AIM-120 AMRAAM का बाप है ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल, तूफानी रफ्तार के साथ रेंज भी है तीन गुना

खबर सार :-
भारत की ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल, अमेरिका की AIM-120 AMRAAM मिसाइल की तुलना में कहीं अधिक रेंज और गति प्रदान करती है। पाकिस्तान को मिलने वाली AIM-120 मिसाइलों से उसकी वायुसेना को मजबूती मिलेगी, लेकिन ब्रह्मोस की क्षमताएं भारत को रणनीतिक बढ़त दिलाती हैं। बदलते वैश्विक समीकरणों में भारत को सैन्य और कूटनीतिक दोनों स्तरों पर तैयार रहने की आवश्यकता है।

AIM-120 AMRAAM का बाप है ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल, तूफानी रफ्तार के साथ रेंज भी है तीन गुना
खबर विस्तार : -

 AIM120 AMRAAM vs Brahmos Missile: दुनिया पर तीसरे विश्वयुद्ध का खतरा मंडरा रहा है। रूस-यूक्रेन, इजराइल-फिलिस्तीन युद्ध में अमेरिका-यूरोप और मिडिल ईस्ट समेत अनेकों देश प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शामिल हैं। वहीं दूसरी तरफ भारत-पाकिस्तान के बीच संबंध पहले से भी खराब स्थिति में पहुंच चुके हैं। भारत के लिए अपने पड़ोसी मुल्कों पाकिस्तान, बांग्लादेश, चीन, नेपाल और ईरान के समक्ष अपनी राजनीतिक एवं कूटनीतिक चालों के अलावा सैन्य बलों की मजबूती पर ध्यान देने आवश्यक हो गया है। इस बीच वॉशिंगटन की ओर से इस्लामाबाद को जल्द ही अत्याधुनिक AIM-120 एडवांस्ड मीडियम रेंज एयर-टू-एयर मिसाइलें (AMRAAM) मिलने की संभावना जताई जा रही है, जिसकी वजह से भारतीय सैन्य शक्ति और पाकिस्तानी सैन्य क्षमताओं की तुलना जोर पकड़ने लगी है।

अमेरिका-पाकिस्तान के बीच संबंधों में सुधार का असर

अमेरिका और पाकिस्तान के बीच संबंधों में लगातार सुधार देखने को मिल रहा है। अमेरिका की डोनाल्‍ड ट्रंप सरकार आतंकियों को पनाह देने वाले पाकिस्‍तान पर लगातार मेहरबान है। इस कारण अमेरिका, पाकिस्तान को आर्थिक मदद देने के साथ ही सैन्य क्षमता में विस्तार करने में भी सहयोग कर रहा है। अब इन दोनों देशों के बीच बड़ी डिफेंस डील होने की बात सामने आई है। अब सवाल यह उठने लगा है कि अमेरिका जो मिसाइल पाकिस्‍तान को देने जा रहा है, वह कितनी ताकतवर है? क्‍या भारत के पास ऐसी मिसाइल्‍स हैं जो उसका मुंहतोड़ जवाब दे सकती हैं? भारत की ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल AIM-120 के समाने कहां टिकती है?

डीओडब्ल्यू ने हथियार अनुबंध को दी मंजूरी

रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ वॉर (डीओडब्ल्यू)ने हाल ही में एक हथियार अनुबंध को मंजूरी दी है, जिसमें पाकिस्तान को AIM-120 मिसाइलों के खरीदार देशों की सूची में शामिल किया गया है। डीओडब्ल्यू के अनुसार, रेथियॉन कंपनी को पहले से स्वीकृत कॉन्‍ट्रैक्‍ट (FA8675-23-C-0037) के तहत 41.6 मिलियन अमेरिकी डॉलर की अतिरिक्त राशि दी गई है। यह कॉन्‍ट्रैक्‍ट AIM-120 C8 और D3 वेरिएंट्स के उत्पादन के लिए है, जिसकी वजह से कुल अनुबंध की कीमत 2.51 अरब डॉलर से अधिक हो गई है।

