लखनऊ : केंद्र सरकार के विद्युत मंत्रालय द्वारा उत्तरी क्षेत्र के क्षेत्रीय विद्युत मंत्रियों के सम्मेलन का आयोजन चंडीगढ़ में किया गया। इस सम्मेलन का आयोजन केंद्रीय ऊर्जा, आवासन एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में किया गया। सम्मेलन में यूपी के ऊर्जा एवं नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने भी प्रतिभाग किया और राज्य की ऊर्जा जरूरतों और आने वाली कठिनाइयों को साझा किया।
सम्मेलन में भारत सरकार ऊर्जा सचिव, पंजाब, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, राजस्थान, दिल्ली, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश व उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री और केंद्र व प्रदेश स्तर के अधिकारी शामिल रहे। यूपी के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने सम्मेलन में प्रदेश के उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण व निर्बाध विद्युत आपूर्ति के लिए राज्य में बिजली के पुराने व जर्जर तारों व पोल को बदलने के साथ नए ट्रांसफार्मर लगाने की जानकारी दी।
कहा कि प्रदेश में ओवरलोड ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि का काम युद्धस्तर पर किया जा रहा है। बीते 08 सालों में सभी स्रोतों से यूपी का ऊर्जा उत्पादन 15 हज़ार मेगावाट से बढ़कर 25 हज़ार मेगावाट हो गया है। सबस्टेशनों की जो क्षमता मार्च 2017 में 39,159 मेगावाट थी वह बढ़कर 1,99,500 एमवीए हो गई है। ट्रांसमिशन लाइनों की जो क्षमता मार्च मार्च 2017 तक 7,502 सर्किट किमी थी वह अब बढ़कर 62,483 सर्किट किमी हो गई है।
बीते 04 वर्षों में देश भर में यूपी अन्य राज्यों के मुकाबले अधिक बिजली आपूर्ति करने वाला प्रदेश है। वर्ष 2022 में प्रदेश में सर्वाधिक 26,589 मेगावाट की आपूर्ति की गई। इसी प्रकार वर्ष वर्ष 2023 में 28,284 मेगावाट, वर्ष 2024 में 30,618 मेगावाट विद्युत आपूर्ति की गई। इस वर्ष जुलाई से सितंबर के बीच बिजली की मांग 32,500 मेगावाट पहुंचने का अनुमान है।
ऊर्जा मंत्री ने बताया कि प्रदेश की बढ़ती बिजली की मांग को पूरा करने के लिए राज्य ने संसाधन पर्याप्तता योजना बनायी है। वर्तमान में यूपी की कुल बिजली उत्पादन क्षमता 8500 मेगावाट हो गई है। वर्ष 2017 तक 5100 मेगावाट और वर्ष 2022 में 5800 मेगावाट थी। इसी प्रकार से ट्रांसफार्मर स्टेशनों की क्षमता वर्ष 2017 की तुलना में 05 गुना और 2022 की तुलना में 1.5 गुना बढ़कर 2,00,000 एमवीए तक पहुंच गई है।
ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देते हुए प्रदेश में ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर-2 परियोजना कार्यान्वित की जा रही है। इस परियोजना के तहत प्रदेश में 04 गीगावॉट की हरित ट्रांसमिशन क्षमता स्थापित की जा रही है। राज्य की पारेषण प्रणाली में वर्तमान में 698 सबस्टेशन, 1,99,347 एमवीए ट्रांसमिशन क्षमता और 58,672 सर्किट किलोमीटर पारेषण लाइनें शामिल हैं। इसमें 118 नए सबस्टेशन, 74,195 एमवीए पारेषण क्षमता और 13,228 सर्किट किमी नई पारेषण लाइनों का और निर्माण किया जा रहा है।
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