसीः बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण यानी बीडा की वजह से पूरे बुंदेलखंड क्षेत्र की सूरत बदलने जा रही है। झांसी और इसके आसपास के क्षेत्रों में उम्मीद की जा रही है कि विकास एवं नए संसाधन बुंदेलखंड क्षेत्र में बन पाएंगे। झांसी क्षेत्र की जनता इस प्रोजेक्ट को बहुत ही उम्मीद भरी नजरों से देख रही है। कहा जा रहा है कि यहाँ नोएडा से भी बेहतर तकनीकी पर आधारित बीडा के अंतर्गत निर्माण कार्य किया जा रहा है।
बीडा के अंतर्गत लॉजिस्टिक पार्क एवं अन्य औद्योगिक संस्थान आईटी हब एवं अलग-अलग उद्योगों के लिए अलग-अलग कंपनियों को जगह दी जा रही है, जिससे झांसी एवं बुंदेलखंड क्षेत्र विकास के नए आयाम गढ़ेगा। बीड़ा के अधिकारियों का कहना है कि यहां पर अंतरराष्ट्रीय मानक के तहत सुविधा प्रदान की जाएगी, जिससे बाहर की कंपनियां भी यहां पर सुचारू रूप से कार्य कर सकेंगे। इससे अंतरराष्ट्रीय निवेश को भी काफी बढ़ावा मिलेगा। इन सब गतिविधियों के चलते इस क्षेत्र में नए रोजगारों का सृजन होगा एवं बेरोजगारी काफी हद तक दूर हो जाएगी, जिससे यहां के लोगों का पलायन भी रुकेगा।
अंतरराष्ट्रीय निवेश आकर्षित करने के लिए यहां पर जापान और कोरिया आदि शहर के मॉडल की तर्ज पर यह क्षेत्र बसाया जाएगा और इस क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सुविधा भी प्रदान की जाएगी, जिससे बाहरी निवेशकों को किसी भी तरह की दिक्कत का सामना न करना पड़े। आर्थिक विशेषज्ञ डॉक्टर अनुपम वशिष्ठ का कहना है की बीडा से बुंदेलखंड क्षेत्र में काफी आर्थिक बदलाव देखने को मिलेगा। बाहर रोजगार ढूंढने वालों को अब अपने ही शहर में काफी रोजगार उपलब्ध होंगे, जिससे उनकी आर्थिक हालत काफी बेहतर हो जाएगी। अब तक रोजगार के लिए बुंदेलखंड से काफी पलायन देखा जा रहा था, उम्मीद की जा रही है कि इस बीडा प्रोजेक्ट से इस पर भी काफी हद तक रोक लगेगी।
सीईओ अमृत त्रिपाठी का कहना है कि भूमि अधिग्रहण कार्य बहुत तेजी से किया जा रहा है। मास्टर प्लान भी मंजूरी के लिए भेज दिया गया है। बीडा को रेलवे के फ्रंट कॉरिडोर से भी जोड़ने की कवायद की जा रही है, इसके जरिए माल ढुलाई में भी काफी आसानी हो जाएगी। शीघ्र ही कंपनियां यहां पर आना शुरू कर देंगी। बीडा के विकास कार्य 400 हेक्टेयर से आरम्भ होंगे, आंतरिक सड़कों समेत बिजली एवं अन्य औद्योगिक आवश्यकताओं के लिए करीब 1500 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसे बीडा बोर्ड ने मंजूरी भी प्रदान कर दी है। बीडा के लिए प्रस्तावित प्लान में लगभग 35 प्रतिशत जमीन औद्योगिक इस्तेमाल के लिए प्रदान किया जाना है, तथा बची हुई भूमि में आवासीय इकाई, व्यवसायिक प्रतिष्ठान ग्रीन बेल्ट परिवहन मिश्रत भू उपयोग आदि के लिए सुरक्षित रखी जाएगी। इस विजन डॉक्यूमेंट को लेकर आपत्तियों की सुनवाई हो चुकी है और अब शासन से मंजूरी का इंतजार है
अन्य प्रमुख खबरें
धूमधाम से निकली महाकाली की शोभायात्रा, जगह-जगह हुआ भव्य स्वागत
बड़ा ऐलानः 8 लाख कर्मचारियों को मिलेगा बोनस, 1000 करोड़ का बजट मंजूर
UP: दो लड़कों की हत्या के बाद किसान ने परिवार संग लगाई आग, छह लोगों की मौत
मां दुर्गा देवी का पट खुलते ही उमड़े श्रद्धालु, ब्लॉक प्रमुख ने किया शुभारंभ
दशहरा मेला में वाहनों का रूट डायवर्जन, अभी जान लीजिए कैसी रहेगी व्यवस्था
पीएम श्री प्राथमिक विद्यालय ढपालीपुरिवा में सीडीओ ने किया कन्या पूजन
छात्र-छात्राओं ने चित्र प्रदर्शनी का किया अवलोकन, 2 अक्टूबर तक होगा आयोजन
सांसद आनन्द गोंड ने दिव्यांगजनों को वितरित किए सहायक उपकरण
लकड़ी लेने जंगल गई महिला से सामूहिक दुष्कर्म, महिला यू-ट्यूबर सहित आरोपी गिरफ्तार
चुनाव आयोग और भाजपा का गठजोड़ लोकतंत्र के लिए खतरा: अभिषेक सिंह राणा
यूपी में दिवाली पर पराग के नए उत्पाद लॉन्च करने की तैयारी, मंत्री ने जारी किए निर्देश
राष्ट्रीय लोकदल जिला कार्यसमिति की बैठक, सदस्यता अभियान पर जोर