देश में 76 रेलवे स्टेशनों पर पैसेंजर होल्डिंग एरिया बनाने को रेल मंत्रालय की मंजूरी

खबर सार :-
रेल मंत्रालय की यह पहल भारतीय रेल के आधुनिकीकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है। ‘पैसेंजर होल्डिंग एरिया’ की व्यवस्था यात्रियों को अधिक आरामदायक, सुरक्षित और संगठित यात्रा अनुभव देगी। त्योहारों के दौरान होने वाली अव्यवस्था और भीड़भाड़ में कमी आएगी। यदि तय समय में यह परियोजना पूरी होती है, तो यह देश के रेलवे ढांचे में ऐतिहासिक सुधार साबित होगी।

देश में 76 रेलवे स्टेशनों पर पैसेंजर होल्डिंग एरिया बनाने को रेल मंत्रालय की मंजूरी
खबर विस्तार : -

नई दिल्लीः त्योहारों के दौरान बढ़ती यात्रियों की भीड़ को ध्यान में रखते हुए रेल मंत्रालय ने देशभर के 76 प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर ‘पैसेंजर होल्डिंग एरिया’ (Passenger Holding Area) विकसित करने की योजना को मंजूरी दे दी है। यह फैसला नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर इस व्यवस्था की सफलता के बाद लिया गया है, जहां दीपावली और छठ जैसे अवसरों पर यात्रियों की भारी भीड़ को नियंत्रित करने में यह मॉडल बेहद प्रभावी साबित हुआ था।

नई दिल्ली स्टेशन पर बनाए गए इस अस्थायी होल्डिंग एरिया ने यात्रियों को प्लेटफॉर्म से पहले रुकने और बैठने की सुविधा दी, जिससे प्लेटफॉर्म और ट्रेनों पर भीड़ का दबाव काफी कम हुआ। रेल मंत्रालय के अनुसार, इस मॉडल को अब देशभर के प्रमुख स्टेशनों पर लागू किया जाएगा ताकि यात्रा अनुभव को और सुविधाजनक बनाया जा सके।

2026 के त्योहारी सीजन से पहले तैयार होंगे सभी होल्डिंग एरिया

रेल मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि सभी नए होल्डिंग एरिया 2026 के त्योहारी सीजन से पहले बनकर तैयार हो जाएं। इन एरियाज को मॉड्यूलर डिजाइन में विकसित किया जाएगा, यानी इन्हें प्रत्येक शहर की जलवायु, जनसंख्या घनत्व और उपलब्ध जगह के अनुसार तैयार किया जाएगा। इससे देश के अलग-अलग हिस्सों में यात्रियों की जरूरतों के अनुसार सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकेंगी। इन क्षेत्रों में यात्रियों के लिए बैठने, पानी, पंखे, शौचालय, मोबाइल चार्जिंग पॉइंट्स और स्क्रीन पर ट्रेन की वास्तविक स्थिति दिखाने जैसी सुविधाएं होंगी। मंत्रालय के अनुसार, यह कदम यात्रियों को भीड़भाड़ से राहत देने और स्टेशन संचालन को अधिक सुव्यवस्थित बनाने में सहायक सिद्ध होगा।

विभिन्न जोनों के चयनित स्टेशन

रेल मंत्रालय ने 76 रेलवे स्टेशनों का चयन विभिन्न जोनल रेलवे के आधार पर किया है। इनमें प्रमुख जोनों और स्टेशनों की सूची इस प्रकार हैः

  • सेंट्रल रेलवे: मुंबई सीएसएमटी, लोकमान्य तिलक टर्मिनस, नागपुर, नासिक रोड, पुणे, दादर (6 स्टेशन)
  • ईस्टर्न रेलवे: हावड़ा, सियालदह, आसनसोल, भागलपुर, जसीडीह (5 स्टेशन)
  • ईस्ट सेंट्रल रेलवे: पटना, दानापुर, गया, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, पं. दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन (6 स्टेशन)
  • नॉर्दर्न रेलवे: नई दिल्ली, आनंद विहार, निजामुद्दीन, दिल्ली, गाजियाबाद, जम्मू तवी, कटरा, लुधियाना, लखनऊ (एनआर), वाराणसी, अयोध्या धाम, हरिद्वार (12 स्टेशन)
  • साउथ सेंट्रल रेलवे: सिकंदराबाद, विजयवाड़ा, तिरुपति, गुंटूर, काचीगुड़ा, राजमुंद्री (6 स्टेशन)
  • वेस्टर्न रेलवे: मुंबई सेंट्रल, बांद्रा टर्मिनस, उधना, सूरत, अहमदाबाद, उज्जैन, वडोदरा, सीहोर (8 स्टेशन)

इसके अलावा जयपुर, अजमेर, कोयंबटूर, बेंगलुरु, भोपाल, रांची, रायपुर जैसे अन्य शहरों के स्टेशन भी इस योजना में शामिल हैं।

स्थानीय जरूरतों के अनुरूप डिजाइन

रेल मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि प्रत्येक स्टेशन का होल्डिंग एरिया स्थानीय जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार किया जाएगा। उदाहरण के लिए, मुंबई और चेन्नई जैसे शहरों में वातानुकूलित या अर्ध-वातानुकूलित व्यवस्था की जाएगी, जबकि उत्तर भारत के शहरों में खुले और हवादार ढांचे पर जोर रहेगा।

आर्थिक और सामाजिक लाभ

रेलवे अधिकारियों का कहना है कि इस योजना से न केवल यात्रियों को सुविधा मिलेगी, बल्कि स्टेशन प्रबंधन पर भी सकारात्मक असर पड़ेगा। भीड़ नियंत्रण आसान होगा, ट्रेनों की समयबद्धता में सुधार आएगा और सुरक्षा कर्मियों पर दबाव घटेगा। इसके अलावा, स्थानीय स्तर पर निर्माण कार्य से रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।

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