नई दिल्लीः भारतीय रेलवे ने अपनी परिचालन दक्षता में वित्तीय वर्ष 2024-2025 में काफी सुधार किया है। पिछले वित्तीय वर्ष की समाप्ति यानी 31 मार्च को जारी आंकड़ों के अनुसार रेलवे के परिचालन अनुपात में 98.32 प्रतिशत तक का सुधार हुआ है। रेलवे ने प्रति 100 रुपये कमाने के लिए 98.32 रुपये खर्च किए हैं, जबकि वर्ष 2023-24 के दौरान परिचालन अनुपात 98.43 प्रतिशत था, क्योंकि रेलवे ने प्रत्येक 100 रुपये की कमाई पर 98.43 रुपये खर्च किए थे। दूसरी तरफ रेलवे की आय में भी 2024-25 के दौरान 2.65 लाख करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है, जो विभाग के लिए बहुत ही बेहतर संकेत है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, पिछले वित्त वर्ष के दौरान यात्री राजस्व में 6.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जबकि माल ढुलाई आय में 1.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
रेल मंत्रालय के मुताबिक रेलवे में लागत में कटौती के उपायों में जनशक्ति प्रबंधन और पटरियों का विद्युतीकरण शामिल है, जिससे भारी बचत हुई है, क्योंकि डीजल इंजनों से ट्रेन को चलाना अधिक खर्चीला होता है। भारतीय रेलवे की परिचालन दक्षता में सुधार हुआ है, क्योंकि वर्तमान में 80,000 किलोमीटर तक विस्तारित ट्रेनों के लिए 110 किलोमीटर प्रति घंटे की गति क्षमता है, जो 2014 में केवल 31,000 किलोमीटर थी। यही नहीं, 130 किलोमीटर प्रति घंटे की गति क्षमता के लिए 2014-15 से 2024-25 तक लगभग 23,000 किलोमीटर ट्रैक को अपग्रेड करने के साथ ही गुणवत्ता में भी काफी सुधार किया गया है। ट्रेनों में आरक्षित श्रेणी में अधिक लोगों के यात्रा करने और माल ढुलाई में वृद्धि के साथ, भारतीय रेलवे ने 2024 में अपनी आय में वृद्धि दर्ज की है। 1 अप्रैल, 2024 से 31 मार्च, 2025 के बीच भारतीय रेलवे से कुल 715 करोड़ यात्रियों ने यात्रा की है। आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2025 में कुल यात्रियों में से 81 करोड़ लोगों ने एसी और स्लीपर क्लास के यात्रियों सहित आरक्षित श्रेणी से यात्राएं की हैं, जबकि 634 करोड़ लोग अनारक्षित श्रेणी के यात्री थे। इसमें उपनगरीय क्षेत्रों में रेलवे से की जाने वाली यात्राएं भी शामिल हैं, जो भारतीय रेलवे के कुल यात्रियों का 55 प्रतिशत से अधिक है और इस पर सरकार की तरफ से भारी सब्सिडी दी जाती है। इसी प्रकार, रेलवे ने 2024 में हासिल 1,590.68 मीट्रिक टन की तुलना में 1,617 मिलियन टन (एमटी) से अधिक फ्रेट लोडिंग की है। यह पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 1.7 प्रतिशत अधिक यानी 26.70 मीट्रिक टन की वृद्धि के रूप में देखी जा रही है।
रेल मंत्रालय से मिले आंकड़ों के मुताबिक भारतीय रेलवे के कुल माल लदान मिश्रण में कोयला 50 प्रतिशत से अधिक की हिस्सेदारी के साथ शीर्ष पर बना हुआ है। वित्त वर्ष 2025 में भारतीय रेलवे द्वारा लगभग 822 मीट्रिक टन कोयला, 89 मीट्रिक टन कंटेनर, 51 मीट्रिक टन पेट्रोलियम और लगभग 50 मीट्रिक टन खाद्यान्न का परिवहन किया गया है। आधिकारिक आंकड़ों पर गौर करें, तो घरेलू कंटेनरों में हॉट रोल्ड कॉइल, सिरेमिक टाइलें, वॉल केयर पुट्टी और चावल प्रमुख वस्तुएं शामिल हैं। पिछले वर्ष की तुलना में, घरेलू कोयले की लोडिंग में 7.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, जबकि घरेलू कंटेनरों की लोडिंग में 19.72 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यही नहीं उर्वरकों की लोडिंग में सालाना आधार पर 1.25 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। भारतीय रेलवे द्वारा कोयले की अधिक लोडिंग के कारण, बिजली घरों में स्टॉक 57 मीट्रिक टन दर्ज किया गया है।
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