नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) जमीनी स्तर पर गरीबों को सशक्त बनाने में सफल रही है। इस योजना के तहत 33 लाख करोड़ रुपये के 52 करोड़ से अधिक लोन दिए गए हैं। पीएम ने कहा कि मुद्रा योजना का जन्म एक ‘कार्यकर्ता’ के रूप में देश भर में उनकी यात्राओं के परिणामस्वरूप हुआ था, जब उन्होंने देखा कि आम जनता को गरीबी से बाहर निकालने के लिए जमीनी स्तर पर लोगों को फंडिंग उपलब्ध कराना जरूरी है। इस योजना से देश के फाइनेंशियल सिस्टम का लोकतंत्रीकरण हुआ है। मुद्रा योजना के तहत दिए गए कुल लोन में से केवल 3.5 प्रतिशत ही एनपीए हुए हैं।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अपना एक इंटरव्यू साझा कर रहा हूं, जिसमें मैंने मुद्रा योजना की जीवन-परिवर्तनकारी क्षमता के बारे में विस्तार से बताया है। इसमें जानकारी दी गयी है कि सम्मान और सशक्तीकरण की हमारी यात्रा में यह क्यों एक महत्वपूर्ण योजना बनी हुई है। उन्होंने कहा कि मुद्रा (माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट एंड रिफाइनेंस एजेंसी) योजना को न कि एक अकेली योजना के रूप में एक विशेष संदर्भ में देखा जाना चाहिए। किसी भी सरकारी पद पर आने से पूर्व मैंने भी एक कार्यकर्ता के रूप में यात्राएं कर चुका हूं। हमारी आबादी का एक बड़ा हिस्सा हाशिए पर था, जो विकास की बाट जोह रहा था। ऐसे लोगों में उद्यम की भावना, ऊर्जा और लचीलापन भी है, जो एक सफल उद्यमी बनने के लिए आवश्यक है, लेकिन इस वर्ग से जुड़े लोगों को औपचारिक बैंकिंग और वित्तीय प्रणाली से पूरी तरह बाहर रखा गया था। उन्होंने जनता से सवाल करते हुए कहा कि मुझे बताइए, अगर आपके पास बैंक खाता नहीं है, तो क्या आप कभी बैंक जाएंगे? जब लोगों के पास बुनियादी बैंकिंग तक पहुंच भी नहीं थी, तो उद्यमिता के लिए धन जुटाना एक दूर का सपना लगता था।
जब 2014 में हमें बहुमत मिला, तो सरकार में आने के बाद हमने पूरे वित्तीय ढांचे को लोगों पर केंद्रित और समावेशी बनाने का निर्णय लिया, ताकि हम उनकी आकांक्षाओं को पंख दे सकें। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मुद्रा योजना के माध्यम से हम हर भारतीय को यह संदेश देना चाहते थे कि हमें उनकी क्षमताओं पर भरोसा है। हम उनकी आकांक्षाओं को पूरा करने की उनकी यात्रा में गारंटी के रूप में खड़े होंगे। भरोसा ही भरोसा पैदा करता है। लोगों ने भी बड़े उत्साह के साथ प्रतिक्रिया दी और अब तक 33 लाख करोड़ रुपये के 52 करोड़ से अधिक लोन दिए जा चुके हैं, जो मुद्रा की सफलता को दिखाता है।
भारत के बैंकिंग क्षेत्र में एनपीए के मुद्दे पर बात करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस समस्या पर दो दृष्टिकोण हैं। एक ओर, हमारे पास कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के कार्यकाल का अनुभव है। उस समय, बैंकिंग क्षेत्र एक ऐसी प्रणाली के तहत संचालित होता था, जिसे 'फोन बैंकिंग' के रूप में जाना जाता था। लोन को योग्यता या सख्त वित्तीय मापदंडों के पालन के बजाय राजनीतिक संपर्कों से कॉल के आधार पर स्वीकृत किया जाता था। हम सभी जानते हैं कि इससे ट्विन बैलेंस शीट की समस्या कैसे पैदा हुई। पारदर्शिता और जवाबदेही की कमी से इस अवधि ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को स्ट्रेड्स एसेट्स की विरासत से जूझने के लिए छोड़ दिया, जिससे बड़े स्तर पर आर्थिक विकास का समर्थन करने की उनकी क्षमता कम हो गई।
हमने मुद्रा योजना के माध्यम से गरीबों और मध्यम वर्ग को पैसा उधार दिया। यह छोटे और मध्यम उद्यमियों को सशक्त बनाने के लिए बनाया गया था, जिनके पास कोई कनेक्शन नहीं था, लेकिन उनमें क्षमता और दृढ़ विश्वास था। यूपीए के टॉप-हेवी लेंडिंग मॉडल के विपरीत, मुद्रा ने जमीनी स्तर पर आर्थिक गतिविधि पर ध्यान केंद्रित किया। आज के समय में 52 करोड़ से अधिक लोन खाते, मुद्रा योजना का बड़ा पैमाना और महत्वाकांक्षा को दर्शाता है। यह भी कहा कि जब हमने यह पहल शुरू की थी, तो कांग्रेस के कई प्रमुख नेताओं और उनके इकोसिस्टम के टिप्पणीकारों ने कहा था कि करोड़ों छोटे-मोटे कर्जदारों को लोन देने से एनपीए की समस्या पैदा होगी। उन्हें हमारे देश के गरीब और मध्यम वर्ग पर कोई भरोसा नहीं था, लेकिन नतीजों ने इन भविष्यवाणियों को झुठला दिया है।
अन्य प्रमुख खबरें
$5 billion investment: भारतीय इक्विटी बाजार में किसने किया 5 बिलियन डॉलर का निवेश
बिजनेस
11:19:01
Retail inflation rate: छह वर्षों में सबसे निचले स्तर पर पहुंची खुदरा महंगाई दर
बिजनेस
07:29:36
Mudra scheme: केंद्र सरकार की इस योजना ने बदल दी महिलाओं की जिंदगी
बिजनेस
11:24:48
India vs Bangladesh: भारत ने बांग्लादेश के लिए ट्रांस-शिपमेंट सुविधा पर लगाई रोक
बिजनेस
06:01:12
Big Disclosure: बंद पड़ी कंपनी ने 30,000 ईवी बनाने का लिया ऑर्डर
बिजनेस
10:03:45
GCC Workforce in India: देश में 2030 तक 30 लाख से अधिक हो जाएगी जीसीसी वर्कफोर्स
बिजनेस
05:55:20
UPI transactions increase: यूपीआई ट्रांजैक्शन में 42 प्रतिशत की वृद्धि
बिजनेस
10:09:16
India's growth rate: टैरिफ वॉर के बावजूद 6.2 प्रतिशत रहेगी भारत की विकास दर
बिजनेस
06:29:08
Domestic Air Passengers: घरेलू हवाई यात्रियों की संख्या में 11.3 प्रतिशत का इजाफा
बिजनेस
11:46:50
Big fall in stock market: ग्लोबल ट्रेड वार का भारतीय शेयर बाजार पर दिखा असर
बिजनेस
08:21:29