बिजली कर्मियों पर भारी पड़ रहा निजीकरण का विरोध, जून माह का अब तक नहीं आया वेतन

खबर सार :-
पूर्वांचल और दक्षिणांचल डिस्कॉम के निजीकरण को लेकर ऊर्जा प्रबंधन और बिजली कर्मियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज है। बिजली कर्मियों के निजीकरण के खिलाफ तीव्र विरोध को दबाने के लिए यूपीपीसीएल प्रबंधन नए-नए हथकंडे अपना रहा है। बिजली कर्मचारी नेताओं पर एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है। यूपीपीसीएल प्रबंधन अभियंताओं व कर्मियों का जून माह का वेतन नहीं जारी किया है।

बिजली कर्मियों पर भारी पड़ रहा निजीकरण का विरोध, जून माह का अब तक नहीं आया वेतन
खबर विस्तार : -

लखनऊ : पूर्वांचल (PVVNL) और दक्षिणांचल (DVVNL)  विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के खिलाफ कर्मचारी और इंजीनियर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इस विरोध की कमर तोड़ने के लिए यूपीपीसीएल प्रबंधन छोटी-छोटी गलतियों पर निलंबन जैसी कार्रवाई कर रहा है। इस क्रम में प्रबंधन ने मध्यांचल (MVVNL) विद्युत वितरण निगम के करीब 9000 इंजीनियरों और श्रमिकों का वेतन रोक दिया है। इसके पीछे यह तर्क दिया जा रहा है कि पहले संविदा कर्मियों का वेतन जारी किया जाएगा और उसके बाद अभियंताओं का वेतन जारी किया जाएगा।

ऐसे में निजीकरण के खिलाफ विरोध कर्मचारियों पर भारी पड़ता जा रहा है। कार्रवाई से खुद को बचाने की कोशिश में प्रबंधन कर्मचारियों को परेशान करने के नए-नए हथकंडे अपना रहा है। हालिया मामला वेतन से जुड़ा हुआ है। ऊर्जा विभाग में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ कि इंजीनियरों और कर्मचारियों का वेतन महीने के पहले सप्ताह तक न जारी हुआ हो। अब जून महीने का वेतन न मिलने से इंजीनियर और कर्मचारी खासा परेशान हैं। 6 जुलाई बीत गई लेकिन कर्मचारियों के खाते में वेतन नहीं आया। प्रबंधन के कड़े रुख का ही नतीजा है कि कोई भी कर्मचारी संगठन प्रबंध निदेशक स्तर पर वेतन न मिलने की शिकायत भी दर्ज नहीं करा पा रहा है।

कर्मियों की अटकी ईएमआई 

बिजली विभाग के कई कर्मचारी ऐसे हैं, जिनकी बैंक की ईएमआई अटकी हुई है। किसी को होम लोन की ईएमआई देनी है तो किसी को वाहन की किस्त जमा करनी है। खाते में वेतन न आने से कर्मचारियों को समय पर ईएमआई जमा न कर पाने की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। इसको लेकर कर्मचारी लगातार बैंक से आने वाले मैसेज चेक कर रहे हैं। विभाग के एक अधिकारी का कहना है कि महीने की नौ तारीख को उनकी लोन की किस्त कट जाती है, अगर समय पर वेतन नहीं आया और ईएमआई जमा नहीं हुई तो बैंक उन पर पेनाल्टी लगा सकता है। यह समस्या एक कर्मचारी की ही नहीं, बल्कि छह दर्जन से अधिक कर्मचारियों की है। 

आउटसोर्स कर्मियों को पहले मिले वेतन

यूपीपीसीएल प्रबंधन आदेश जारी किया है कि बिजली विभाग में कार्यरत आउटसोर्स कर्मियों को हर माह की 3 तारीख तक वेतन मिल जाना चाहिए। अगर संविदा कर्मियों को वेतन नहीं मिला तो अफसरों को भी वेतन नहीं मिलेगा। इस आदेश का असर जुलाई माह में देखने को मिला। मध्यांचल डिस्कॉम के कुछ जोन में संविदा कर्मियों को जून माह का वेतन नहीं मिला है। इसकी वजह यह है कि पोर्टल पर कर्मचारियों की अटेंडेंस का सत्यापन नहीं हो पाया है। ऐसे में जब संविदा कर्मचारियों का वेतन नहीं जारी हुआ तो शक्ति भवन के निर्देश पर मध्यांचल निगम के सभी अभियंताओं व कर्मियों का वेतन रोक दिया गया।

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