Iran vs Israel War: इजराइल ईरान जंग में अमेरिका के कूदने से बढ़ सकते हैं पेट्रोल-डीजल के दाम

खबर सार :-
Iran vs Israel War: अमेरिका के ईरान पर हमले से कच्चे तेल की कीमतों में भारी इजाफा हो सकता है, जिससे भारत का आयात बिल बढ़ेगा और महंगाई बढ़ेगी। जानें इसके वैश्विक और भारतीय अर्थव्यवस्था पर असर।

Iran vs Israel War: इजराइल ईरान जंग में अमेरिका के कूदने से बढ़ सकते हैं पेट्रोल-डीजल के दाम
खबर विस्तार : -

Iran vs Israel War : पिछले नौ दिन से इजराइल और ईरान के बीच छिड़ी जंग में अमेरिका के कूदने और ईरान के परमाणु ठिकानों पर सबसे घातक हमला किए जाने के बाद वैश्विक स्तर पर तनाव और गहरा गया है। इतना ही नहीं ईरान पहले ही कह चुका है कि अगर जंग और तेज हुई या अमेरिका इस जंग में कूदता है तो वह होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करने पर विचार कर सकता है। अब जब अमेरिका ने ईरान पर जबरदस्त हमले को अंजाम दे दिया है तो ईरान भी जबाव देने के लिए होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करने की पहल को अंजाम दे सकता है।

Iran vs Israel War : कच्चा तेल एक बार फिर उछाल लेने के लिए तैयार

इस मार्ग से दुनिया को भेजे जाने वाले तेल का 20 प्रतिशत से ज्यादा है। ऐसे में विश्व में तेल की आपूर्ति बाधित होगी। ईरान के इस कदम से कच्चे तेल की कीमतों में इजाफा हो सकता है, जो कि इस महीने पहले ही 20 प्रतिशत के करीब बढ़ चुकी हैं। आखिरी कारोबारी सत्र में बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड का फ्यूचर्स लगभग 77 डॉलर प्रति बैरल पर था और अब अमेरिका के मध्य पूर्व संघर्ष में हस्तक्षेप करने के कारण कच्चा तेल एक बार फिर उछाल लेने के लिए तैयार है। 

विशेषज्ञों की माने तो मध्य पूर्व में व्यापक संघर्ष से इस क्षेत्र के विश्व में तेल की आपूर्ति पूरी करने वाले सऊदी अरब, इराक, कुवैत और यूएई से तेल आपूर्ति पर असर पड़ सकता है, जिससे कीमतों में भारी उछाल देखने को मिल सकता है। शिपिंग पर भी असर दिखाई देगा क्योंकि हूती विद्रोहियों ने पहले ही चेतावनी दी है कि अगर अमेरिका ने ईरान पर हमला बोला तो वे तेल के जहाजों पर अपने हमले फिर से शुरू कर देंगे।

Iran vs Israel War : भारत पर पड़ेगा जबरदस्त असर

भारत अपनी कच्चे तेल की जरूरत का लगभग 85 प्रतिशत आयात करता है, और तेल की कीमतों में उछाल से देश के तेल आयात बिल में वृद्धि हो सकती है और मुद्रास्फीति की दर बढ़ते हुए दिखाई दे सकती है। इससे देश में जो आर्थिक विकास की गति को नुकसान पहुंचने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। विदेशी मुद्रा के बड़े पैमाने पर आउटफ्लो से अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपए में भी कमजोरी देखी जा सकती है। 

Iran vs Israel War : ईरान प्रतिदिन लगभग 3.3 मिलियन बैरल कच्चे तेल का उत्पादन करता है

एमके ग्लोबल की एक रिपोर्ट के अनुसार, ईरान प्रतिदिन लगभग 3.3 मिलियन बैरल (एमबीपीडी) कच्चे तेल का उत्पादन करता है और लगभग 1.5 एमबीपीडी का निर्यात करता है, जिसमें चीन 80 प्रतिशत भागीदारी के साथ मुख्य आयातक है। ईरान होर्मुज स्ट्रेट के उत्तरी किनारे पर भी है, जिसके माध्यम से दुनिया में 20 एमबीपीडी से अधिक कच्चे तेल का व्यापार होता है। होर्मुज स्ट्रेट मध्य-पूर्व में एक चोक प्वाइंट है। इस मार्ग से सऊदी अरब और यूएई आदि भी शिपिंग करते हैं और पहले भी ईरान ने इसे बंद करने की चेतावनी दी है।
 

अन्य प्रमुख खबरें