पाकिस्तान में सरकार के खिलाफ विपक्ष ने फूंका बिगुल: 8 फरवरी 2026 को देशव्यापी “ब्लैक डे”

खबर सार :-
पाकिस्तान में विपक्ष और सरकार के बीच टकराव लगातार तेज होता जा रहा है। 8 फरवरी 2026 को ब्लैक डे मनाने का ऐलान इस बात का संकेत है कि आने वाले समय में राजनीतिक संघर्ष और उग्र हो सकता है। यदि सरकार और विपक्ष के बीच संवाद नहीं हुआ, तो देश में अस्थिरता और गहराने की आशंका बनी रहेगी।

पाकिस्तान में सरकार के खिलाफ विपक्ष ने फूंका बिगुल: 8 फरवरी 2026 को देशव्यापी “ब्लैक डे”
खबर विस्तार : -

Pakistan Opposition Black Day 2026 : पाकिस्तान में सियासी हालात एक बार फिर उबाल पर हैं। बढ़ती महंगाई, आर्थिक बदहाली, लगातार हो रहे धमाके और राजनीतिक अस्थिरता ने आम जनता में गहरी नाराजगी पैदा कर दी है। इसी पृष्ठभूमि में देश का विपक्ष मौजूदा सरकार के खिलाफ खुलकर मैदान में उतर आया है। विपक्षी दलों के गठबंधन तहरीक तहफुज आईन-ए-पाकिस्तान (टीटीएपी) ने सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए 8 फरवरी 2026 को ‘ब्लैक डे’ (यौम-ए-सियाह) मनाने का ऐलान किया है।

नेशनल कंसल्टेटिव कॉन्फ्रेंस के बाद बड़ा फैसला

दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन (नेशनल कंसल्टेटिव कॉन्फ्रेंस) के समापन के बाद जारी घोषणा-पत्र में टीटीएपी ने कहा कि मौजूदा सरकार ने लोकतांत्रिक मूल्यों और संविधान को कमजोर किया है। विपक्ष का दावा है कि 8 फरवरी 2024 को हुए आम चुनावों में बड़े पैमाने पर धांधली हुई थी, जिसकी दूसरी वर्षगांठ को ब्लैक डे के रूप में मनाया जाएगा।

देशव्यापी चक्का जाम और शटर डाउन की घोषणा

स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, विपक्ष ने 8 फरवरी 2026 को पूरे देश में चक्का जाम और शटर डाउन हड़ताल का ऐलान किया है। इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी विरोध प्रदर्शन करने की अपील की गई है। लंदन समेत कई वैश्विक शहरों में पाकिस्तानी प्रवासियों द्वारा प्रदर्शन की योजना बनाई जा रही है।

निष्पक्ष चुनाव और संस्थागत सुधार की मांग

टीटीएपी, जिसमें पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई), पश्तूनख्वा मिल्ली अवामी पार्टी (पीकेमैप) और अन्य दल शामिल हैं, ने मांग की है कि देश में निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव कराए जाएं। गठबंधन ने मुख्य चुनाव आयुक्त की स्वतंत्र नियुक्ति, सत्ता के सुचारु हस्तांतरण और चुनावी प्रक्रिया में सुधार पर जोर दिया है। विपक्ष का कहना है कि 2024 के चुनाव ‘धोखाधड़ी’ थे और इसकी स्वतंत्र जांच होनी चाहिए।

आर्थिक संकट और राजनीतिक अस्थिरता का आरोप

विपक्षी दलों का कहना है कि राजनीतिक अस्थिरता ने पाकिस्तान के आर्थिक संकट को और गहरा कर दिया है। महंगाई, बेरोजगारी और विदेशी कर्ज के बोझ से आम जनता त्रस्त है। टीटीएपी ने चेतावनी दी कि यदि हालात नहीं सुधरे तो देश में सामाजिक असंतोष और बढ़ेगा।

इमरान खान और अन्य राजनीतिक कैदियों का मुद्दा

गठबंधन ने पीटीआई प्रमुख इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को दी गई सजा की निंदा की है। साथ ही, इमरान खान की बहनों के साथ कथित दुर्व्यवहार और प्रदर्शनकारियों पर सख्ती को लोकतंत्र के खिलाफ बताया गया। विपक्ष ने इमरान खान, शाह महमूद कुरैशी, यास्मीन राशिद, अली वजीर समेत सभी राजनीतिक कैदियों की रिहाई की मांग की है।

पहले भी मनाया जा चुका है ब्लैक डे

गौरतलब है कि इमरान खान ने 8 फरवरी 2025 को भी 2024 चुनावों की पहली वर्षगांठ पर ब्लैक डे मनाने का आह्वान किया था। उस दौरान देशभर में विरोध प्रदर्शन हुए थे। अब टीटीएपी इसे और व्यापक स्तर पर ले जाने की रणनीति बना रहा है।

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