वाल्मीकि जयंती पर अवकाश की मांग, जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन

खबर सार :-
भारतीय वाल्मीकि धर्म समाज ने रामपुर में वाल्मीकि जयंती पर अवकाश की बहाली, आरक्षण में वर्गीकरण, और सफाई कर्मियों के रिक्त पदों पर भर्ती की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा गया। समाज ने चेतावनी दी है कि यदि मांगें नहीं मानी गईं तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा।

वाल्मीकि जयंती पर अवकाश की मांग, जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन
खबर विस्तार : -

रामपुर: भारतीय वाल्मीकि धर्म समाज-भावाधस (भीम) के कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रीय प्रमुख वीरेश भीम अनार्य के नेतृत्व में एक विशाल प्रदर्शन किया और जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया गया। इस सम्बन्ध में पहले ही हसनपुर के विधायक महेन्द्र सिंह खडगवंशी के माध्यम से 3 सितंबर 2025 को ज्ञापन दे चुके। राष्ट्रीय प्रमुख वीरेश भीम अनार्य ने कहा कि वाल्मीकि प्रकट उत्सव पर अवकाश घोषित नहीं किया गया तो वाल्मीकि समाज एक बड़ा आंदोलन करेगा जिसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी।

मुख्य माँगें:

वाल्मीकि जयंती पर अवकाश की बहाली: रामायण के रचयिता और आदि कवि भगवान वाल्मीकि महाराज की जयंती का अवकाश 1993 में स्वीकृत हुआ था, जिसे 2017 में भाजपा सरकार ने खत्म कर दिया। समाज की मांग है कि इस अवकाश को तुरंत बहाल किया जाए। उन्होंने सवाल उठाया कि जब अन्य महापुरुषों की जयंती की छुट्टियाँ बहाल की जा सकती हैं, तो वाल्मीकि प्रकट दिवस की क्यों नहीं?

आरक्षण में वर्गीकरण: सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश सरकारों को आरक्षण में वर्गीकरण लागू करने के लिए कहा था, जिसे हरियाणा सहित कई राज्यों ने लागू किया है। इसके बावजूद, उत्तर प्रदेश सरकार इस पर मौन है। अति दलित समाज कई बार इस संबंध में आंदोलन कर चुका है। समाज की मांग है कि इसे शीघ्र लागू किया जाए।

सफाई कर्मियों के रिक्त पदों पर भर्ती: उत्तर प्रदेश की नगर पंचायतों, नगर पालिकाओं और नगर निगमों में लाखों सफाई कर्मियों के पद खाली हैं। सरकार इन पदों को भरने के बजाय आउटसोर्सिंग (ठेके) पर कर्मचारियों की नियुक्ति कर रही है, जिससे अति दलित समाज का बड़े पैमाने पर शोषण हो रहा है। उन्होंने मांग की कि संविदा कर्मचारियों को स्थायी किया जाए, आउटसोर्सिंग कर्मियों को संविदा पर नियुक्त किया जाए और नई भर्तियाँ जल्द खोली जाएँ।

वाल्मीकि समाज ने इन मांगों पर तत्काल कार्रवाई का अनुरोध किया है। समाज ने यह भी निर्णय लिया है कि 7 अक्टूबर 2025 तक प्रत्येक जिले में मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया जाएगा और जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। यदि सरकार उनकी माँगें नहीं मानती है, तो लखनऊ में एक विशाल प्रदर्शन किया जाएगा। यह निर्णय 3 सितंबर 2025 को हसनपुर में हुए वाल्मीकि सम्मेलन में लिया गया था।

इस अवसर पर गोपाल कठेरिया, कैलाश एकलव्य, विजय अनार्य, शंकर बबलू, डीके भारती, पवन अनार्य, एकलव्य वाल्मीकि, कमल अंबेडकर, राहुल सिंह, दिलीप वाल्मीकि, हनी कठेरिया, अतुल भारती, राजेंद्र कुमार, सोमपाल, प्रमोद, सर्वेश, शिवा, गुरमुख भारती (बिलासपुर), रवि (लालपुर), गोपाल वाल्मीकि, संजय कुमार वाल्मीकि, अर्जुन वाल्मीकि (केमरी), आकाश (शाहबाद) और अन्य लोग उपस्थित रहे।

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