ATM निकासी शुल्क की खरगे ने की आलोचना, बीजेपी पर लगाया जनता को लूटने का आरोप

Summary : उन्होंने कहा कि जिस तरह से बैंक दिन-प्रतिदिन अपने शुल्क बढ़ा रहे हैं, उससे आम आदमी लुटने को मजबूर है। इसी क्रम में उन्होंने कहा कि अगर खाताधारक किसी कारणवश बैंक खाते का संचालन नहीं कर पाता है तो बैंक निष्क्रियता शुल्क के रूप में हर साल 100 से 200 रुपये ले

नई दिल्लीः कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने एटीएम निकासी शुल्क बढ़ाने पर बैंकों की कड़ी आलोचना की है। इसके साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार की भी आलोचना की है। खड़गे ने आज यहां जारी बयान में कहा कि मौजूदा केंद्र सरकार ने हमारे बैंकों को 'कलेक्शन एजेंट' बना दिया है। 

आम आदमी लुटने को मजबूरः खरगे

एक मई से एटीएम निकासी शुल्क भी महंगा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि जिस तरह से बैंक दिन-प्रतिदिन अपने शुल्क बढ़ा रहे हैं, उससे आम आदमी लुटने को मजबूर है। इसी क्रम में उन्होंने कहा कि अगर खाताधारक किसी कारणवश बैंक खाते का संचालन नहीं कर पाता है तो बैंक निष्क्रियता शुल्क के रूप में हर साल 100 से 200 रुपये लेता है। 

सरकार डेटा न देने का भी आरोप

मल्लिकार्जुन खड़गे ने बैंक स्टेटमेंट जारी करने का शुल्क।  SMS अलर्ट के लिए प्रति तिमाही शुल्क लिया जाता है। बैंक ऋण प्रसंस्करण शुल्क के रूप में 1 से 3 प्रतिशत शुल्क लेते हैं। अगर कर्ज का भुगतान समय पर किया जाता है तो ऋण पूर्व बंद करने का शुल्क लगाया जाता है। NEFT, डिमांड ड्राफ्ट शुल्क एक अतिरिक्त बोझ है और हस्ताक्षर परिवर्तन जैसे KYC अपडेट पर भी शुल्क लगता है। 

लगातार काटी जा रही गरीबों की जेब

कांग्रेस नेता ने कहा कि मौजूदा केंद्र सरकार ने बचत खातों और जनधन खातों से न्यूनतम शेष राशि न रखने के लिए 2018 से 2024 के बीच लोगों की जेब से कम से कम 43,500 करोड़ रुपये निकाले हैं। उन्होंने कहा कि पहले केंद्र सरकार संसद में बैंकों द्वारा इन शुल्कों से वसूली गई राशि का डेटा उपलब्ध कराती थी, लेकिन अब यह प्रथा भी यह कहकर बंद कर दी गई है कि भारतीय रिजर्व बैंक "ऐसा डेटा नहीं रखता"।
 

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