यूपी में वाहनों पर जातिसूचक या धार्मिक शब्द लिखे मिले तो हो जाइए सावधान ... योगी सरकार करने जा रही है सख्त कार्रवाई

खबर सार :-
यूपी में गाड़ियों पर जातिसूचक या धार्मिक शब्द लिखे होने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। हाईकोर्ट के आदेश के बाद योगी सरकार ऐसे वाहनों के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। परिवहन विभाग अब ऐसे वाहनों के खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी में हैं। ऐसे वाहनों के खिलाफ कार्रवाई के लिए अभियान चलाया जाएगा। वाहनों पर इस प्रकार के शब्द लिखना प्रतिबंधित है।

यूपी में वाहनों पर जातिसूचक या धार्मिक शब्द लिखे मिले तो हो जाइए सावधान ... योगी सरकार करने जा रही है सख्त कार्रवाई
खबर विस्तार : -

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में वाहनों पर जातिसूचक या धार्मिक शब्द लिखे पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उच्च न्यायालय के आदेश के बाद, उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने जातिसूचक शब्दों वाले वाहनों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए हैं। परिवहन विभाग के अधिकारी अब कार्रवाई की तैयारी कर रहे हैं। वे यह भी विचार कर रहे हैं कि वाहनों पर कार्रवाई के लिए किन शब्दों का इस्तेमाल किया जा सकता है।

परिवहन विभाग के अपर परिवहन आयुक्त (प्रवर्तन) संजय सिंह ने बताया कि उच्च न्यायालय के आदेश के बाद परिवहन विभाग ऐसे वाहनों के खिलाफ कार्रवाई करने पर विचार कर रहा है। विभाग को लिखित आदेश मिलते ही पूरे प्रदेश में कार्रवाई के लिए अभियान चलाया जाएगा। वाहनों पर किसी भी प्रकार के शब्द लिखना प्रतिबंधित है। सभी वाहन मालिकों को इसका पालन करना होगा। ऐसा न करने पर जुर्माना और सजा का प्रावधान है।

बसों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी

उन्होंने बताया कि उच्च न्यायालय के आदेश के बाद अब कार्रवाई की तैयारी शुरू हो गई है। परिवहन विभाग इस बात पर भी विचार कर रहा है कि जाति-आधारित फर्म पंजीकृत कराने वाले बस संचालकों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी, क्योंकि वे अपनी बसों पर फर्म का जाति-सूचक नाम लिखते हैं। नए आदेश के तहत, ऐसे वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की रणनीति बनाई जा रही है।

कितना जुर्माना लगाया जा सकता है?

परिवहन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार इस आदेश को लागू करने के लिए तैयार है। ऐसे वाहनों का धारा 192 और धारा 179 के तहत चालान किया जाएगा। पहली बार अपराध करने पर जुर्माना 500 से 5,000 तक होगा। दूसरी बार अपराध करने पर जुर्माना 10,000 और एक साल तक की जेल हो सकती है।

क्या है हाईकोर्ट का आदेश?

हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि जाति-सूचक शब्दों को खत्म करने के लिए, वाहनों पर जाति-सूचक नाम नहीं लिखे जाने चाहिए। ऐसे शब्दों वाले वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। हाईकोर्ट के आदेश के बाद, राज्य सरकार ने भी निर्देश जारी किए हैं। हालांकि, परिवहन विभाग को अभी तक कोई लिखित आदेश नहीं मिला है।

तीन साल पहले भी चलाया गया था अभियान

तत्कालीन अपर परिवहन आयुक्त मुकेश चंद्र ने 2020 में एक आदेश जारी कर नंबर प्लेट या विंडशील्ड पर जातिसूचक शब्द लिखे वाहनों के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया था। इसके बाद परिवहन विभाग, पुलिस और यातायात पुलिस ने अभियान चलाकर कार्रवाई की थी। यह अभियान कुछ दिनों तक चला, लेकिन पिछले तीन सालों से जातिसूचक शब्द लिखे किसी भी वाहन का चालान नहीं काटा गया है।

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