Medicine Plant Castor: औषधीय गुणों से भरपूर अरंडी का पौधा

खबर सार :-
चिकित्सकों के अनुसार अरंडी का तेल एक शक्तिशाली रेचक के रूप में कार्य करता है। यह पेट दर्द और कब्ज से राहत दिलाने में मदद करता है। अरंडी का तेल दर्द और सूजन को कम करने में मदद कर सकता है। यह गठिया और मांसपेशियों में दर्द के लिए एक उपाय के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।

Medicine Plant Castor: औषधीय गुणों से भरपूर अरंडी का पौधा
खबर विस्तार : -

लखनऊः प्राचीन काल से ही इंसान प्राकृतिक शक्तियों की पूजा करता रहा है, क्योंकि उसे प्रकृति में छिपे रहस्यों की जानकारी थी, जिसकी वजह से गंभीर से गंभीर बीमारियों का इलाज प्रकृति के माध्यम से आसानी से हो जाता है। प्रकृति जब भी कोई समस्या उत्पन्न करती है, तो उसका समाधान भी प्रकृति में ही मिलता है। प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद में कई औषधियां ऐसी हैं, जो अनेकों प्रकार की शारीरिक समस्याओं को दूर करने और कम समय में राहत दिलाने में सक्षम हैं। ऐसा ही एक पौधा ‘अरंडी’ के रूप में भी जाना जाता है। जो कि अनेकों प्रकार के औषधीय गुणों से भरपूर होता है। इसके फल, फूल, पत्ते या बीज हर एक भाग से लाभदायक औषधियां व अन्य उपयोगी वस्तुएं बनाई जाती हैं। 
हमारे घर के आस-पास अनेकों ऐसे पेड़-पौधे और वनस्पियां उग जाती हैं, जिनके बारे में हमें जानकारी नहीं होती। अरंडी का पौधा भी अक्सर घरों के आस-पास या फिर कूड़ाघर के निकट अपने आप उग जाता है। इस पौधे को विकास के लिए किसी विशेष प्रकार के देखभाल की जरूरत नहीं होती है। आयुर्वेदाचार्यों के मुताबिक अरंडी बुखार, कफ, पेट दर्द, सूजन, बदन दर्द, कमर दर्द, सिर दर्द, मोटापा, कब्ज, पेट के कीड़े, बवासीर, रक्तदोष और भूख कम लगने की समस्या को दूर करने में भी लाभदायक होता है। यह खांसी, जुकाम, बलगम तथा पेट दर्द संबंधी समस्याओं में भी राहत प्रदान करता है। यह जोड़ों के दर्द में भी आराम दिलाता है।

 अनेकों रोगों की एक दवा अरंडी का तेल

अरंडी के तेल से मालिश करने से मांसपेशियां मजबूत बनती हैं। चिकित्सकों के अनुसार अरंडी का तेल एक शक्तिशाली रेचक के रूप में कार्य करता है। यह पेट दर्द और कब्ज से राहत दिलाने में मदद करता है। अरंडी का तेल दर्द और सूजन को कम करने में मदद कर सकता है। यह गठिया और मांसपेशियों में दर्द के लिए एक उपाय के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। अरंडी का तेल प्रसव को प्रेरित करने में मदद कर सकता है, यह घावों को जल्दी भरने में भी मदद करता है। यह त्वचा और बालों के लिए भी बेहद लाभकारी होता है और सूजन, जलन से भी राहत दिलाता है। अरंडी विषाक्त पदार्थों को बाहर निकलने में मदद करता है। जिन लोगों के सिर या शरीर में दर्द होता है, उन्हें अरंडी के तेल से मालिश करने से राहत मिलती है। अरंडी का तेल त्वचा को हाइड्रेट और मॉइस्चराइज करने में भी उपयोगी होता है। यह एक्जिमा और सोरायसिस जैसी त्वचा की गंभीर बीमारियों के लक्षणों को कम करने में भी उपयोगी होता है। 

अरंडी के तेल में पोषण संबंधी तत्व

चरक संहिता में अरंडी का उल्लेख मिलता है। अरंडी खाने में तीखा और बेस्वाद होता है। यह लाल और सफेद दो रंग का होता है। लाल अरंडी को गर्म दूध के साथ लेने से दर्द, वात, हृदय रोग, पुराना बुखार, कमर और पीठ के दर्द में राहत मिलती है। यह कब्ज में भी आराम दिलाता है। अरंडी हृदय को मजबूती प्रदान करने के साथ ही याददाश्त को भी तेज करता है। अरंडी के तेल में भरपूर मात्रा में पोषण संबंधी तत्व होते हैं। इसमें रिसिनोलेइक एसिड पाया जाता है, जो एक मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड है। अरंडी के तेल में मौजूद रिसिनोलेइक एसिड कई लाभकारी गुण प्रदान करता है। इसमें थोड़ी मात्रा में विटामिन ई, ओमेगा-6 और ओमेगा-9 फैटी एसिड भी होते हैं।

ध्यान रखें, अरंडी का तेल अपने अप्रिय स्वाद के कारण खाने में इस्तेमाल नहीं किया जाता है। हालाँकि, कुछ लोग औषधीय प्रयोजनों के लिए थोड़ी मात्रा में इसका सेवन अवश्य करते हैं। उत्पादन के दौरान तेल को गर्म करने की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है, जिससे जहरीले एंजाइम रिकिन को निष्क्रिय कर दिया जाता है और इसे उपयोग के लिए सुरक्षित बना दिया जाता है। इसलिए अरंडी के तेल में कोई हानिकारक योजक नहीं होते हैं। इसलिए य़ह चेहरे और शरीर के उपयोग के लिए भी उपयुक्त बन जाता है। इसकी अनूठी संरचना दवा, उद्योग और फार्मास्यूटिकल्स में विभिन्न अनुप्रयोगों की अनुमति देती है। आप इसे खाद्य उत्पादों, दवाओं, स्किनकेयर आइटम, औद्योगिक ल्यूब्रिकेंट और बायोडीजल कम्पोनेंट के रूप में भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

इस्तेमाल करने से पूर्व चिकित्सक की सलाह जरूरी

अरंडी का पौधा कई तरह के औषधीय गुणों से भरपूर होता है, लेकिन इसका इस्तेमाल चिकित्सक की सलाह पर ही करना चाहिए। स्वास्थ्य विशेषज्ञ ने अरंडी के इस्तेमाल में एहतियात बरतने की भी सलाह दी है। आयुर्वेदाचार्यों ने बताया है कि अरंडी का अधिक इस्तेमाल आमाशय को शिथिल कर देता है और इससे गर्मी भी उत्पन्न होती है। अरंडी का ज्यादा सेवन करने से उल्टी होने या जी घबराने की समस्या भी हो सकती है। इस वजह से इसका सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए।

 ग्रहों के दुष्प्रभावों को दूर करने में भी लाभकारी

आयुर्वेद के साथ ही ज्योतिष और तांत्रिक भी ग्रहों के दुष्प्रभावों को दूर करने के लिए अरंडी का प्रयोग किया जाता है। वाराणसी के ज्योतिषाचार्य रत्नेश त्रिपाठी के अनुसार अरंडी का संबंध सुख-ऐश्वर्य के ग्रह शुक्र से है। जिन लोगों की रुचि प्रेम विवाह में होती है, उन्हें गले में अरंडी की जड़ों को धारण करना चाहिए। इससे शुक्र ग्रह सक्रिय होते हैं और मान्यता है कि अड़चनें दूर होती हैं।

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