फेस्टिव सीजन और जीएसटी 2.0 सुधार से बढ़ी डिजिटल पेमेंट की रफ्तार

खबर सार :-
अक्टूबर में यूपीआई ट्रांजैक्शन में 25 प्रतिशत की सालाना बढ़त भारत में डिजिटल भुगतान की मजबूती को दर्शाती है। फेस्टिव सीजन, ई-कॉमर्स में उछाल और जीएसटी 2.0 सुधारों ने इस वृद्धि में अहम भूमिका निभाई है। आंकड़े बताते हैं कि भारत तेजी से कैशलेस अर्थव्यवस्था की ओर अग्रसर है, जहां डिजिटल ट्रांजैक्शन अब रोजमर्रा की जरूरत बन चुके हैं।

फेस्टिव सीजन और जीएसटी 2.0 सुधार से बढ़ी डिजिटल पेमेंट की रफ्तार
खबर विस्तार : -

नई दिल्लीः डिजिटल इंडिया की दिशा में एक और बड़ा कदम दर्ज करते हुए यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) ने अक्टूबर 2025 में रिकॉर्डतोड़ लेनदेन दर्ज किए हैं। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा जारी नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, बीते महीने यूपीआई ट्रांजैक्शन की संख्या में 25 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई है। इस दौरान यूपीआई के जरिए कुल 27.28 लाख करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ।

हर दिन औसतन 87,993 करोड़ का लेनदेन

NPCI के मुताबिक, अक्टूबर 2025 में यूपीआई ट्रांजैक्शन काउंट सालाना आधार पर 25 प्रतिशत बढ़कर 20.70 अरब तक पहुंच गया। वहीं, ट्रांजैक्शन अमाउंट भी 16 प्रतिशत बढ़कर 27.28 लाख करोड़ रुपये दर्ज किया गया। औसतन हर दिन करीब 668 मिलियन ट्रांजैक्शन हुए और लगभग 87,993 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ।

सितंबर के मुकाबले भी मजबूत प्रदर्शन

सितंबर 2025 में यूपीआई ट्रांजैक्शन काउंट सालाना आधार पर 31 प्रतिशत बढ़कर 19.63 अरब दर्ज किया गया था, जबकि ट्रांजैक्शन अमाउंट 21 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 24.90 लाख करोड़ रुपये रहा। इस तुलना में अक्टूबर के आंकड़े डिजिटल लेनदेन की और अधिक स्वीकृति को दर्शाते हैं।

आईएमपीएस में भी दिखी बढ़त

एनपीसीआई द्वारा जारी इमीडिएट पेमेंट सर्विस (IMPS) के आंकड़े बताते हैं कि अक्टूबर में ट्रांजैक्शन की संख्या बढ़कर 404 मिलियन हो गई, जो सितंबर में 394 मिलियन थी। इसी तरह, आईएमपीएस के जरिए कुल राशि 5.97 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 6.42 लाख करोड़ रुपये तक पहुंची।

फेस्टिव सीजन में बढ़ा डिजिटल खर्च

बैंक ऑफ बड़ौदा की रिपोर्ट के अनुसार, फेस्टिव सीजन—दशहरा से दिवाली तक—के दौरान यूपीआई के जरिए खर्च 17.8 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो पिछले वर्ष के 15.1 लाख करोड़ रुपये की तुलना में 17 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि बढ़ते ई-कॉमर्स, कैशबैक ऑफर्स और टैक्स सुधारों ने डिजिटल भुगतान के इस उछाल को गति दी है।

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