UP ISI Network : पाक के लिए जासूसी करने के आरोप में वाराणसी के तुफैल और दिल्ली निवासी मोहम्मद हारुन की गिरफ्तारी के साथ ही उत्तर प्रदेश में इंटर-संर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के एक महत्वपूर्ण गुप्त नेटवर्क का खुलासा हुआ है। एटीएस (एंटी-टेररिस्ट स्क्वॉड) ने जब तुफैल और हारून से पूछताछ की तो सामने आया है कि इन दोनों के संपर्क में यूपी के कई शहरों के अन्य युवक भी थे, जिनकी अब सघनता से जांच की जा रही है। यह जानकारी मिलने के बाद से उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों में जांच एजेंसियां सक्रिय हो गई हैं। तुफैल और हारून से सम्बंध रखने वाले संदिग्ध युवाओं की तलाश तेज कर दी गई है।
एटीएस की छानबीन में एक चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं। एटीएस से मिली जानकारी के अनुसार पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई ने उत्तर प्रदेश के कई शहरों में अपने एजेंटों का एक व्यापक नेटवर्क खड़ा कर लिया है। लखनऊ, कानपुर, रामपुर, अलीगढ़, मुरादाबाद, बरेली, मेरठ, सहारनपुर समेत कई अन्य शहरों में पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई के एजेंट सक्रिय हैं। यह नेटवर्क विशेष रूप से इंटरनेट मीडिया का उपयोग करता है।
इसके माध्यम से युवाओं को देश विरोधी गतिविधियों के कामों को अंजाम देने के लिए उकसाया जा रहा है। जांच एजेंसियां ऐसी गतिविधियों में लिप्त सभी संदिग्ध युवकों को लेकर अपनी छानबीन को तेजी से आगे बढ़ा रही हैं।
वाराणसी निवासी तुफैल, जो हाल ही में गिरफ्तार हुआ है, उम्मीद-ए-शहर नामक एक व्हाट्सएप ग्रुप के ज़रिए पाक में बैठे आईएसआई एजेंटों के सीधे संपर्क में था। एटीएस को उसके मोबाइल फोन से पाक के कई संदिग्ध नंबर मिले हैं, जो इस नेटवर्क की गहरी जड़ों का संकेत देते हैं।
वहीं, दिल्ली निवासी मोहम्मद हारुन ने भी पूछताछ में अपने संपर्क में रहे कई अन्य युवकों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी एटीएस से साझा की है। एटीएस हारुन के बैंक खातों के बारे में भी जानकारी जुटा रही है, ताकि यह पता चल सके कि इन सारी गतिविधियों के लिए धन का उपयोग कैसे और कहां-कहां हो रहा था। विशेष रूप से, पाक उच्च आयोग के कर्मचारी मुजम्मल हुसैन द्वारा हारुन को उपलब्ध कराई गई रकम को कहां और कैसे खर्च किया गया इसको लेकर भी गहन छानबीन जारी है।
एटीएस ने 21 मई को पाक के लिए जासूसी करने के आरोप में वाराणसी के तुफैल और दिल्ली निवासी मोहम्मद हारुन को अलग-अलग स्थानों से गिरफ्तार किया था। दोनों को सात दिनों की पुलिस रिमांड पर लिया गया है, और उनसे लगातार पूछताछ की जा रही है। इनसे मिली जानकारियों के आधार पर, एटीएस की टीमें अब उत्तर प्रदेश के अलग-अलग शहरों में सक्रिय हो गई हैं, ताकि इस पूरे जासूसी नेटवर्क के राज को बेनकाब किया जा सके और इसमें शामिल सभी लोगों को कानून के शिकंजे में लाया जा सके। यह ऑपरेशन देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
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