अयोध्याः योगी सरकार द्वारा सरकारी स्कूलों के विलय को लेकर आप के प्रदेश प्रवक्ता संजीव निगम ने सोमवार को प्रेसवार्ता में कहा कि 27,000 सरकारी स्कूलों को बंद किए जाने के योगी सरकार के फैसले के खिलाफ लोगों में गुस्सा है। गांव-गांव में इसके खिलाफ विरोध-प्रदर्शन शुरू हो चुका है। संजीव निगम ने कहा कि पिछले चार सालों में 42 लाख बच्चों ने सरकारी स्कूलों की शिक्षा छोड़ी है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार 1 साल में यूपी में 8 लाख बच्चों ने सरकारी स्कूलों की शिक्षा छोड़ी है।
संजीव ने कहा कि प्रदेश की सरकार विद्यालय के ऊपर ही बुलडोजर चला रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा के राज में मकान, दुकान, मंदिर, मस्जिद सभी पर बुलडोजर चलाया गया और अब स्कूल पर भी बुलडोजर चल रहा है। उन्होंने कहा कि 5,695 स्कूल ऐसे हैं जहां केवल एक शिक्षक है, केवल अलीगढ़ में ही 58,000 बच्चों ने सरकारी स्कूल की शिक्षा छोड़ दी।
आप प्रवक्ता का कहना था कि पूरे उत्तर प्रदेश में जहां-जहां भी स्कूल बंद किए जाएंगे, वहां आम आदमी पार्टी उन गांव के अंदर और जिला मुख्यालयों पर आंदोलन करेगी। उन्होंने कहा कि हम विद्यालयों को कतई बंद नहीं होने देंगे। आम आदमी पार्टी इसकी लड़ाई लड़ने का काम करेगी। योगी आदित्यनाथ की सरकार प्रदेश के सरकारी स्कूलों को बंद कर रही है। योगी सरकार स्कूलों का विलय करने के बजाए उन्हें बंद कर रही है।
संजीव निगम ने कहां विलय का मतलब स्कूलों को खत्म करना है। सरकारी स्कूलों को बंद करना है। 2024 में उत्तर प्रदेश में 27,308 मदिरालय खोले गए और वही 2025 में 27,000 विद्यालय बंद करने की सरकार की योजना है। संजीव निगम ने कहा कि यह मदिरालय बनाम विद्यालय की लड़ाई है। अब उत्तर प्रदेश की जनता को तय करना है कि उन्हें मधुशाला चाहिए या पाठशाला। उत्तर प्रदेश की जनता को दारू चाहिए या शिक्षा चाहिए।
जिलाध्यक्ष एडवोकेट अनिल प्रजापति ने कहा कि त्ज्म् एक्ट के अनुसार 6 से 14 साल तक की उम्र के बच्चों को निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा दी जाएगी, जबकि 27,000 सरकारी स्कूलों को बंद करके प्रदेश की सरकार शिक्षा के अधिकार का खुला उल्लंघन कर रही है। उन्होंने कहा कि 26000 स्कूल पहले ही बंद हो चुके हैं और अब 27000 स्कूल बंद हो रहे हैं। जिससे लगभग 1 लाख 35000 सहायक शिक्षकों की नियुक्ति, 27000 प्रधानाध्यापको की नियुक्ति और हजारों की संख्या में शिक्षामित्र की नियुक्ति प्रभावित होगी।
संजीव निगम ने आगे कहा कि सरकार तर्क दे रही है कि बच्चे कम आ रहे हैं, सवाल यह है कि बच्चों को प्रेरित करने की जिम्मेदारी किसकी है? आरटीई एक्ट में लिखा है कि 1 किलोमीटर के दायरे में स्कूल होना चाहिए और अगर आबादी को देखते हुए वहां स्कूल खोला गया है, तो उसे बंद करने का क्या कारण है?
अनिल प्रजापति ने आगे कहा कि हमारे देश के प्रधानमंत्री तो गोबर से रोजगार देते हैं यानी उत्तर प्रदेश के लोगों को गोबर के ही लायक समझा जाता है। भाजपा की योजना है कि यह विद्यालय बंद करेंगे, हमें शिक्षा से वंचित करेंगे और हमारे दिमाग में गोबर भरने का काम करेंगे, हिंदू मुसलमान की राजनीति करेंगे और हमारी जिंदगी की बुनियादी जरूरत से हमें दूर कर देंगे, लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे। अयोध्या महानगर अध्यक्ष कुलभूषण साहू प्रेसवार्ता में जिला उपाध्यक्ष संदीप पटेल भी मौजूद रहे।
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