यमुना में बाढ़ के बाद बीमारियों का खतरा बढ़ा, CMO ने बताए बचाव के उपाय

खबर सार :-
यमुना नदी में आई बाढ़ का पानी धीरे-धीरे कम हो रहा है। जैसे-जैसे पानी कम हो रहा है वैसे-वैसे बीमारियों का खतरा बढ़ता जा रहा है। लोग अभी से इलाज के लिए अस्पताल पहुंचने लगे हैं। बीमारियों के खतरे को लेकर स्वास्थ्य विभाग चौकन्ना है। स्वास्थ्य विभाग ने पहले ही 12 स्वास्थ्य चौकियां स्थापित कर दी थीं। मेडिकल टीम लगातार काम पर लगी हुई है। डेंगू और मलेरिया के मामले बढ़ रहे हैं।

यमुना में बाढ़ के बाद बीमारियों का खतरा बढ़ा, CMO ने बताए बचाव के उपाय
खबर विस्तार : -

नई दिल्ली : यमुना नदी में आई बाढ़ का पानी अब धीरे-धीरे कम होने लगा है, लेकिन इसके साथ ही बीमारियों का खतरा भी तेज़ी से बढ़ रहा है और लोग लगातार इलाज के लिए जिला अस्पताल पहुंच रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीमें यमुना किनारे बने राहत शिविरों में दिन-रात लोगों का इलाज कर रही हैं और दवाइयां भी बांट रही हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) डॉ. नरेंद्र सिंह ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने बाढ़ से पहले ही 12 स्वास्थ्य चौकियां स्थापित कर दी थीं और अब जब पानी कम हो रहा है, तो हमारी मेडिकल टीम लगातार काम कर रही है और जो भी बीमारियां सामने आ रही हैं, उनका इलाज किया जा रहा है। हमारा स्वास्थ्य विभाग हर स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह सतर्क है और बीमारियां न फैलने देने की दिशा में काम कर रहा है। सीएमओ ने बताया, "इस साल जनवरी से अब तक जिले में डेंगू के कुल 189 मामले सामने आए हैं, जिनमें से 14 मरीजों का अभी भी इलाज चल रहा है। वहीं, मलेरिया के 85 मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें से 6 सक्रिय मामले हैं। स्वास्थ्य विभाग ने बीमारियों की रोकथाम के लिए 188 नोटिस जारी किए हैं, जिसमें लोगों को साफ-सफाई रखने, पानी जमा न होने देने और मच्छरों से बचाव के उपाय अपनाने की सलाह दी गई है। 

बीमारियों पर नियंत्रण के लिए 21 टीमें तैनात 

स्वास्थ्य विभाग ने बीमारियों पर नियंत्रण के लिए 21 टीमें तैनात की हैं, जिनमें शहरी क्षेत्रों में 16 रैपिड रिस्पांस टीमें, 4 ब्लॉक स्तरीय टीमें और 1 जिला स्तरीय टीम शामिल है। ये टीमें जलभराव वाले इलाकों और घनी आबादी वाले इलाकों में नियमित जांच कर रही हैं। घर-घर जाकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है और मच्छरों के लार्वा की जांच की जा रही है। जहां भी लार्वा मिल रहा है, तत्काल कार्रवाई की जा रही है और संबंधित लोगों को नोटिस जारी कर रोकथाम के निर्देश दिए जा रहे हैं तो क्या आप लोगों ने वहां ऐसे किसी हॉटस्पॉट की पहचान की है? इस सवाल का जवाब देते हुए डॉ. कुमार ने कहा, "अभी तक कोई विशिष्ट हॉटस्पॉट चिन्हित नहीं हुआ है। हमारी टीमें हर उस जगह पर नज़र रख रही हैं जहां जलभराव या घनी आबादी है। 

लोगों को साफ़-सफ़ाई के प्रति किया जा रहा जागरूक

घर-घर जाकर जांच की जा रही है और लोगों को साफ़-सफ़ाई के प्रति जागरूक किया जा रहा है।" हर साल सितंबर-अक्टूबर में मलेरिया और डेंगू के मामले सामने आते रहे हैं। सीएमओ का कहना है कि इस साल जनवरी से अब तक कुल 189 मामले सामने आए हैं, लेकिन अभी हमारे पास केवल 14 सक्रिय मामले हैं, जिनका इलाज लगातार चल रहा है और इस समय हमारी ओर से 188 नोटिस जारी किए गए हैं, हमारी कुल 21 टीमें काम कर रही हैं। स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे अपने आस-पास साफ़-सफ़ाई रखें, पानी जमा न होने दें और मच्छरों से बचाव के लिए मच्छरदानी, मच्छर भगाने वाली क्रीम और पूरी बाजू के कपड़ों का इस्तेमाल करें। इसके साथ ही, अगर आपको बुखार या कोई अन्य लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत नज़दीकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें। स्वास्थ्य विभाग की सतर्कता और सक्रियता से उम्मीद है कि जल्द ही बीमारियों पर काबू पा लिया जाएगा।
 

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