नई दिल्ली: फिल्म ‘पापा कहते हैं’ से दर्शकों के दिलों में जगह बनाने वाली मयूरी कांगो ने एक बार फिर से सुर्खियां बटोरी हैं, लेकिन इस बार ग्लैमर वर्ल्ड नहीं, बल्कि कॉर्पोरेट दुनिया में। मयूरी ने Google जैसी दिग्गज कंपनी को छोड़कर पब्लिसिस ग्रुप में वापसी की है, जहां उन्हें इंडिया डिलीवरी सेंटर की सीईओ नियुक्त किया गया है। साथ ही वे पब्लिसिस ग्लोबल डिलीवरी की वैश्विक कार्यकारी नेतृत्व टीम का भी हिस्सा बन गई हैं।
मयूरी कांगो ने अपने लिंक्डइन पोस्ट में इस नई जिम्मेदारी को लेकर उत्साह जताया। उन्होंने लिखा, ‘मैं इंडिया डिलीवरी सेंटर की सीईओ के रूप में सीमाओं को आगे बढ़ाने, इनोवेशन और दुनिया भर में ग्राहकों के लिए सार्थक प्रभाव पैदा करने को लेकर बहुत उत्साहित हूं’। इस नई भूमिका में वह डिजिटल सेवाओं को दिशा देने और ग्लोबल टीम के साथ मिलकर रणनीतिक कार्यों को अंजाम देंगी।
कॉर्पोरेट जगत में मयूरी का सफर किसी प्रेरणा से कम नहीं। बॉलीवुड में एक सफल शुरुआत के बाद उन्होंने कॉर्पोरेट दुनिया में अपनी पहचान बनाई। आईआईटी कानपुर से पढ़ाई के बाद उन्होंने एमबीए किया और 2007 में न्यूयॉर्क स्थित डिजिटल एजेंसी 360i से बतौर एसोसिएट मीडिया मैनेजर अपने करियर की शुरुआत की। इसके बाद उन्होंने रेज़ोल्यूशन मीडिया, डिजिटास और पब्लिसिस ग्रुप जैसी प्रमुख कंपनियों में काम किया। 2016 में मयूरी पब्लिसिस ग्रुप की एक परफॉर्मेंस मार्केटिंग एजेंसी ‘परफॉर्मिक्स’ की मैनेजिंग डायरेक्टर बनीं। इसके बाद उन्होंने Google इंडिया में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। लेकिन अब उन्होंने दोबारा पब्लिसिस ग्रुप का हिस्सा बनकर यह दिखा दिया कि वे नेतृत्व की दौड़ में सबसे आगे हैं।
फिल्मी करियर की बात करें तो मयूरी को 1996 की फिल्म ‘पापा कहते हैं’ से प्रसिद्धि मिली, जिसमें उन्होंने जुगल हंसराज के साथ स्क्रीन शेयर की थी। इसके बाद उन्होंने ‘होगी प्यार की जीत’ और कई टेलीविज़न शोज़ जैसे ‘डॉलर बहू’, ‘करिश्मा: द मिरेकल्स ऑफ़ डेस्टिनी’ आदि में काम किया। मयूरी कांगो की यह यात्रा – एक्टिंग से लेकर ग्लोबल कॉर्पोरेट नेतृत्व तक – भारतीय महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है, जो यह दर्शाती है कि जुनून, शिक्षा और समर्पण से किसी भी क्षेत्र में सफलता हासिल की जा सकती है।
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