Morgan Stanley Report: भारत में जीएसटी सुधार और ब्याज दरों में कटौती से घरेलू खपत को मिलेगा बढ़ावा

खबर सार :-
भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया में सबसे तेज गति से बढ़ रही है। केंद्र सरकार देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में लगातार काम कर रही है। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दीपावली से पूर्व जीएसटी में सुधार करने का ऐलान कर दिया है। तो उसके प्रभावों के बारे में जानें....

Morgan Stanley Report: भारत में जीएसटी सुधार और ब्याज दरों में कटौती से घरेलू खपत को मिलेगा बढ़ावा
खबर विस्तार : -

नई दिल्लीः भारत की आर्थिक दिशा को लेकर एक उत्साहजनक संकेत देते हुए वैश्विक निवेश फर्म मॉर्गन स्टेनली ने कहा है कि जीएसटी दरों में संभावित सुधार और ब्याज दरों में कटौती से घरेलू खपत में उल्लेखनीय बढ़ोतरी देखी जा सकती है। फर्म की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, यह बदलाव भारत की जीडीपी वृद्धि, मुद्रास्फीति नियंत्रण, और राजकोषीय संतुलन के लिए भी लाभकारी साबित हो सकता है।

मॉर्गन स्टेनली की रिपोर्ट के अनुसार, सरकार के हालिया प्रयास जैसे आयकर में कटौती, मौद्रिक नीति में नरमी, रोजगार में वृद्धि, और वास्तविक मजदूरी में सुधार मिलकर उपभोक्ता विश्वास को मजबूत कर रहे हैं। इससे बाजार में मांग बढ़ने की पूरी संभावना है।

जीएसटी सुधार का आर्थिक प्रभाव

मॉर्गन स्टेनली के अनुसार, प्रस्तावित जीएसटी सुधारों का भारत की जीडीपी पर 0.5-0.6 प्रतिशत का सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। साथ ही, महंगाई दर में 40 आधार अंक तक की गिरावट आने की संभावना है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भले ही इससे प्रारंभिक राजस्व पर असर पड़े, लेकिन जीडीपी ग्रोथ और टैक्स कलेक्शन में सुधार से इसकी आंशिक भरपाई संभव है। विश्लेषकों ने बताया कि अप्रत्यक्ष करों की कटौती का गुणक प्रभाव 1.1 है, जिससे 50 से 70 आधार अंकों तक की वृद्धि हो सकती है। इसका अर्थ है कि कम टैक्स दर से उपभोग बढ़ेगा, जिससे अर्थव्यवस्था को सीधा लाभ होगा।

प्रधानमंत्री का बड़ा संकेत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले से अपने संबोधन में संकेत दिया कि जल्द ही आम जनता को जीएसटी दरों में बड़ी राहत मिलने वाली है। उन्होंने कहा कि इस दिवाली, मैं आपके लिए दोहरी दिवाली लेकर आ रहा हूं। आम घरेलू वस्तुओं पर जीएसटी में भारी कटौती की जाएगी। प्रधानमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि जीएसटी ढांचे की समीक्षा ‘समय की मांग’ है और सरकार का लक्ष्य है कि कर व्यवस्था सरल और जनहितैषी हो।

बाजार और निवेशकों के लिए संदेश

इस रिपोर्ट से यह स्पष्ट होता है कि भारत सरकार संरचनात्मक सुधारों की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रही है। निवेशकों और उद्योगों के लिए यह एक सकारात्मक संकेत है कि उपभोक्ता बाजार में मांग बढ़ने वाली है, जो उत्पादन, रोजगार और निवेश को नई गति दे सकती है।

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