Pitru Paksha 2025: बिहार के गयाजी (Gayaji) में पितृ पक्ष मेला शुरू होते ही आस्था का सागर उमड़ पड़ा। रविवार यानी 7 सितंबर को पहले ही दिन गयाजी के सभी खास कर विष्णुपद स्थित देवघाट पर सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी और लोगों ने पिंडदान किया। दूर-दराज के छत्तीसगढ़, गुजरात, ओडिशा, मध्य प्रदेश समेत अन्य राज्यों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु गयाजी पहुंचे। सभी की एक ही कामना थी, पूर्वजों की आत्मा की मोक्ष प्राप्ति। धार्मिक ग्रंथों में गयाजी के महत्व का विस्तार से उल्लेख किया गया है।
मान्यता है कि बिहार के गयाजी (Gayaji) में किया गया पिंडदान तीनों लोकों में भी दुर्लभ है। यहां पिंडदान करने से पितरों को मुक्ति और साधक को मोक्ष की प्राप्ति होती है। रविवार को श्रद्धालुओं ने देवघाट पर खीर से विशेष पिंडदान किया। मान्यता है कि पितृ पक्ष के पहले दिन खीर से किया गया पिंडदान पितरों को तृप्त करता है। कई श्रद्धालुओं ने अपने पूर्वजों और अकाल मृत्यु को प्राप्त हुए परिजनों की तस्वीर सामने रखकर विधि-विधान से पिंडदान किया।
पिंडदान करने आए तीर्थयात्रियों ने बताया कि गयाजी में पिंडदान करने से मन को शांति मिलती है। पितरों के प्रति कृतज्ञता का भाव जागृत होता है। कई श्रद्धालु पहली बार गयाजी पहुंचे और इस अद्भुत परंपरा का अनुभव किया। तीर्थयात्रियों ने बताया कि पितृ पक्ष में यहां आकर पिंडदान करने मात्र से ही पितरों को तृप्ति मिलती है।
पिंडदान करने आईं रीता गोयल ने बताया कि मैं ओडिशा के राउरकेला से आई हूं। मैं यहां पितरों की मुक्ति के लिए पिंडदान करने आई हूं। हमारी सात पीढ़ियां गयाजी में पिंडदान करने आई हैं। वहीं हरियाणा के फरीदाबाद से आए श्रद्धालु प्रवीण शर्मा ने बताया कि हम अपने परिवार और मित्रों के साथ यहां पिंडदान करने आए हैं। हमारे परिवार का एक बच्चा भी हमारे साथ आया है, जो पिंडदान के महत्व और यहां की संस्कृति को समझेगा। हमारी मृत्यु के बाद, वह मोक्ष प्राप्ति के लिए यहां पिंडदान करने आएगा।
गौरतलब है कि मोक्ष नगरी गयाजी में शनिवार को पितृ पक्ष मेला 2025 शुरू हो गया। मोक्ष का यह महापर्व 17 दिनों तक चलेगा। इस दौरान देश-विदेश से श्रद्धालु पितरों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान करेंगे। गयाजी में आस्था, विश्वास और पूर्वजों के प्रति श्रद्धा का संगम देखने को मिल रहा है। पितृ पक्ष मेले के दूसरे दिन हजारों श्रद्धालुओं ने गयाजी पहुंचकर फल्गु नदी के तट पर स्नान कर पिंडदान किया। तीसरे दिन भी पवित्र फल्गु नदी के तट पर भारी भीड़ उमड़ी। उधर भारी भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन ने देवघाट पर श्रद्धालुओं के बैठने के लिए टेंट लगाए हैं। स्वच्छ पेयजल, शौचालय, बिजली और स्वास्थ्य सेवाओं की समुचित व्यवस्था की गई है। सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम हैं। एनडीआरएफ की टीम से लेकर पुलिस बल तक तैनात है।
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