6G टेक्नोलॉजी की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है भारत

खबर सार :-
भारत तेजी से डिजिटल क्रांति के अगले चरण में प्रवेश कर रहा है। 100 5जी लैब्स की स्थापना और 6जी रिसर्च प्रोजेक्ट्स से देश न केवल तकनीकी आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है, बल्कि वैश्विक डिजिटल लीडरशिप हासिल करने की तैयारी भी कर रहा है। ‘भारत 6जी एलायंस’ जैसी पहलें आने वाले वर्षों में भारत को संचार तकनीक के केंद्र में स्थापित करेंगी।

6G टेक्नोलॉजी की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है भारत
खबर विस्तार : -

Tech News: केंद्र सरकार ने बुधवार को जानकारी दी कि देश भर में 100 अत्याधुनिक 5जी लैब स्थापित की जा चुकी हैं। इन लैब का उद्देश्य भारत को 6जी टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में वैश्विक लीडर के रूप में तैयार करना है। संचार मंत्रालय ने बताया कि दूरसंचार विभाग (DoT) ने ‘एमरजिंग साइंस, टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन कॉन्क्लेव 2025’ में भाग लिया और ‘डिजिटल कम्युनिकेशन’ पर आयोजित सत्र का नेतृत्व किया। इस सत्र की अध्यक्षता दूरसंचार सचिव और डिजिटल संचार आयोग के अध्यक्ष डॉ. नीरज मित्तल ने की।

5जी लैब से 6जी की राह होगी आसान

डॉ. मित्तल ने अपने संबोधन में कहा कि दूरसंचार अब केवल एक सेवा नहीं, बल्कि अर्थव्यवस्था और तकनीकी प्रगति की रीढ़ बन गया है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के तहत भारत ने दुनिया में सबसे तेज़ 5जी रोलआउट किया है। देश के विभिन्न हिस्सों में स्थापित ये 100 5जी लैब्स न सिर्फ नई तकनीकी खोजों का केंद्र बनेंगी, बल्कि 6जी के लिए भी प्रयोगशाला का कार्य करेंगी। इन लैब्स के जरिए इंडस्ट्री, स्टार्टअप्स और अकादमिक संस्थान मिलकर यूज केस डेवलप करेंगे और भारत को 6जी लीडरशिप की दिशा में आगे बढ़ाएंगे।

‘भारत 6जी एलायंस’ बनेगा वैश्विक सहयोग का केंद्र

डॉ. मित्तल ने ‘भारत 6जी एलायंस’ के बारे में भी विस्तार से बताया। यह पहल प्रधानमंत्री मोदी के दूरदर्शी दृष्टिकोण से प्रेरित है। उन्होंने कहा कि एलायंस ने अब तक 10 अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ सहयोग समझौते किए हैं। लक्ष्य यह है कि 2030 तक भारत वैश्विक 6जी पेटेंट में कम से कम 10 प्रतिशत योगदान दे सके।

आरएंडडी और घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा

डॉ. मित्तल ने कहा कि सरकार का दृष्टिकोण बहुआयामी है। यह न केवल अनुसंधान और विकास (R&D) को प्रोत्साहन देता है, बल्कि घरेलू मैन्युफैक्चरिंग और शिक्षा जगत, उद्योग व सरकार के बीच सेतु का निर्माण भी करता है। 6जी तकनीक के लिए 100 से अधिक समर्पित आरएंडडी प्रोजेक्ट्स को सहायता दी जा रही है, जिनका फोकस स्वदेशी चिपसेट, एआई-आधारित नेटवर्क और इंटेलिजेंट कम्युनिकेशन सिस्टम पर है। 

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