8th Pay Commission: 8वें वेतन आयोग को मिली मंजूरी !  जानें कितनी बढ़ेगी कर्मचारियों की सैलरी

खबर सार :-
8th Pay Commission: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 8वें वेतन आयोग के गठन को अंतिम मंज़ूरी दे दी है। न्यायमूर्ति रंजना देसाई की अध्यक्षता वाला यह आयोग 18 महीनों के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा। ये सिफ़ारिशें 1 जनवरी, 2026 से लागू होंगी, जिससे 50 लाख कर्मचारियों को फ़ायदा होगा।

8th Pay Commission: 8वें वेतन आयोग को मिली मंजूरी !  जानें कितनी बढ़ेगी कर्मचारियों की सैलरी
खबर विस्तार : -

8th Pay Commission: देश भर के लाखों केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए मंगलवार 28 अक्टूबर का दिन बड़ी खुशखबरी लेकर आया।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में 8वें केंद्रीय वेतन आयोग को मंजूरी दे दी गई। केंद्र सरकार ने आयोग के काम करने के तौर-तरीकों और शर्तों (terms of reference)  को भी अंतिम रुप दे दिया है। इस फ़ैसले से कर्मचारियों के वेतन, भत्ते और पेंशन में बड़े बदलाव का रास्ता साफ हो गया है।

8th Pay Commission: 18 महीने के भीतर सौंपनी होगी रिपोर्ट 

सरकार द्वारा जारी जानकारी के मुताबिक, 8वां वेतन आयोग एक अस्थायी निकाय होगा। इसमें एक अध्यक्ष, एक अंशकालिक सदस्य और एक सदस्य-सचिव शामिल होंगे। कैबिनेट की मंज़ूरी के बाद, इन सदस्यों की नियुक्ति जल्द ही की जाएगी। आयोग को अपनी रिपोर्ट तैयार करने के लिए 18 महीने का समय दिया गया है। इसका मतलब है कि उसे अपने गठन की तारीख से डेढ़ साल के भीतर सरकार को अपनी सिफ़ारिशें सौंपनी होंगी। हालांकि, आयोग चाहे तो जरूरी मामलों पर अंतरिम रिपोर्ट भी दे सकता है।

कब से मिलेगा लाभ 

बता दें कि आमतौर पर, हर 10 साल में एक नए वेतन आयोग का गठन किया जाता है। 7वां वेतन आयोग 1 जनवरी, 2016 को लागू हुआ था। इसी क्रम में, 8वें वेतन आयोग की सिफ़ारिशें 1 जनवरी, 2026 से लागू होने की उम्मीद है। सरकार ने जनवरी 2025 में 8वें वेतन आयोग के गठन की घोषणा की थी और आज इसकी शर्तों को मंज़ूरी दे दी गई है। इस फ़ैसले का असर लाखों केंद्र सरकार के कर्मचारियों के साथ-साथ रक्षा कर्मियों और पेंशनभोगियों पर भी पड़ेगा। आयोग के गठन की ख़बर से कर्मचारियों में खुशी की लहर है, क्योंकि इससे उनके वेतन में अच्छी बढ़ोतरी की उम्मीद जगी है। इससे 50 लाख कर्मचारियों को फायदा होगा।

8th Pay Commission: सारा खेल 'फिटमेंट फ़ैक्टर' का

आयोग के गठन की खबर आते ही कर्मचारियों के बीच सबसे ज़्यादा चर्चा 'फिटमेंट फ़ैक्टर' की हो रही है। यह वह महत्वपूर्ण आंकड़ा है जो आपके नए मूल वेतन का निर्धारण करेगा। सीधे शब्दों में कहें तो, फिटमेंट फ़ैक्टर वह संख्या है जिससे आपके वर्तमान मूल वेतन को गुणा करके नया मूल वेतन निर्धारित किया जाता है। 

उदाहरण के लिए, 7वें वेतन आयोग में इसे 2.57 पर तय किया गया था। इस फ़ैक्टर की वजह से उस समय न्यूनतम मूल वेतन 7,000 रुपये से सीधे बढ़कर 18,000 रुपये प्रति माह हो गया था। यह एक बहुत बड़ी छलांग थी। 

हालांकि, सातवें वेतन आयोग के लागू होने पर एक और बड़ा बदलाव आया। महंगाई भत्ते (डीए) को शून्य कर दिया गया क्योंकि इंडेक्सेशन नए सिरे से शुरू किया गया था। नतीजतन, वास्तविक वृद्धि (मूल वेतन) केवल 14.3% रही, लेकिन जब अन्य भत्ते जोड़े गए, तो पहले वर्ष में कुल वेतन वृद्धि 23% रही।

8th Pay Commission: सैलरी में होगा बंपर इजाफा

मीडिया रिपोर्ट की माने तो इस बार फिटमेंट फैक्टर 2.86 तक जा सकता है। अगर यह अनुमान सही साबित होता है, तो यह कर्मचारियों के लिए बहुत बड़ी खुशखबरी होगी। क्योंकि 2.86 के कारक का मतलब है कि न्यूनतम मूल वेतन 51,000 से ज़्यादा हो सकता है। अगर ऐसा होता है, तो कर्मचारियों के वेतन में 40,000 से 45,000 की सीधी बढ़ोतरी संभव है।

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