विश्व हिंदू परिषद ने सीएम ममता को लिखा पत्र, विधायक हुमायूं कबीर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग

खबर सार :-
विश्व हिंदू परिषद ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखकर टीएमसी विधायक हुमायूं कबीर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। वीएचपी ने आरोप लगाया है कि हुमायूं कबीर द्वारा जानबूझकर धार्मिक भावनाओं को आहत करने के लिए बाबर के नाम पर मस्जिद का निर्माण कराया जा रहा है। पत्र में उल्लेख किया है कि मस्जिद की आधारशिला 6 दिसंबर और इसका नाम बाबरी मस्जिद रखा गया, जो अपने आप में गंभीर सवाल है।

विश्व हिंदू परिषद ने सीएम ममता को लिखा पत्र, विधायक हुमायूं कबीर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग
खबर विस्तार : -

नई दिल्ली : विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने सोमवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखकर टीएमसी विधायक हुमायूं कबीर के खिलाफ तत्काल एफआईआर दर्ज करने की मांग की। वीएचपी का आरोप है कि विधायक हुमायूं कबीर द्वारा बाबर के नाम पर मस्जिद का निर्माण कराया जा रहा है, जो जानबूझकर धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाला कदम है।

इस संबंध में मीडिया को लेटर जारी करते हुए वीएचपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि हमारे इंटरनेशनल प्रेसिडेंट आलोक कुमार द्वारा साइन किए गए लेटर में ममता बनर्जी से बीएनएस की धारा 196 और 299 सहित अन्य प्रासंगिक धाराओं के तहत विधायक हुमायूं कबीर और उनके सहयोगियों के खिलाफ तत्काल एफआईआर दर्ज कर कड़ी कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया है।

गंभीर सवाल है मस्जिद का नाम और निर्माण की तिथि का चयन 

वीएचपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने बताया कि पत्र में उल्लेख किया गया है कि संबंधित मस्जिद की आधारशिला 6 दिसंबर 2025 को रखी गई थी और इसे 'बाबरी मस्जिद' नाम दिया जा रहा है। वीएचपी का कहना है कि नाम और निर्माण की तिथि का चयन अपने आप में गंभीर सवाल खड़े करता है।

सीएम ममता के नाम लिखे पत्र में आलोक कुमार ने कहा कि बाबर मुगल वंश का संस्थापक था, जिसने मध्य एशिया से भारत पर आक्रमण कर मुगल शासन की स्थापना की। उन्होंने कहा कि ऐतिहासिक अभिलेखों, विशेष रूप से बाबर की आत्मकथा 'बाबरनामा' में उसके सैन्य अभियानों के दौरान व्यापक हिंसा, नागरिकों के नरसंहार, आतंक फैलाने के लिए 'खोपड़ियों के मीनार' बनाए जाने और पूजा स्थलों के ध्वंस का उल्लेख मिलता है।

वीएचपी अध्यक्ष के अनुसार, बाबर को विशेषकर हिंदू समाज में एक विदेशी आक्रांता के रूप में देखा जाता है, जो क्रूरता, धार्मिक उत्पीड़न और हिंदू धार्मिक स्थलों के विनाश से जुड़ा रहा है। उन्होंने कहा कि अयोध्या में उसके शासनकाल के दौरान निर्मित मस्जिद का संदर्भ आज भी हिंदू समाज की भावनाओं से गहराई से जुड़ा और अत्यंत संवेदनशील विषय है।

सुनियोजित और प्रतीकात्मक है यह कदम 

पत्र में यह भी कहा गया कि मस्जिद के नामकरण, निर्माण की तिथि और विधायक हुमायूं कबीर के बयानों से यह स्पष्ट होता है कि यह कदम आकस्मिक नहीं, बल्कि सुनियोजित और प्रतीकात्मक है। वीएचपी ने तर्क दिया कि यह कार्रवाई हिंदू समाज के लिए पूर्वानुमेय रूप से आपत्तिजनक है और इससे धार्मिक वैमनस्य को बढ़ावा मिलने की आशंका है, जो भारतीय न्याय संहिता की धारा 196 के अंतर्गत आता है।

वीएचपी ने आगे कहा कि बाबर का नाम ऐतिहासिक रूप से हिंदू धार्मिक स्थलों के विनाश से जुड़ा रहा है। ऐसे में किसी मस्जिद का नाम उसके नाम पर रखना और उससे जुड़ी बयानबाजी यह दर्शाती है कि यह कृत्य दुर्भावनापूर्ण है और हिंदू धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने की मंशा से किया गया है, जो धारा 299 बीएनएस के तहत अपराध की श्रेणी में आता है।

हुमायूं कबीर और सहयोगियों के खिलाफ कानून के अनुसार तत्काल कार्रवाई की मांग

वीएचपी ने यह भी उल्लेख किया कि टीएमसी ने विधायक हुमायूं कबीर को पार्टी से निलंबित कर दिया है। संगठन ने कोलकाता के मेयर और वरिष्ठ टीएमसी नेता फिरहाद हकीम के उस बयान का हवाला दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि पार्टी को अचानक बाबरी मस्जिद निर्माण की घोषणा की जानकारी मिली, जिस पर पार्टी ने आपत्ति जताई और विधायक को निलंबित करने का निर्णय लिया।

पत्र में यह भी कहा गया है कि मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी इस कदम की सार्वजनिक रूप से आलोचना की है। वीएचपी ने मुख्यमंत्री से अपील की है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए संबंधित धाराओं की विधिक जांच कराई जाए और विधायक हुमायूं कबीर तथा उनके सहयोगियों के खिलाफ कानून के अनुसार तत्काल कार्रवाई की जाए।
 

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