मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर सोना और चांदी की कीमतों में गिरावट हुई दर्ज

खबर सार :-
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर सोना व चांदी की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई है। निवेशकों का ध्यान अगले महीने होने वाली अमेरिकी फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति बैठक से पहले फेडरल रिजर्व से मिलने वाले संकेतों पर बना हुआ है। हाल के इकोनॉमिक डेटा ने दिसंबर में ब्याज दरों में होने वाली कटौती को लेकर उम्मीदें बढ़ा दी हैं।

मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर सोना और चांदी की कीमतों में गिरावट हुई दर्ज
खबर विस्तार : -

मुंबई : हाल की रैली के बाद ट्रेडर्स का रुझान प्रॉफिट बुकिंग की ओर बढ़ने से मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर गुरुवार को सोना और चांदी की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई। निवेशकों का ध्यान अगले महीने होने वाली अमेरिकी फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति बैठक से पहले फेडरल रिजर्व से मिलने वाले संकेतों पर लगातार बना रहा, जिसके साथ कीमती धातुओं की कीमत में गिरावट देखी गई।

शुरुआती कारोबार में एमसीएक्स पर सोने की दिसंबर वायदा कीमतें 0.36 प्रतिशत की गिरावट पर 1,25,480 रुपए प्रति 10 ग्राम पर बनी हुई थीं। वहीं, चांदी की दिसंबर वायदा कीमतें 0.20 प्रतिशत फिसलकर 1,60,950 रुपए प्रति किलोग्राम पर बनी हुई थीं।

अमेरिकी रोजगार मार्केट कमजोर, महंगाई भी बनी हुई है

एनालिस्ट ने कहा, "गोल्ड का सपोर्ट लेवल 4130-4095 डॉलर और रेजिस्टेंस 4195-4225 डॉलर पर बना हुआ है। वहीं, सिल्वर का सपोर्ट लेवल 52.65-52.35 डॉलर तो रेजिस्टेंस लेवल 53.65-53.90 डॉलर पर बना हुआ है। उन्होंने आगे कहा, "रुपए में गोल्ड का सपोर्ट लेवल 1,25,350-1,24,780 रुपए और रेजिस्टेंस 1,26,650-1,27,100 रुपए पर बना हुआ है।

इसी तरह सिल्वर का सपोर्ट लेवल 1,60,350-1,59,600 रुपए और रेजिस्टेंस 1,62,110, 1,63,000 रुपए पर बना हुआ है। यूएस फेडरल ओपन मार्केट कमेटी की मीटिंग 9-10 दिसंबर को होने जा रही है। यह बैठक ऐसे समय पर हो रही है अमेरिकी रोजगार मार्केट कमजोर बना हुआ है और महंगाई भी बनी हुई है।

ब्याज दरों में होने वाली कटौती से उम्मीदें बढ़ीं

हाल ही के इकोनॉमिक डेटा ने दिसंबर में ब्याज दरों में होने वाली कटौती को लेकर उम्मीदों को बढ़ा दिया है। अमेरिकी रिटेल सेल्स सितंबर में उम्मीद से धीमी गति से बढ़ी, जो कि अगस्त के 0.6 प्रतिशत वृद्धि की तुलना में सितंबर में 0.2 प्रतिशत की तेजी से बढ़ी। अमेरिका में कंज्यूमर कॉन्फिडेंस भी अप्रैल के बाद से अपने निचले स्तर पर है।

इस वर्ष सितंबर में प्रोड्यूसर प्राइस इंडेक्स 0.3 प्रतिशत बढ़ा, जो कि अनुमान के अनुरूप रहा। कमजोर अमेरिकी डॉलर ने सोने की कीमतों में गिरावट को सीमित कर दिया। डॉलर इंडेक्स 0.10 प्रतिशत गिरा, जिससे दूसरी करेंसी होल्ड करने वाले खरीदारों के लिए सोना सस्ता ऑप्शन बन गया।

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