अडानी और गूगल के बीच बड़ी साझेदारीः विशाखापत्तनम में बनाएंगे भारत का सबसे बड़ा एआई डेटा सेंटर

खबर सार :-
गूगल और अडानी समूह ने विशाखापत्तनम में भारत का सबसे बड़ा एआई डेटा सेंटर स्थापित करने के लिए साझेदारी की है। अगले पांच वर्षों में 15 अरब डॉलर का निवेश किया जाएगा। यह परियोजना एआई इन्फ्रास्ट्रक्चर, स्वच्छ ऊर्जा और सब-सी नेटवर्क पर केंद्रित होगी। यह भारत को एआई तकनीक में वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाएगी और डिजिटल भविष्य को मजबूत करेगी।

अडानी और गूगल के बीच बड़ी साझेदारीः विशाखापत्तनम में बनाएंगे भारत का सबसे बड़ा एआई डेटा सेंटर
खबर विस्तार : -

Google Adani MoU: अडानी समूह की कंपनी अडानीकॉनेक्स और गूगल ने मंगलवार को भारत में सबसे बड़ा एआई डेटा सेंटर बनाने के लिए साझेदारी का ऐलान किया। यह डेटा सेंटर आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में बनाया जाएगा। इसमें करीब अगले पांच वर्षों में 15 अरब डॉलर का निवेश होगा। कंपनी की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया कि विशाखापत्तनम में गूगल का एआई हब पांच वर्षों (2026-2030) में लगभग 15 अरब डॉलर का एक बहुआयामी निवेश है, जिसमें गीगावाट-स्तरीय डेटा सेंटर ऑपरेशंस, एक मजबूत सब-सी केबल नेटवर्क और स्वच्छ ऊर्जा द्वारा समर्थित देश में सबसे अधिक मांग वाले एआई वर्कलोड को संचालन करना शामिल है। इसे अडानीकॉनेक्स और एयरटेल सहित इकोसिस्टम भागीदारों के सहयोग से क्रियान्वित किया जाएगा।

अडानीकॉनेक्स की भूमिका अहम

कंपनी के बयान के मुताबिक, गूगल एआई हब के आधार को अडानीकॉनेक्स के सहयोग से विकसित किया जाएगा, जिसमें एआई डेटा सेंटर इन्फ्रास्ट्रक्चर शामिल है। इससे भारत की एआई क्षमताओं में पीढ़ीगत बदलाव लाने में मदद करने के लिए महत्वपूर्ण कंप्यूटिंग क्षमता जोड़ेगी।  यह परियोजना दोनों कंपनियों की स्थिरता के प्रति प्रतिबद्धता पर भी आधारित है और इसमें आंध्र प्रदेश में नई ट्रांसमिशन लाइनों, स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन और नई ऊर्जा भंडारण प्रणालियों में संयुक्त निवेश शामिल होगा। इससे न केवल डेटा सेंटर के संचालन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि भारत के बिजली ग्रिड की मजबूती और क्षमता भी बढ़ेगी।

गूगल के साथ साझेदारी करने पर गर्व हैः गौतम अडानी

अडानी समूह के अध्यक्ष गौतम अडानी ने कहा कि अडानी समूह को इस ऐतिहासिक परियोजना पर गूगल के साथ साझेदारी करने पर गर्व है, यह परियोजना भारत के डिजिटल परिदृश्य के भविष्य को परिभाषित करेगी। उन्होंने आगे कहा कि यह सिर्फ इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश से कहीं बढ़कर है। यह एक उभरते राष्ट्र की आत्मा में निवेश है। यह साझेदारी राष्ट्र निर्माण के हमारे साझा दृष्टिकोण और 21वीं सदी के उपकरणों से प्रत्येक भारतीय को सशक्त बनाने की हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है। विशाखापत्तनम अब टेक्नोलॉजी के लिए एक वैश्विक गंतव्य बनने के लिए तैयार है, और हम इस ऐतिहासिक यात्रा के आर्किटेक्ट बनकर रोमांचित हैं।

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