War Exercise: सैन्य अभ्यास में हिस्सा लेने सिंगापुर पहुंचा आईएनएस निस्तार

खबर सार :-
आईएनएस निस्तार, भारतीय नौसेना का नवीनतम डाइविंग सपोर्ट वेसल, पैसिफिक रीच 2025 सैन्य अभ्यास में हिस्सा लेने के लिए सिंगापुर पहुंच चुका है। यह स्वदेशी रूप से निर्मित जहाज गहरे समुद्र में पनडुब्बी बचाव कार्यों के लिए अत्याधुनिक तकनीक से लैस है। यह अभ्यास देशों के बीच पनडुब्बी बचाव प्लेटफार्मों को जोड़ने और सहयोग बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।

War Exercise: सैन्य अभ्यास में हिस्सा लेने सिंगापुर पहुंचा आईएनएस निस्तार
खबर विस्तार : -

नई दिल्लीः भारतीय नौसेना का नवीनतम डाइविंग सपोर्ट वेसल, आईएनएस निस्तार, अब साउथ चाइना सी में होने वाले सैन्य अभ्यास में हिस्सा लेने के लिए सिंगापुर के चांगी नेवल बेस पहुंच चुका है। यह आईएनएस निस्तार की पहली विदेशी यात्रा है और इसे पैसिफिक रीच 2025 (एक्सपीआर-25) में भाग लेने के लिए भेजा गया है। यह बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास आज से शुरू हो रहा है, जिसमें 40 से अधिक देश सहभागी और पर्यवेक्षक के रूप में शामिल होंगे।

मेड इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम

आईएनएस निस्तार स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित किया गया है, और यह भारत की आत्मनिर्भरता की ओर एक और बड़ा कदम है। जहाज की क्षमता में 650 मीटर गहरे समुद्र में पनडुब्बी बचाव कार्य करने की क्षमता शामिल है। यह डेडिकेटेड पनडुब्बी बचाव प्रणाली (DSRV) के साथ आता है, जिसे भारत ने 2018-19 में अपने पूर्वी और पश्चिमी तट के लिए विकसित किया था।

दो चरणों में पैसिफिक रीच 2025 का आयोजन

पैसिफिक रीच 2025 का आयोजन सिंगापुर द्वारा किया जा रहा है और यह दो चरणों में होगा: हार्बर फेज और सी फेज। हार्बर फेज एक सप्ताह तक चलेगा और इसमें पनडुब्बी बचाव प्रणाली पर गहन चर्चा, मेडिकल सिम्पोजियम, और क्रॉस डेक विजिट्स शामिल होंगे। सी फेज में आईएनएस निस्तार और अन्य देशों के नौसैनिक दल विभिन्न इंटरवेंशन और रेस्क्यू ऑपरेशन का अभ्यास करेंगे। इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य पनडुब्बी बचाव प्लेटफार्मों और प्रक्रियाओं को सरल बनाना और आपसी इंटरऑपरेबिलिटी बढ़ाना है।

नौसेना की शिपबिल्डिंग क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि

आईएनएस निस्तार को भारतीय नौसेना के ईस्टर्न फ्लीट के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग के तहत तैनात किया गया है। यह जहाज विशेष रूप से डीप सी डाइविंग सिस्टम और साइड स्कैन सोनार जैसे उन्नत उपकरणों से लैस है, जो इसे गहरे समुद्र में पनडुब्बी बचाव ऑपरेशंस के लिए आदर्श बनाते हैं। जहाज को जरूरत पड़ने पर वेसल्स ऑफ अपॉर्च्युनिटी पर भी तैनात किया जा सकता है, और इसे हवाई मार्ग से भी किसी तट पर भेजा जा सकता है।

बता दें, आईएनएस निस्तार भारतीय नौसेना की शिपबिल्डिंग क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जिसमें 80 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी उपकरण और तकनीक का उपयोग किया गया है। यह जहाज भारत के समुद्र संबंधी आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देता है और समुद्री क्षेत्र में उसके बढ़ते प्रभाव को दर्शाता है।

 

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