गुजरात में तीन सेमीकंडक्टर प्लांट्स में शुरू हुआ पायलट प्रोडक्शन, जल्द बढ़ेगा बड़े पैमाने पर उत्पादन : अश्विनी वैष्णव

खबर सार :-
गुजरात के तीन सेमीकंडक्टर प्लांट्स में पायलट प्रोडक्शन की शुरुआत भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा कदम है। धोलेरा सहित कई राज्यों में चल रहे सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट्स भारत को इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण का वैश्विक केंद्र बना सकते हैं। सरकार की यह पहल न केवल घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देगी, बल्कि देश को वैश्विक सप्लाई चेन में मजबूत स्थान दिलाएगी।

गुजरात में तीन सेमीकंडक्टर प्लांट्स में शुरू हुआ पायलट प्रोडक्शन, जल्द बढ़ेगा बड़े पैमाने पर उत्पादन : अश्विनी वैष्णव
खबर विस्तार : -

Semiconductor Plant's:  केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को बताया कि गुजरात में तीन प्रमुख सेमीकंडक्टर प्लांट्स में पायलट प्रोडक्शन शुरू हो गया है। उन्होंने कहा कि इन प्रोजेक्ट्स पर कार्य अपेक्षा से अधिक तेजी से चल रहा है और अगले दो से तीन महीनों में उत्पादन क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि की उम्मीद है।

गुजरात के सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट्स

वैष्णव ने मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल, उपमुख्यमंत्री हर्ष संघवी और आईटी मंत्री अर्जुन मोढवाडिया के साथ चारों सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट्स की समीक्षा की। बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में उन्होंने बताया कि कायन्स और सीजी के प्लांट्स में पायलट प्रोडक्शन प्रारंभ हो चुका है, जबकि माइक्रोन के मिनी प्लांट में उत्पादन पहले से जारी है और अब इसे और विस्तार दिया जाएगा। 

धोलेरा बनेगा हाई-टेक मैन्युफैक्चरिंग हब

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि धोलेरा में फैब प्रोजेक्ट पर भी तेजी से कार्य प्रगति पर है। उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में धोलेरा देश का एक बड़ा हाई-टेक मैन्युफैक्चरिंग हब बनेगा, जो सेमीकंडक्टर निर्माण में आत्मनिर्भर भारत की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देगा। वैष्णव ने कहा कि “भारत अब सेमीकंडक्टर चिप्स के उत्पादन में वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने की स्थिति में पहुंच रहा है। पहली मेड-इन-इंडिया 28-90 एनएम चिप जल्द ही बाजार में उतारी जाएगी।

28-90 एनएम चिप का होगा बहुआयामी उपयोग

सेमीकंडक्टर निर्माण में नैनोमीटर (एनएम) का माप चिप के सूक्ष्म आकार और ट्रांजिस्टर की घनत्व को दर्शाता है। 28-90 एनएम चिप्स का उपयोग ऑटोमोटिव, दूरसंचार, बिजली वितरण और रेलवे सिस्टम्स में किया जाता है। इनका उत्पादन भारत के तकनीकी आत्मनिर्भरता मिशन को नई गति देगा और इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री में घरेलू विनिर्माण को मजबूत करेगा।

ओडिशा में भी सेमीकंडक्टर निर्माण को मिल रही रफ्तार

इससे पहले शनिवार को केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने ओडिशा के भुवनेश्वर स्थित इन्फो वैली में सिक्सेम प्राइवेट लिमिटेड के कंपाउंड सेमीकंडक्टर फैब और एटीएमपी फैसिलिटी के भूमि पूजन समारोह में हिस्सा लिया। उन्होंने बताया कि पिछले 11 वर्षों में भारत की इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग छह गुना और निर्यात आठ गुना बढ़ा है। आज, इलेक्ट्रॉनिक्स भारत के तीसरे सबसे बड़े निर्यात क्षेत्र के रूप में उभर चुका है। उन्होंने कहा कि ऐसे प्रोजेक्ट्स ओडिशा को इस वृद्धि यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का अवसर देंगे।

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