अधिक रेट ने फंसाया अनुबंधित बस का टेंडर, अब संचालन पर मंडराया संकट

खबर सार : -
यूपी रोडवेज ने लखनऊ परिक्षेत्र के 37 नए मार्गों पर 69 बसों का अनुबंध करने के लिए टेंडर निकाला था। इसमें दो बस मालिकों ने इतना अधिक रेट डाल दिया कि इस रेट पर पुराने अनुबंधित बस मालिक बस चलाने को तैयार ही नहीं हैं।

खबर विस्तार : -

लखनऊ। सूबे की योगी सरकार प्रदेश के सभी असेवित गांवों तक बस संचालन की कवायद लंबे समय से कर रही है। इस क्रम में परिवहन निगम की ओर से प्रत्येक गांव को बस सेवा से जोड़ा जा रहा है। शेष बचे गांवों को जोड़ने के लिए परिवहन निगम अनुबंध कर रहा है। हालांकि बस मालिक ही इस पर पानी फेर दे रहे हैं। बसों के अनुबंध के लिए निकाले गए टेंडर में रेट ही अधिक डाल दे रहे हैं। टेंडर में डाले गए रेट पर बसों का अनुबंध कर पाना मुश्किल है।

वहीं दोबारा टेंडर प्रक्रिया पूरी करने में काफी समय लग जाएगा। अनुबंध न हो पाने की स्थिति में इसका खामियाजा यात्रियों को भुगतना पड़ेगा और यूपीएसआरटीसी को भी राजस्व का नुकसान उठाना पड़ेगा। यूपी रोडवेज ने लखनऊ परिक्षेत्र के 37 नए मार्गों पर 69 बसों का अनुबंध करने के लिए टेंडर निकाला था। सप्रू मार्ग स्थित क्षेत्रीय प्रबंधक ऑफिस पर टेंडर की टेक्निकल बिड खोली गई। इसमें दो बस मालिकों ने इतना अधिक रेट डाल दिया कि इस रेट पर पुराने अनुबंधित बस मालिक बस चलाने को तैयार ही नहीं हैं।

इसकी जानकारी पुराने अनुबंधित बस मालिकों ने यूपीएसआरटीसी के अफसरों को भी दी कि इतने अधिक रेट पर बस संचालन करना किसी भी हालत में संभव नहीं है। मौजूदा समय में यूपीएसआरटीसी में जो बसें अनुबंध पर चल रही हैं उनका रेट 16 रुपए प्रति किमी है। वहीं इस बार के टेंडर में दो नए बस मालिकों ने 32.85 रुपए प्रति किमी रेट डाल दिया। अब पुराने बस मालिकों के संचालन से हाथ पीछे खींचने को लेकर इसमें सुधार की कवायद की जा रही है। यूपी अनुबंधित बस ओनर्स एसोसिएशन के संयोजक राकेश बाजपेई ने बताया कि दो बस मालिकों ने इतना अधिक रेट डाल दिया है कि इस दर पर बस संचालन करना असंभव है।

उन्होंने परिवहन निगम प्रबंधन से अधिक रेट डालने वाले बस मालिकों से 50,000 रुपए सिक्योरिटी जमा कराने की मांग की। साथ ही शपथ पत्र लिया जाए जिस पर ये लिखा हो कि दो वर्षों तक बस का संचालन करेंगे। अधिक कीमत पर बस संचालन न कर पाएं तो उनकी जमा सिक्योरिटी जब्त कर ली जाए। वहीं अर्नेस्ट मनी के रूप में जमा होने वाले 30,000 रुपए भी जब्त कर लिए जाएं। इसके अलावा उन पर यह भी प्रतिबंध लगाया जाए कि वह किसी भी परिक्षेत्र में बस अनुबंध न कर पाएं। यानि उन्हें ब्लैक लिस्ट कर दिया जाए। इस मामले में लखनऊ के आरएम आरके त्रिपाठी ने बताया कि 37 नए मार्गों पर 69 अनुबंधित बसों के संचालन के लिए टेंडर ओपेन किया गया था। टेक्निकल बिड खुल चुकी है। यात्रियों को सफर में राहत देने के लिए इन सभी मार्गों पर बस संचालन जल्द शुरू कराया जाएगा। 

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