निलंबित सिपाही का खेल! फर्जी दस्तावेजों से खुद को सबित कर दिया निर्देष, वर्षों बाद हुआ खुलासा

खबर सार :-
यूपी पुलिस में कार्यरत एक सिपाही का खेल देखकर हर कोई दंग रह गया। 2005 में भ्रष्टाचार अधिनियम सहित घर में घुसकर डकैती, मारपीट व अन्य गंभीर धाराओं में केस दर्ज होने के बाद सिपाही को निलंबित कर दिया गया, लेकिन उनसे फर्जी दस्तावेजों से खुद को निर्दोष साबित करते हुई फिर नौकरी शुरू कर दी।

निलंबित सिपाही का खेल! फर्जी दस्तावेजों से खुद को सबित कर दिया निर्देष, वर्षों बाद हुआ खुलासा
खबर विस्तार : -

बांदाः लगातार कोर्ट से गैरहाजिर रहने के मामले में जांच के बाद पता चला कि जिस सिपाही का मुकदमा लम्बित है। उसने पहले ही खुद को दोषमुक्त कर लिया है। जी! हाँ बिल्कुल सही पढ़ा आपने! जनपद में भ्रष्टाचार अधिनियम, घर में घुसकर मारपीट, डकैती जैसी गंभीर धाराओं का मुल्जिम सिपाही इतना शातिर निकला कि कोर्ट के फर्जी दस्तावेज बनवाकर खुद को निर्दोष साबित कर दिया। इतना ही नहीं विभाग को ये दस्तावेज सौंपकर नौकरी पर बहाल हुआ और कुछ समय बाद प्रमोशन भी पा लिया। इधर हाजिर न होने पर कोर्ट की ओर से छानबीन की गई तो मामला खुल गया। इस समय लखीमपुर खीरी में मुख्य आरक्षी के पद पर तैनात सिपाही के खिलाफ एसपी ने गंभीर धाराओं में मामला दर्ज कराया है।

वर्ष 2005 से शुरू होता है घटनाक्रम 

घटनाक्रम की शुरुआत वर्ष 2005 से शुरू होती है । तब कोतवाली नरैनी में तैनात रहे सिपाही भाई लाल पर भ्रष्टाचार अधिनियम सहित घर में घुसकर डकैती, मारपीट व अन्य गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की गई थी। विवेचक ने सिपाही के खिलाफ न्यायालय में आरोपपत्र दाखिल किया था। मुकदमा ट्रायल पर रहा। इस दौरान शातिर सिपाही तिकड़म भिड़ाकर मुकदमे की तारीखें बढ़वाता रहा।

कोर्ट ने की छानबीन, तो हुआ मामले का खुलासा

इसी दौरान शातिर सिपाही भाईलाल ने अदालत के कूटरचित दस्तावेज बनवाए, जिसमें उसे दोषमुक्त किया गया था। ये दस्तावेज उसने 28 जून 2016 को विभाग को सौंपे। इस आधार पर उसका निलंबन रद्द हो गया। नौकरी बहाल हो गई और वह कई साल तक नौकरी करता रहा। इस बीच मुख्य आरक्षी पद पर प्रमोशन भी पा गया। इधर तारीखों पर कोर्ट में पेश न होने के कारण न्यायालय ने 12 जून 2024 को इस केस की प्रगति आख्या मांगी तो पूरा मामला खुल गया। जांच में स्पष्ट हो गया कि मुख्य आरक्षी ने कूटरचित दस्तावेजों के सहारे खुद को दोषमुक्त बताने वाला निर्णय विभाग को दिया है।

एसपी के आदेश पर रिपोर्ट दर्ज

पुलिस अधीक्षक पलाश बंसल ने मुख्य आरक्षी भाई लाल के ऊपर कई गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराई है। जानकारी के मुताबिक भाई लाल इस समय लखीमपुर खीरी जनपद में तैनात है। नरैनी कोतवाली इंस्पेक्टर संदीप तिवारी ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि मुख्य आरक्षी ने कूटरचित दस्तावेजों का प्रयोग कर अपने को दोषमुक्त करा लिया था। पुलिस अधीक्षक के आदेश पर गुमराह करना, धोखाधड़ी, कूटरचित दस्तावेज का इस्तेमाल करने की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की गई है।

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