ब्रह्मोस और AIM-120 में कौन ताकतवर

भारत की ब्रह्मोस और अमेरिका की AIM-120 दोनों ही अपनी-अपनी जगह पर बेहतरीन हथियार हैं। इसमें भारतीय ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल की रेंज 450 किलोमीटर तक मार करने की है। जबकि, AIM-120 एयर-टू-एयर मिसाइल के सबसे लेटेस्‍ट वर्जन की रेंज महज 160 किलोमीटर ही है। यह सौदा ब्रिटेन, पोलैंड, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, कतर, सऊदी अरब, ताइवान, जापान, इज़राइल, तुर्की समेत 30 से अधिक देशों को शामिल करता है। इस परियोजना से जुड़ी कारी कार्रवाई मई 2030 तक पूरा होने की उम्मीद है। हालांकि, यह अभी स्पष्ट नहीं है कि पाकिस्तान को कितनी नई मिसाइलें दी जाएंगी, लेकिन रिपोर्ट्स के अनुसार इससे पाकिस्तानी वायुसेना के F-16 बेड़े के आधुनिकीकरण की संभावनाएं बढ़ गई हैं। 

पाकिस्तान एयरफोर्स की वर्तमान स्थिति पर नजर डालें, तो वह AIM-120 मिसाइलों के C5 संस्करण का इस्तेमाल करती है, जिन्हें उसने 2010 में F-16 ब्लॉक-52 लड़ाकू विमानों के साथ खरीदा था। सनद रहे कि यह वही मिसाइल है जिसके इस्तेमाल से पाकिस्तान ने फरवरी 2019 में भारतीय वायुसेना के मिग-21 विमान को मार गिराने का दावा किया था, जिसे विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान उड़ा रहे थे। इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि पाकिस्तान वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल जहीर अहमद बाबर ने जुलाई में अमेरिकी स्टेट डिपार्टमेंट का दौरा किया था।  रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह दौरा मिसाइल खरीद वार्ता से जुड़ा होने की संभावना व्यक्त की जा रही है। क्ववा डिफेंस जर्नल के मुताबिक, AIM-120C8 दरअसल AIM-120D का एक्सपोर्ट वर्जन है, जो अमेरिकी वायुसेना में इस्तेमाल होने वाला सबसे उन्नत मॉडल है।

भारतीय वायुसेना दिवस का मुख्य आकर्षण Operation Sindoor

देश में प्रतिवर्ष 8 अक्टूबर को भारतीय वायु सेना दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष भारत अपना 93वां वायु सेना दिवस मना रहा है। इंडियन एयरफोर्स की स्थापना 8 अक्टूबर 1932 को की गयी थी जिसके बाद से इस दिन को प्रत्येक वर्ष इसी डेट में मनाया जाता है। इस वर्ष वायु सेना दिवस का मुख्य आकर्षण Operation Sindoor है। एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि स्वदेशी रूप से विकसित हथियारों ने दुश्मन के इलाके में अंदर तक सटीक और विनाशकारी हमले किए, जिससे घरेलू क्षमताओं में हमारा विश्वास पुष्ट हुआ है। ऑपरेशन सिंदूर इस बात का एक शानदार उदाहरण है कि सावधानीपूर्वक योजना, अनुशासित प्रशिक्षण और दृढ़ निष्पादन के माध्यम से क्या हासिल किया जा सकता है।

भारतीय वायुसेना की खासियत

भारतीय वायुसेना देश की सुरक्षा के साथ ही आपदा राहत, बचाव कार्य, शांति अभियानों और विदेश में फंसे भारतीय नागरिकों को वापस लाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसलिए वायुसेना दिवस उसके गौरवशाली इतिहास, विकास और साहसिक कार्यों को जनता के सामने लाने के लिए इस दिन को मनाया जाता है।

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